Amitaabh Srivastava-
अमेरिकी साम्राज्यवाद की हार के नाम पर तालिबान की तरफ़दारी करने वालों, ‘बदले हुए तालिबान’ से हमदर्दी रखने वालों को अफ़ग़ानिस्तान के पत्रकारों की यह तस्वीर शायद अपनी राय बदलने और कुछ अलग सोचने पर मजबूर करे। भारत में अभिव्यक्ति की आज़ादी पर तमाम तरह की घोषित-अघोषित पाबंदियाँ बढ़ी हैं पिछले कुछ समय से, लेकिन उनकी तुलना तालिबानी अत्याचार से करनेवालों को भी सोचना चाहिए कि क्या यहाँ हालात वाकई इतने बुरे हो चुके हैं?
कुछ प्रतिक्रियाएं-
Nisheeth Joshi आज भी हम देख रहे हैं कि भारत में जाने कौन कौन क्या क्या कहता है, लिखता है, तर्क करता है अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर। भारत की तुलना तालिबान और अफगानिस्तान से करने वाले लोग अभिव्यक्ति की आजादी का क्या मतलब निकालते हैं ये वह ही जानें।
Daya Shankar Rai तालिबानी सोच के दुनिया में कई रूप हैं इसलिए तुलना बहुत ठीक नहीं है। भारत हाल के वर्षो में mob ynching , लोकतांत्रिक और मानवाधिकार के खुलेआम हनन सहित सरकारी अधिनायकवादी दमन के तमाम रूपों को झेलते हुए भी संविधान से चलने वाला एक किताबी लोकतांत्रिक देश है..! अफगानिस्तान से इसीलिए उसकी तुलना असंगत होगी। धर्म के नाम पर मनुष्य विरोधी किसी तालिबानी सोच वाली हत्यारी संस्कृति से तो सिर्फ घृणा ही की
Pooja Srivastava भारत में भी जो हो रहा है वो शर्मनाक है। तुलना नहीं करनी चाहिए। लेकिन क्या इस हद्द तक अत्याचार बढ़ने का इंतजार करेंगे? नहीं ना। इसलिए जरुरी है आवाज़ बुलंद रखना ताकि हालात यहां तक ना पहुंचे। वैसे SDM के आदेश पर यहां भी पुलिस ने एक किसान का सर फोड़ दिया है। और SDM पर कोई कार्यवाई नहीं हुई।
Amitaabh Srivastava नागरिक अधिकारों के लिए , समाज की बेहतरी के लिए आवाज़ ज़रूर बुलंद करनी चाहिए।
Girijesh Vashistha मुझे नहीं लगता की हमको शुक्र मनाना चाहिए। मानना चाहिए की भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर कोई संकट नहीं है। और सब को चैन से रहकर हर हर मोदी करना चाहिए?
Amitaabh Srivastava चैन से रहकर हर-हर मोदी जिन्हें करना है, करते रहें। हमें अतिवादी होने से बचना चाहिए।
Amitabh Shukla
जरूर तुलना होनी चाहिए, यूपी एमपी में पुलिस खड़ी रहती है भीड़ पीट पीट कर मार देती है एक जानवर के नाम पर,बलात्कार होता है,योगी कहते हैं कब्र खोदकर बलात्कार करो,मंत्री बोलता है गोली मारो सालों को,अफगानिस्तान से बदतर हालात हैं,पूर्वाग्रह से ग्रसित पोस्ट जो आधी बात करती है
Amitaabh Srivastava मेरा मानना है कि कट्टरपंथी सोच का हर तरह से पुरजोर विरोध होना ही चाहिए लेकिन अतिवादिता से बचना चाहिए। आपको अधिकार है अपनी अलग राय रखने का।
Amitabh Shukla भाईसाहब इधर हिंदू राष्ट्र के लिए जनता वोट दे रही है,साधू को मुख्यमंत्री,मोदी शाह ने हजारों मुस्लिम को मरने दिया इसलिए उन्हें वोट दिया,यूपी पुलिस जो मन चाहे कर रही है,लोकतंत्र बस किताबों में है,अब तो जज भी सांप्रदायिक हो गए,अफगानिस्तान में हथियार है,इधर मर्जी से,कोई फर्क नहीं.
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Jeelani khan Alig
September 10, 2021 at 12:30 pm
Hum ye kyon bhool jate hain k bjp per terrorist organisation ka koi level nhi hai phr bhi iske log terrorism phaila rhe hain wo bhi khule aam. yehan ek sanvidhan hai jiski din raat dhajjiyan udayi ja rhi hain inke leaders n bhakton duara… national capital tk mein khule aam goli maarne ka minister mla naara lagata hai dhamki deta hai wo bhi police k samne.. hamare PM usi minister ko promote krke cabinet min bna dete hain n imp portfolio dete hain… dahshatgard ko ek minister marne pe tiranga mein lapet deta hai n godi media uff tk nhi krta….kya Talibaan and bjp ek hi hain ya kya india n Afghanistan ek jaisa hai…. nhi na… phr comparision kyon? Magar itne khrab apne mulk k haalaat hote ja rhe hain phr bhi modi ki jaykar ki hi ummid ???