Connect with us

Hi, what are you looking for?

उत्तर प्रदेश

जमीन खरीदारों को लूटने वाले ‘गैंग आफ गाजीपुर’ से सावधान! (पढ़ें सदस्यों के नाम)

डा. फकरे आलम, अमित सिंह, बबलू यादव, इन्दूबाला सिंह, आदित्य सिंह, सत्यबिन्दु सिंह, हरी यादव, प्रदीप जैसवाल, बिनोद कुमार तिवारी आदि हैं इस गैंग के सक्रिय सदस्य… फर्जी बैंक एकाउंट, फर्जी आईडी प्रूफ और फर्जी रजिस्ट्री के माध्यम से जमीन खरीदने वालों को ये ठगते हैं और लाखों-करोड़ों का चूना लगा देते हैं… ये लोग पुलिस और प्रशासन को मैनेज कर जांच लटकाने में भी हैं सक्षम.. पढ़िए एक पीड़ित की दास्तान जिसने यूपी के नए मुख्यमंत्री से लगाई है गुहार…..

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p><strong><span style="font-size: 14pt;">डा. फकरे आलम, अमित सिंह, बबलू यादव, इन्दूबाला सिंह, आदित्य सिंह, सत्यबिन्दु सिंह, हरी यादव, प्रदीप जैसवाल, बिनोद कुमार तिवारी आदि हैं इस गैंग के सक्रिय सदस्य... फर्जी बैंक एकाउंट, फर्जी आईडी प्रूफ और फर्जी रजिस्ट्री के माध्यम से जमीन खरीदने वालों को ये ठगते हैं और लाखों-करोड़ों का चूना लगा देते हैं... ये लोग पुलिस और प्रशासन को मैनेज कर जांच लटकाने में भी हैं सक्षम.. पढ़िए एक पीड़ित की दास्तान जिसने यूपी के नए मुख्यमंत्री से लगाई है गुहार.....</span></strong></p>

डा. फकरे आलम, अमित सिंह, बबलू यादव, इन्दूबाला सिंह, आदित्य सिंह, सत्यबिन्दु सिंह, हरी यादव, प्रदीप जैसवाल, बिनोद कुमार तिवारी आदि हैं इस गैंग के सक्रिय सदस्य… फर्जी बैंक एकाउंट, फर्जी आईडी प्रूफ और फर्जी रजिस्ट्री के माध्यम से जमीन खरीदने वालों को ये ठगते हैं और लाखों-करोड़ों का चूना लगा देते हैं… ये लोग पुलिस और प्रशासन को मैनेज कर जांच लटकाने में भी हैं सक्षम.. पढ़िए एक पीड़ित की दास्तान जिसने यूपी के नए मुख्यमंत्री से लगाई है गुहार…..

Advertisement. Scroll to continue reading.

सेवा में,

श्री योगी आदित्य नाथ जी
माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेष

Advertisement. Scroll to continue reading.

महोदय,

मैं सुनील कुमार सिंह (पुत्र रमाशंकर सिंह ग्राम-बक्सुपुर पोस्ट-पीथापुर, जिला गाजीपुर) हूं. बात माह दिसम्बर 2014 की है. गाजीपुर के एक डा. फकरे आलम नामक शख्स जो नई बस्ती रजदेंपुर गाजीपुर में रहता है और मेरा पूर्व परिचित है, ने बताया कि अन्धऊ गांव में एक जमीन बिकाऊ है जिसका एग्रीमेंट अमित सिंह के नाम है, अगर आप लेना चाहते हैं तो देख लीजिए. तब मैंने उस जमीन को जाकर देखा. वह जमीन पराग डेयरी के बगल में सटी हुयी है. मुझे पसन्द आ गयी. मैं डा. फकरे आलम के माध्यम से प्रापर्टी डीलर अमित सिंह (पुत्र संकठा सिंह निवासी चन्दन नगर रौजा गाजीपुर) से मिला. इनसे जमीन से संबंधित कागज, रजिस्ट्री की नकल व खतौनी मुआयना करने के लिए मांगा. दूसरे दिन रजिस्ट्री व खतौनी की नकल अमित सिंह व डा. फकरे आलम ने दिया. मैंने मौका मुआयना कराया तो जमीन सही पाया.

