स्वराज एक्सप्रेस एसएमबीसी चैनल में छत्तीसगढ़ में कार्यरत स्ट्रिंगरों
को बेहद अपमानजनक स्थिति का सामना करना पड़ा. दरअसल इस चैनल का संचालन
पिछले पांच सालों से फोरकार्नर मल्टीमीडिया के माध्यम से नमित जैन जी कर
रहे थे. लेकिन 1 जनवरी 2021 से इस चैनल के मालिक आरकेडीएफ विश्वविद्यालय
समूह के मिस्टर कपूर ने चैनल को स्वयं संचालित करने का निर्णय लिया है.
इसी के तहत रविवार 10 जनवरी को छत्तीसगढ़ के सभी स्ट्रिंगरों की एक
मीटिंग रायपुर के एक होटल में आयोजित की गई थी. मीटिंग लेने चैनल के सीईओ
मनीष चौधरी भोपाल से आये हुए थे, लेकिन इन्होंने स्ट्रिंगरों से जो
व्यवहार किया, वो बेहद आपत्तिजनक था और मीटिंग में आये स्ट्रिंगरों ने
खुले तौर पर इसका विरोध भी किया.
स्ट्रिंगरों से किये गये अपमानजनक व्यवहार की जानकारी इस प्रकार है. सभी
स्ट्रिंगरों को सुबह 11 बजे मीटिंग में वीआईपी रोड स्थित एक होटल में
बुलाया गया था,लेकिन चैनल के सीईओ ने मीटिंग के लिये केवल एक रुम बुक
किया था. जब करीब 30-35 की संख्या में स्ट्रिंगर उस होटल में पहुंचे,तो
उनके लिये बैठने तक की जगह नहीं थी और इन स्ट्रिंगरों को होटल के मैनेजर
ने यह कहकर बाहर कर दिया कि आपके चैनल प्रबंधन ने केवल एक कमरा बुक किया
है और इतने सारे लोगों को बुलाया गया है,जो गलत है..होटल के मैनेजर ने
सीईओ मनीष चौधरी से भी कहा कि आप लोगों को एक रुम की बजाय मीटिंग हॉल बुक
करना था. ऐसी स्थिति में किसी तरह होटल के बाहर लॉन में स्ट्रिंगरों को
बैठने कहा गया.
इसके बाद स्ट्रिंगरों को एक एक करके होटल के रुम में बुलाया गया. रुम में
घुसने से पहले स्ट्रिंगरों के मोबाइल को बंद कराया जा रहा था और फिर उसके
बाद उन्हें चैनल में काम करने की सेवा शर्त बताई गई. उनसे कहा गया कि
आपको यदि चैनल में आगे काम करना है तो 25 हजार रुपये हर साल चैनल में जमा
करना होगा,इसके अलावा साल के तीन अवसरों 26 जनवरी,15 अगस्त और दीपावली
में 35 से 40 हजार रुपये का विज्ञापन लाना अनिवार्य होगा,जिसमें से 15
प्रतिशत कमीशन स्ट्रिंगरों को दिया जायेगा.इस कमीशन के अलावा स्ट्रिंगरों
को किसी तरह का भुगतान चैनल द्वारा नहीं किया जायेगा.चैनल के सीईओ द्वारा
बताये जा रहे इन सेवा शर्तों का कुछ स्ट्रिंगरों ने विरोध किया कि हम
पिछले पांच साल से इस चैनल से जुड़े हैं और आज तक इस प्रकार पैसे की मांग
नहीं की,तो इस पर सीईओ मनीष चौधरी ने कहा कि हमारी यही पॉलिसी है,काम
करना है तो पैसे देना ही पड़ेगा.
मीटिंग में कुछ स्ट्रिंगर ऐसे भी थे,जो 350-400 किलोमीटर की दूरी तय करके
आये थे,लेकिन चैनल प्रबंधन ने उनको चाय तक नहीं पिलाया. कुछ स्ट्रिंगरों
द्वारा इस संबध में नाराजगी जाहिर करने पर किसी तरह से चाय की व्यवस्था
कराई गई,लेकिन बिस्किट की मांग करने पर होटल के वेटर ने कहा कि आप लोगों
को केवल चाय पिलाने के लिये कहा गया है,बिस्किट के लिये नहीं. कुल मिलाकर
मीटिंग में पहुंचे इन स्ट्रिंगरों का स्वराज एक्सप्रेस एसएमबीसी चैनल
प्रबंधन की ओर से खूब अपमान किया गया और अंत में सभी स्ट्रिंगरों ने एक
मत से कहा कि आपकी सेवा शर्तें हमें स्वीकार नहीं और अब हम आपके चैनल में
काम नहीं कर सकते.
चैनल की आईडी के एवज में 25 हजार की डिमांड
छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश के रीजनल न्यूज चैनल स्वराज एक्सप्रेस जिसका छःग. में संचालन फोर कार्नर मल्टीमीडिया ग्रुप करता आ रहा था। स्वराज एक्सप्रेस ने अब फोर कॉर्नर मल्टीमीडिया और छःग. की फ्रेंचाइजी से किनारा कर लिया है। बीते 31 दिसंबर को स्वराज का छःग. की फ्रेंचाइजी से एग्रीमेंट खत्म हो गया जिसके बाद अब स्वराज एक्सप्रेस न्यूज से जुड़े स्ट्रिंगर बेसहारा हो गए है।
स्वराज एक्सप्रेस को छःग. शासन से सरकारी विज्ञापन और डीपीआर के रूप में एक बड़ी रकम मिलती है जिसे लेकर वर्तमान समूह छोड़ना नही चाहता। पुराने स्ट्रिंगरों का शोषण करके वो अपनी दुकान छ:ग. में जमाये रखना चाहता है। नए स्वराज एक्सप्रेस का संचालन मध्यप्रदेश के आरकेडीएफ नाम की संस्थान कर रही है जो कि एजुकेशन बिजनेस से जुड़ा है
स्वराज को टेकओवर करने वाले नए ग्रुप ने सभी संवाददाताओं को 10 जनवरी को रायपुर के एक निजी होटल में मिटिंग के उद्देश्य से बुलाया। जिससे स्ट्रिंगरों को लगने लगा कि नया समूह फिर से पुरानी टीम के साथ काम करना चाहता है। ऐसे में उत्साह से भरे स्ट्रिंगर छग के बस्तर से लेकर बलरामपुर जिले से नए समूह से मुलाकात करने पहुंचे। वहाँ पहुंचे स्ट्रिंगरों तब हताश महसूस करने लगे जब उन्हें एक कमरा नंबर 312 में बुलाया गया जहाँ वन टू वन खबरों के बारे में पूछताछ करने के बाद मैनेजमेंट की तरफ से पहुंचे व्यक्ति ने कहा कि अगर स्वराज के साथ भविष्य में जुड़कर काम करना चाहते हो तो आपको आईडी की एवज में 25 हजार रुपये सिक्योरिटी के तौर पर डिपॉजिट करना होगा वही साल भर में विज्ञापन के लिए लगभग 1लाख का रेवेन्यू कंपनी को देना होगा।
ये डिमांड सुनकर स्ट्रिंगरों के चेहरे से हवाइयां उड़ गई वही उन्होंने जब मैनेजमेंट से पूछा कि खबरों की एवज में स्ट्रिंगरों को कोई पारिश्रमिक या भुगतान किया जाएगा क्या इस पर कंपनी की तरफ से आये व्यक्ति ने जवाब देते हुए कहा कि वेतन या भुगतान तो नही पर आपके द्वारा दिये जाने वाले विज्ञापन में से 15% कमीशन जरूर मिल जाएगा। फिर क्या था बेचारे स्ट्रिंगर मुँह लटकाकर वहां से बाहर आये और दूसरे जिलों से आये स्ट्रिंगरों को आपबीती सुनाने लगे। सरगुजा संभाग से आये
एक स्ट्रिंगर ने गुस्से में कहा कि अगर यही बात फोन पर बता दिया गया होता तो अपने खर्चे से 350 कि. मी. का सफर कर अपने पैसे की बर्बादी नही करते। दूर दूर से पहुंचे स्ट्रिंगरों को उस आलीशान होटल में एक गिलास पानी और चाय तक नही पूछा गया ऐसे में गुस्साए स्ट्रिंगरों ने मैनेजमेंट तक अपनी यह बात पहुंचा दी जिसके बाद चंद बचे खुचे संवाददाता के लिए चाय पानी की व्यवस्था की गई। मैनेजमेंट से मिलने के बाद सभी स्ट्रिंगरों ने अपना मुंह लटका कर वहां से जाने में ही अपनी भलाई समझी चूंकि साल भर में खबरों के एवज में कोई मानदेय नही मिलना वही 25 हजार का डिमांड पूरा करना अपने बस की बात नही लगी।
अब हताशा से भरे कुछ स्ट्रिंगरों ने कोई नया चैनल न मिलने तक पुराने संस्थान की तरफ अपनी उम्मीद जताई कि स्वराज न सही पुराने संस्थान के वेब न्यूज लल्लूराम में ही न्यूज भेजना एकमात्र विकल्प है। वैसे पुराने संस्थान में भी स्ट्रिंगरों को किसी तरह का कोई मानदेय या सम्मान राशि पिछले डेढ़ सालो से नही दिया गया है वही पिछला संस्थान अपने चैनल के स्ट्रिंगरों को अधिमान्यता के लिए अपना संवाददाता बताने में भी हिचक दिखाई पर स्ट्रिंगरों की किस्मत में शोषण और मजबूरी की दास्तान कारपोरेट समूहों ने लिख दी है।
मीडियाकर्मियों द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
Vinay kumar
January 13, 2021 at 10:53 pm
ये RKDF समूह के मिस्टर कपूर वो ही है जो दिल्ली से भी एक स्वराज न्यूज़ चलाये है।जिसका केस अभी अदालत में चल रहा है….
विनय कुमार
January 14, 2021 at 1:58 pm
ये RKDF समूह के मिस्टर कपूर वो ही है जो दिल्ली से भी एक स्वराज न्यूज़ चलाये है जिसको गुरदीप सप्पल और अमृता राय के नेतृत्व में चला।जिसका केस अभी अदालत में चल रहा है….