सुपरटेक ट्विन टॉवर करप्शन प्रकरण की एसआईटी से जांच के बाद शासन के आदेश पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और 120 – बी धारा व धारा 166 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. एसआईटी जांच में कुल 30 अधिकारियों को दोषी पाया गया. एफआईआर में चार रिटायर आईएएस अफसर भी हैं. साथ ही सुपरटेक के निदेशक भी शामिल हैं.
सुपरटेक बिल्डर ने ट्विन टावर गिराने के लिए अतिरिक्त वक्त मांगा है. बिल्डर ने पत्र के माध्यम से नोएडा प्राधिकरण से अतिरिक्त साढ़े 6 महीने का वक्त मांगा है।
सुपरटेक ट्विन टॉवर मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने जांच के लिए 4 सदस्य एसआईटी का गठन किया था. इस दौरान एसआईटी के चारों सदस्यों ने नोएडा अथॉरिटी में डेरा डाला और कई दिनों तक दस्तावेज खंगाले. दस्तावेज़ के आधार पर मुकदमा दर्ज कराया गया. देखें आरोपियों की लिस्ट-
1.सेवानिवृत्त CEO मोनिंदर सिंह मुकदमा दर्ज,
2.सेवानिवृत्त CEO एस.के द्विवेदी,
3.सेवानिवृत्त ACEO आर.पी अरोड़ा,
4.सेवानिवृत्त ACEO पी.एन बाथम,
5.सेवानिवृत्त OSD यशपाल सिंह,
6.सहयुक्त नगर नियोजक, ऋतुराज व्यास,
7.नगर नियोजक, ए.के मिश्रा,
8.सेवानिवृत्त वरिष्ठ नगर नियोजक, राज्यपाल कौशिक,
9.सेवानिवृत्त मुख्य वास्तु विधि नियोजक, त्रिभुवन सिंह,
10.सेवानिवृत्त उप महाप्रबंधक ग्रुप हाउसिंग, शैलेन्द्र कैरे,
11.सेवानिवृत्त परियोजना अभियंता V, बाबूराम,
12.सेवानिवृत्त प्लानिंग असिस्टेंट, टी. एन पटेल,
13.सेवानिवृत्त मुख्य वास्तु विधि नियोजक, वी. एन देवपुजारी,
14.अनिता, प्लानिंग असिस्टेंट,
15.सेवानिवृत्त एसोसिएट आर्किटेक्ट, एक. के कपूर,
16.नियोजक सहायक, मुकेश गोयल,
17.सेवानिवृत्त सहायक वास्तविद, प्रवीण श्रीवास्तव,
18.सेवानिवृत्त विधि अधिकारी, ज्ञानचंद,
19.सेवानिवृत्त विधि सलाहकार, राजेश कुमार,
20.विमला सिंह, सहयुक्त नगर नियोजक,
21.सेवानिवृत्त महाप्रबंधक, विपिन गौड़,
22.सेवानिवृत्त परियोजना अभियंता, एम.सी त्यागी,
23.मुख्य परियोजना अभियंता, के.के पांडेय,
24.सेवानिवृत्त वित्त नियंत्रक, ए.सी सिंह,
25.आर. के अरोड़ा, निदेशक, सुपरटेक,
26.संगीता अरोड़ा, निदेशक
27.अनिल शर्मा, निदेशक,
28.विकास कंसल, निदेशक,
29.दीपक मेहता, वास्तुविद
30.नवदीप, वास्तुविद (आर्किटेक्ट)