Advertisement. Scroll to continue reading.

मैंने अमित सिंह और डा. फकरे आलम से कहा कि हमे जमीन के मालिक से मुलाकात करा दें. तब ये लोग बोले कि पार्टी को बार-बार बुलाना सम्भव नहीं है. डाक्टर फकरे आलम ने कहा कि जमीन के मालिक हमारे रिश्तेदार हैं, चिन्ता की कोई बात नहीं है, रजिस्ट्री के दिन तो वे आयेंगे ही. अमित सिंह की मां श्रीमती इन्दूबाला सिंह ने कहा कि मैं जमीन की मालकिन श्रीमती उसमानी आसिया बानो के पति डाक्टर जुबैर अहमद के अन्डर में नौकरी कर चुकी हूं और यह जमीन श्री गोपी यादव से मेरे सामने ही इन लोगों ने रजिस्ट्री करायी थी.

अमित सिंह एवं डा. फकरे आलम ने कहा कि अगर मेरे बातों पर विश्वास नहीं है तो आप जमीन की बाउन्ड्री ऊंची करा लें एवं गेट लगवा लें. कई दिन लगकर मेरे सामने डा. फकरे आलम, अमित सिंह, बबलू यादव पूत्र श्री तेजू यादव, हरी यादव, प्रदीप जैसवाल, श्री बिनोद कुमार तिवारी आदि ने मिलकर बाउन्ड्री करायी. दिनांक 12-12-2014 को इस जमीन के लिए अमित सिंह एवं इन्दूबाला सिंह से छप्पन लाख रुपये में सौदा तय हो गया. उसी दिन अमित सिंह को दो लाख रुपये एडवान्स नगद दिया. अमित सिंह ने 10 रुपये के स्टाम्प पर एडवान्स प्राप्त करने का रसीद दिया. गवाह के तौर पर हरि यादव निवासी चन्दन नगर कालोनी एवं डा. फकरे आलम न्यू कालोनी रजदेपुर ने हस्ताक्षर किये.

Advertisement. Scroll to continue reading.

दिनांक 19-12-2014 को रजिस्ट्री करने हेतु तथाकथित रजिस्ट्रीकर्ता श्रीमती उसमानी आसिया बानो (असली नाम बासमती देवी) एवं तथाकथित डा. जुबैर अहमद (असली नाम अमरनाथ) को अमित सिंह, इन्दूबाला सिंह, बबलू यादव, डा. फकरे आलम, प्रदीप जैसवाल, बिनोद कुमार तिवारीं एवं अन्य दो व्यक्ति लेकर आये और मुझसे नन्द रेजिडेन्सी होटल में मिलवाये. तथाकथित उसमानी आसिया बानो ने अपना वोटर आईडी व बैंक पासबुक दिखाया. मैंने अमित, इन्दूबाला, बबलू एवं डा. फकरे आलम के कहने पर अमित सिंह के वकील आनन्द द्विवेदी को दो लाख रुपये स्टाम्प खरीदने के लिये दिया.  चौबीस लाख रुपये का ड्राफ्ट दिया. नगद दो लाख अमित सिंह को दिया.  अट्ठारह लाख का चेक डा. फकरे आलम को दिया. बाकी पैसा दाखिल खारिज के बाद देना तय हुआ.

