बंधु कुशावर्ती-
आज ‘हिन्दी पत्रकारिता दिवस’ है! इसका प्राथमिक-प्रवर्तन १९७६ में;हिन्दी नवगीत के पुरोधा श्री ठाकुरप्रसादर सिंह की पहलकदमी के फलस्वरूप हिन्दी के सबसे पहले अख़बार ‘उदन्त मार्तण्ड’,कलकत्ता (सम्पादकःपं.जुगल किशोर) की पहली प्रकाशन-तिथि:”३०मई,१८२६” को ही उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से ५-६,दिसम्बर,१९७६ को लखनऊ में २दिनों का अखिल भारतीय पत्रकरिता समारोह आयोजित करते हुए तय किया गया था। तब इसी समारोह में उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान की स्थापना का भी निर्णय हुआ था। तब उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की नारायणदत्त तिवारी के मुख्य मन्त्रित्त्व वाली सरकार थी!
यह मौलिक और प्राथमिक बात आज किस अख़बार के सम्पादक या पत्रकार को पता है और क्या सम्पादकों एवं पत्रकारों के वृहत्-समुदाय से कोई भी ‘पत्रकारिता दिवस के प्रवर्तन का श्रेय’ श्री ठाकुरप्रसाद सिंह को देता है?
बहरहाल, न केवल हिन्दी प्रान्तों बल्कि; पूरे देश में ३०मई,१९७७ से प्रति वर्ष ‘हिन्दी पत्रकारिता दिवस’ मनाने की शुरुआत हुई, वर्ना ‘उदन्त मार्तण्ड’ की वास्तविक प्रकाशन-तिथि के अभाव में, वर्षों बाद काशी से छपने वाले ‘बनारस अखबार’ को ही ‘पहला हिन्दी अख़बार’ माना जाता रहा है! परन्तु ‘हिन्दी पत्रकारिता दिवस’ जैसा कुछ भी कभी, कहीं नहीं मनाया जाता था!
यहीं बता दें–“कलकता ‘हिन्दी पत्रकारिता की जन्मभूमि’ तो है ही,बाङ्गला,अंग्रेजी और उर्दू पत्रकारिता की भी जन्म -भूमि है!
आज जब हम लोग ‘हिन्दी पत्रकारिता दिवस’ की ४५ वीं वर्षगाँठ हम मना रहे हैं,तब कलकत्ते और देश में अन्यत्र की ‘हिन्दी पत्रकारिता’ पर भी बात करें और हिन्दी पत्रकारिता के प्रवर्तक के नाते ठाकुरप्रसाद को भी अवश्य याद करें?