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दैनिक जागरण के क्रूर उत्पीड़न के शिकार होकर अधनंगे हो चुके इन सैकड़ो मीडियाकर्मियों को आपके समर्थन की जरूरत है

Yashwant Singh : अदभुत वक्त है ये. अदभुत सरकार है ये. ताकतवर लोगों, कट्टर लोगों, पूंजीवादी लोगों, बाहुबली लोगों का राज चल रहा है. सरकार जनता के मसलों पर चुप है. महंगाई पर चुप है, उत्पीड़न पर चुप है, शोषण पर चुप है. बस केवल जो अनर्गल मुद्दे हैं, उनको हवा दी जा रही है, अनर्गल मुद्दों के आधार पर जनता का बंटवारा किया जा रहा है. मोदी से मीडिया वालों को बहुत उम्मीदें थीं. आखिर कांग्रसी अराजकता का दौर जो खत्म हुआ था. लेकिन मोदी ने मीडिया वालों को यूं निराश किया और अराजकता की ऐसी कहानी लिखनी शुरू की है कि सब सकते में है.

<p>Yashwant Singh : अदभुत वक्त है ये. अदभुत सरकार है ये. ताकतवर लोगों, कट्टर लोगों, पूंजीवादी लोगों, बाहुबली लोगों का राज चल रहा है. सरकार जनता के मसलों पर चुप है. महंगाई पर चुप है, उत्पीड़न पर चुप है, शोषण पर चुप है. बस केवल जो अनर्गल मुद्दे हैं, उनको हवा दी जा रही है, अनर्गल मुद्दों के आधार पर जनता का बंटवारा किया जा रहा है. मोदी से मीडिया वालों को बहुत उम्मीदें थीं. आखिर कांग्रसी अराजकता का दौर जो खत्म हुआ था. लेकिन मोदी ने मीडिया वालों को यूं निराश किया और अराजकता की ऐसी कहानी लिखनी शुरू की है कि सब सकते में है.</p>

Yashwant Singh : अदभुत वक्त है ये. अदभुत सरकार है ये. ताकतवर लोगों, कट्टर लोगों, पूंजीवादी लोगों, बाहुबली लोगों का राज चल रहा है. सरकार जनता के मसलों पर चुप है. महंगाई पर चुप है, उत्पीड़न पर चुप है, शोषण पर चुप है. बस केवल जो अनर्गल मुद्दे हैं, उनको हवा दी जा रही है, अनर्गल मुद्दों के आधार पर जनता का बंटवारा किया जा रहा है. मोदी से मीडिया वालों को बहुत उम्मीदें थीं. आखिर कांग्रसी अराजकता का दौर जो खत्म हुआ था. लेकिन मोदी ने मीडिया वालों को यूं निराश किया और अराजकता की ऐसी कहानी लिखनी शुरू की है कि सब सकते में है.

ऐसे में वेज बोर्ड लागू कराने के लिए मीडिया वालों को अर्द्धनग्न होकर प्रदर्शन करना पड़ रहा है. अपना हक मांगने पर निलंबन की कार्यवाही झेल रहे दैनिक जागरण के सैकड़ों मीडियाकर्मियों के पक्ष में कोई आवाज नहीं उठ रही है. आखिर मीडिया वालों के उत्पीड़न शोषण की कहानी कौन छापेगा, कौन दिखाएगा क्योंकि सारे मीडिया मालिक अपने इंप्लाइज के शोषण उत्पीड़न के मसले पर एक जो हैं. ऐसे में हमको आपको इन्हें सपोर्ट करना होगा, इनकी आवाज में अपनी आवाज मिलाकर इनकी लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाना होगा. अपने व्यस्त समय में से कुछ वक्त निकाल कर इन आंदोलनकारी मीडियाकर्मियों को सपोर्ट करें. ज्यादा जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें: Protest

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भड़ास एडिटर यशवंत सिंह के फेसबुक वॉल से.

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0 Comments

  1. deepak kumar pandey

    October 20, 2015 at 12:19 am

    media ki maya kahin dhoop khi chhaya…

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