Connect with us

Hi, what are you looking for?

उत्तराखंड

त्रिवेंद्र रावत सरकार की धज्जियां उड़ाने के चलते संपादक सेमवाल किए गए गिरफ्तार : उमेश कुमार

पर्वतजन मैग्जीन और पोर्टल के संपादक शिव प्रसाद सेमवाल को गिरफ्तार कर ले जाती पुलिस टीम.

समाचार प्लस न्यूज चैनल के सीईओ और एडिटर इन चीफ रहे उमेश कुमार ने पर्वतजन मैग्जीन व न्यूज पोर्टल के संपादक और निर्भीक पत्रकार शिव प्रसाद सेमवाल की गिरफ्तारी पर गहरा रोष प्रकट करते हुए त्रिवेंद्र रावत सरकार पर आरोप लगाया कि उसने सच्चाई लिखने दिखाने वाले पत्रकारों को किसी कीमत पर प्रताड़ित करने का नीति बना ली है.

यही कारण है उत्तराखंड में राज्य में सीएम त्रिवेंद्र रावत के इर्दगिर्द पसरे भ्रष्टाचार का स्टिंग कराने के कारण खुद उन्हें (उमेश कुमार को) गिरफ्तार कर दो-दो राज्यों की जेलों में रखा गया और मनोबल तोड़ने की कोशिश की गई. इसी क्रम में पिछले दिनों फेसबुक पर सीएम को लेकर बेबाक सच लिखने वाले युवक को जेल भेजा गया. इसी कड़ी में कई लोग धरे गए, जेल भेज गए. ताजा घटनाक्रम पर्वतजन के संपादक शिव प्रसाद सेमवाल की गिरफ्तारी है.

उमेश कुमार ने बताया कि राज्य सरकार के इशारे पर सूचना एवं लोकसंपर्क विभाग के सहायक निदेशक रवि बिजरानिया पर्वतजन पर राज्य सरकार के खिलाफ छापने को लेकर पोर्टल के संपादक शिव प्रसाद सेमवाल के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज करा चुके हैं. पिछले काफी समय से सेमवाल मैग्जीन व पोर्टल पर उत्तराखंड में सीएम त्रिवेंद्र रावत सरकार के भ्रष्टाचार और कुनीति से संबंधित खबरें छाप रहे थे.

Advertisement. Scroll to continue reading.
उमेश कुमार

सरकार ने मुंह बंद करने के लिए सत्ता के डंडे का सहारा लिया है और एक झूठे मामले में, जिसका मुख्य आरोपी कोई और है, सेमवाल को पूछताछ के लिए थाने बुलवाया जाता है और अचानक गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जाता है. जैसा कि सरकारों की आदत है, पत्रकार को गिरफ्तार करने के बाद उसके चरित्र हनन की कोशिश की जाती है और मीडिया में बताया छपवाया जाता है कि इस गिरफ्तार पत्रकार के खिलाफ पहले भी कई शिकायतें थीं.

उमेश का कहना है कि सेमवाल लगातार 17 साल से पर्वतजन मैग्जीन प्रकाशित कर रहे हैं. वे एक प्रतिष्ठित पत्रकार हैं. उनके खिलाफ जो शिकायतें हैं, वह सब बेबाक खबरें लिखने के कारण हैं. इस बार भी उन्हें दूसरे के मामले में फंसाकर गिरफ्तार किया गया और यह गिरफ्तारी विशुद्ध रूप से खबर छापने के कारण हुई है. आजकल बेबाक छापने दिखाने वाले पत्रकार पर रंगदारी-ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाना आम चलन हो गया है. ऐसे आरोप के जरिए आरोपी खुद के दाग छिपाने की कोशिश करते हैं.

देहरादून के सहसपुर थानाध्यक्ष पीडी भट्ट का बयान पढ़ लीजिए. वे खुद कह रहे हैं- ”पीड़ित की शिकायत पर 27 अक्तूबर का मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की गई. साक्ष्यों का संकलन कर मुख्य आरोपी अमित के आवास पर दबिश दी गई। अमित के लगातार गायब रहने पर उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट के लिए अदालत में प्रार्थनापत्र दिया गया। पोर्टल के संपादक शिवप्रसाद सेमवाल को बयान दर्ज करने के लिए थाने बुलाया गया था। पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर सेमवाल को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि सेमवाल के खिलाफ पहले भी कैंट कोतवाली में रंगदारी और अन्य स्थानों पर मानहानि के कई मुकदमे विचाराधीन हैं।”

Advertisement. Scroll to continue reading.

अमर उजाला अखबार में छपे थानेदार के बयान से साफ है कि सेमवाल इस केस में मुख्य आरोपी नहीं हैं. सेमवाल को बयान दर्ज करने के लिए थाने बुलाया गया लेकिन धोखे से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. सेमवाल के खिलाफ जो पहले से मुकदमें हैं वह सरकार द्वारा लिखाए गए हैं. इससे समझ में सबको आ जाना चाहिए कि असल समस्या राज्य सरकार का फेल्योर है, जिसे छिपाने के लिए सच्ची खबर छापने वालों, खरी खरी बात बोलने वालों पर गाज गिराई जा रही है.

पर इतिहास गवाह है कि कोई व्यक्ति जब सत्ता में बैठकर तानाशाह होकर मनमर्जी करने लगता है तो एक दिन जनता उसे उठा कर जमीन पर पटक देती है और बाद में समय उसे कूड़ेदान में सड़ने बजबजाने के लिए छोड़ देता है. आज उत्तराखंड एक तरह से तानाशाही की गिरफ्त में है. ऐसे में सत्य के साथ खड़े होने वालों को बिना डरे आवाज उठाते रहना चाहिए ताकि उत्तराखंड में लोकतंत्र की परमानेंट हत्या न हो सके.

Advertisement. Scroll to continue reading.

मूल खबर पढ़ें-

उत्तराखंड में निर्भीक पत्रकारिता करना ‘पर्वतजन’ न्यूज पोर्टल के संपादक शिव प्रसाद सेमवाल को पड़ा महंगा, भेजे गए जेल

https://youtu.be/7Ky7HhbqBHI
Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement