Dilip Khan : उफ़्फ़ इंडिया टीवी। तनु शर्मा को ही ग़लत ठहराती हुई चिट्ठी के ड्राफ़्ट पर जो सामूहिक हस्ताक्षर अभियान चला आपके दफ़्तर में, उसमें कोई तो होता जो ना करने की हिम्मत दिखाता। महिला कर्मचारियों पर तो सुन रहा हूं निगाह रखकर हस्ताक्षर करवाए गए… ताकि साबित हो सके कि बॉसेज पर जो आरोप लगे हैं वो हवाई हैं। देखना, वो कलम रख लेना। लिखो-फेको कलम की तरह एक बार ही इस्तेमाल मत करना। वो कलम और भी मीडिया हाऊसों में पहुंचा देना, वहां भी काम आएगी।
पत्रकार दिलीप खान के फेसबुक वॉल से.
Vineet Kumar : एंकर तनु शर्मा ने अपने बॉस पर, इंडिया टीवी पर जो भी आरोप लगाये हैं, वो बेबुनियाद है, चैनल को बदनाम करने की कोशिश है.. जो भाई-बन्धु इधर-उधर करके हमें समझाने की कोशिश कर रहे हैं, क्या यही बात स्टोरी तो छोडिये, एक लाइन की टिक्कर में चला सकते हैं..लो न यार,इंडिया टीवी का ही पक्ष लो लेकिन स्टोरी तो चलाओ, दर्शक को बताओ तो सही कि चैनल के भीतर भी दामिनियाँ होती हैं और उनका दमन होता है..ये आपको सिर्फ दूसरे सेक्टर में ही क्यों दिखता है ?
इंडिया टीवी के लिये आज की तारीख में सबसे तेज होने का मतलब आजतक को पछाड़ना नहीं है बल्कि मतलब ये है कि एंकर तनु शर्मा ने जिन आकाओं पर आरोप लगाये हैं, उनसे पहले खुद तनु शर्मा को जेल भिजवा पाते हैं या नहीं ?
क्या मीडिया में सबके सब emi पीड़ित ही हैं, कोई इससे मुक्त नहीं हुआ है अब तक क्या? ये जो बड़े-बड़े टीवी के महंत दिखते हैं स्क्रीन पर,वो भी नहीं..तो फिर सरोकार का क्या होगा, नये लोग तो जब तुलसीदास तक को नहीं जानते तो इंडिया टीवी, रजत शर्मा और newsroom के सरोकार पर क्या बोल पायेंगें भला ?
मीडिया के दोस्तों ! आओ मेरी स्टेटस का फ़ायदा उठाओ. मैंने emi पर फ्लैट की बुकिंग नहीं करायी है, पब्लिक ट्रांसपोर्ट मुझे परेशां नहीं करता तो दोस्तों से कर्ज लेकर गाडी भी नहीं ली है..मेरी मकान मालकिन कार्ल मार्क्स की बुआ लगती है तो किराया न भी दें तो निकाल-बाहर नहीं करेगी. शादी हुई नहीं तो कौन शाम की चाय मिस करेगी मेरे बिना, सरेलेक के अभाव में बच्चे के बिलखने का तो सवाल ही नहीं उठता..माँ है तो कुछ हो जाने पर कुछ दिन रोयेगी, बेहोश होगी कि मेरा बेटा सिकंस नहीं फौजी था, भारत माँ की शान में मार गया..संतोष कर लेगी. इधर तुम मालिक-मालकिन के दबाव में आकर उस पेपर पर sign कर दो जिसमे लिखा है कि एंकर तनु शर्मा के साथ उनके बॉस ने कुछ नहीं किया बल्कि गलती उसी की है. तुम इसी तरह अपनी गाडी, फ्लैट की emi की खातिर चुप हो जाओ, इसकी किस्ते चुकाते रहो..सरोकार का धंधा आप करो, निभाने के लिये हम तो हैं ही..बस बैक डोर से पल-पल की खबर देते रहना और चुनौती देते रहना- कहाँ गया तुम्हारा सरोकार?
मीडिया विश्लेषक विनीत कुमार के फेसबुक वॉल से.
nisha mishra
July 4, 2014 at 9:29 am
INDIA TV, aur Rajat ji ko kai saalon se jaante hai…unke sath kaam kar chuke hai….jo tanu sharma ko nahi jante, wo aise pradarshan kar rahe hai..jaise wakai uski insaaf ki ladai ho….Toh hum jaise log jo Rajatji ka sath kaam kar chuke hai, jo unhe jaante hai, hum kyu na iss ghatiya aarop ke khilaaf hastakshar abhiyaan karein….maine kafi pehle INDIA TV chod diya tha…Lekin India TV k sare ex-employees ko bhi sadak pe aaker aise ghinoune saazish ke khilaaf ladai ladni chahiye..
nisha mishra
July 4, 2014 at 9:34 am
Aur virodh karnewale pradarshankari, asliyat ko bhi tatoliye….aap ke sath sadko pe utarnewalon me wo senior journalist hai jinhe 3-4 saal pehle galat harkaton ki wajah se Rajat ji ne channel se baahar ka rasta dikha diya tha…Ye log janta ko Rajat ji ke khilaaf bhadka rahe hai…to aap log jo pradashan kar rahe hai, kahin aap to Rajat ji ke dushmanon ka mohra toh nahi ban rahe ?