उसी दिन इन लोगों ने मुझे फर्जी रजिस्ट्री करा दी. अमित सिंह एवं डा. फकरे आलम बार-बार बाकी पैसे मांगने लगा. यहां तक बोले कि हमने बाउन्ड्री खड़ा होकर करा दी, रजिस्ट्री करा दी, अब क्या पूरा बिल्डिंग बन जाने पर पैसा दोगे? उनके दबाव में आकर 06-01-2015 को दो लाख रुपये अपने खाते से अमित सिंह के खाते में आरटीजीएस द्वारा स्थानान्तरित कर दिया. इस प्रकार कुल 48 लाख रुपये अमित सिह, इन्दूबाला सिंह, डा. फकरे आलम, बबलू यादव, प्रदीप जैसवाल, बिनोद कुमार तिवारी, बासमती, अमरनाथ एवं अन्य ने धोखाधड़ी करके मुझसे ले लिया. उल्लेखनीय है कि बासमति देवी और अमरनाथ ने फर्जी पती-पत्नी उसमानी आसिया बानो बेगम एवं डा0 जुबैर अहमद बनकर इनके नाम से पंजाब नेशनल बैक गाजीपुर में ज्वायंट खाता खोला हुआ है जिसका सत्यापन प्रदीप जैसवाल ने किया हुआ है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

जब मैं खारिज-दाखिल कराने 28-01-2015 को सदर तहसील गाजीपुर गया तो पता चला कि खारिज दाखिल में आपत्ति आ गयी है. तभी सी0ओ0सिटी कमल किशोर का फोन आया और मुझे कोतवाली यह कहते हुए बुलाया कि आप जिस जमीन की रजीस्ट्री कराये हैं, उसका मालिक मेरे पास बैठा है. कोतवाली पहुंचने पर सी0ओ0 ने पूछा कि रजिस्ट्री किससे करायी है तो मैंने बताया- उसमानी आसिया बानो बेगम से. उसके बाद सी0ओ0 ने कोतवाली में बैठी एक महिला को दिखाकर पूछा कि क्या यह वही महिला है? मैंने इनकार में सिर हिलाया. उन्होंने बताया कि असली मालिक यही है और इनकी जमीन की जिन लोगों ने आपको रजिस्ट्री की है वे सब धोखेबाज हैं. उनके खिलाफ महिला ने एफआईआर (सं0 54/2015) दर्ज कराया है.

मैंने भी तिथि-वार बिंदुवार विवरण देते हए प्रार्थना पत्र शहर कोतवाली गाजीपुर को प्रस्तुत किया. इसकी प्रतिलिप एसपी, एसएसपी, डीआईजी जोन वाराणसी, आईजी जोन वाराणसी एवं अन्य जगहों को प्रेषित किया. लेकिन इस पर अभी तक एफआइआर दर्ज नहीं किया गया है. अभी तक जो भी जांच की गयी है वह जमीन की वास्तविक मालकिन श्रीमती उसमानी आसिया बानो के एएआईआर संख्या 54/2015 पर की गयी है. पुलिस कह रही है कि एक केस में एक ही एफआईआर होती है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

मामले की जांच के लिए शुरू में उप निरीक्षक उदयभान सिंह को लगाया गया. उन्होंने अच्छा काम किया. दो आरोपियों को गिरफ्तार किया. कुछ रूपये भी बरामद किये. उन्होंने पूरे मामले को खोल दिया. सारे साक्ष्य इकट्ठा कर लिये. अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए दबिश दे रहे थे तभी दो दिन बाद ही उनका तबादला कर दिया गया. उप निरिक्षक राजेश त्रिपाठी को विवेचना हेतु लगाया गया. तब से जांच कार्य रुका पड़ा है और आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं. वे मुझे धमकिया भी दे रहे हैं.

जांच कार्य के दौरान यह भी पता चला कि अमित सिंह ने आशीष सिंह के नाम से फर्जी खाता खोल रखा है और आशीष सिंह के नाम से फर्जी पहचान पत्र बना रखा है. इसका सबूत विवेचना अधिकारी राजेश त्रिपाठी के पास है. अमित सिंह, उसकी मां इन्दूबाला सिंह पहले भी इस तरह का फर्जीवाड़ा कर चुके हैं. इन दोनों के खिलाफ मुकदमा न0 342/13 के तहत चार्जशीट सख्या 59/14 भी लग चुकी है. इन लोगों का एक गिरोह है जो फर्जी दस्तावेज वोटर आईडी, पैन कार्ड तैयार करते हैं. फिर फर्जी बैक एकाउन्ट खुलवाते हैं. बाद में किसी जमीन खरीदने को इच्छुक व्यक्ति को पकड़ कर उसे लूट लेते हैं.

Advertisement. Scroll to continue reading.

धर्मेन्द्र यादव उर्फ बबलू यादव (पुत्र श्री तेजू यादव ग्राम देवकठिया गाजीपुर) मुख्य साजिशकर्ता है. इसने तीन लाख रुपये वापस भी किये. इसकी सूचना पुलिस को दी. लेकिन इस धर्मेंद्र यादव उर्फ बबलू यादव को पुलिस गिरफ्तार करना तो दूर, पूछताछ तक नहीं कर रही. विवेचना अधिकारी ने डा. फकरे आलम को छुआ तक नहीं जिसके माध्यम से मैंने जमीन खरीदा और उसे 18 लाख रुपये का चेक दिया. एग्रीमेंट पर डा. फकरे आलम के बतौर गवाह हस्ताक्षर भी हैं. उसे गिरफ्तार करना तो दूर, उनका बयान भी अभी तक पुलिस ने लेना उचित नहीं समझा।

श्रीमती इन्दूबाला सिंह जो जमीन को दिखाते वक्त अमित सिंह के साथ थीं और कह रही थी कि जिसकी जमीन है उसके पति डा. जुबैर के अन्डर में मैंने कार्य किया हुआ है और मेरे साथ विश्वास घात किया, से भी पुलिस ने पूछताछ तक नहीं किया।

Advertisement. Scroll to continue reading.

अमित सिंह का भाई आदित्य सिंह फर्जीवाड़े मे लूटे गये पैसे को खपा रहा है. उसने लूट के पैसे से सफारी गाड़ी खरीदी. उसने मुझे एक लाख रुपये यह कहते हुए वापस किया कि मामले की पैरवी न करो, बाकी पैसा बाद में दे दिए जाएंगे. ये सारी बातें विवेचना अधिकारी एवं अन्य के संज्ञान मे लाया लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई. सत्यबिन्दू के खिलाफ बैंक से ठगी का पैसा निकालने के पर्याप्त सबूत हैं. उससे भी पुलिस ने पूछताछ नहीं की.

अतः यह प्रतीत होता है कि बबलू यादव, डा. फकरे आलम,इन्दूबाला सिंह,आदित्य सिंह, सत्यबिन्दू सिंह आदि को किसी दबाव में या किसी अन्य वजह से पुलिस प्रशासन द्वारा बचाया जा रहा है. यह न्यायसंगत नहीं है. महोदय से प्रार्थना है कि जल्द जांच पूरी कराएं और प्रार्थी को न्याय दिलाएं.  दो साल से ज्यादा समय व्यतीत होने और सारे सबूत दस्तावेज के रूप मे मौजूद होने के बावजूद जांच कार्य पूर्ण न होना गंभीर बात है. इस मामले में गैंगस्टर लगना चाहिये लेकिन सभी अपराधी आजाद होकर घूम रहे हैं और मुझ पीड़ित को ही धमका रहे हैं.

Advertisement. Scroll to continue reading.

प्रार्थी
सुनील कुमार सिंह 
पुत्र श्री रामाशंकर सिंह
निवासी- ग्राम बक्सूपुर पोस्ट पीथापुर
जिला- गाजीपुर 233001 उत्तर प्रदेश।                                                                                     

प्रतिलिपि- सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित है-
1-डीजीपी उत्तर प्रदेश
2-आईजी जोन वाराणसी
3-डीआईजी जोन वाराणसी
4-वरिष्ठ पूलिस अधिक्षक गाजीपुर
5-एसपी सीटी गाजीपुर।
6-सीओ सीटी गाजीपुर।
7-कोतवाल सदर गाजीपुर।

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement