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‘द राइजिंग न्यूज’ पोर्टल की कानपुर टीम ने सेलरी के लिए किया बवाल

लखनऊ और कानपुर से शुरू हुए ‘द राइजिंग न्यूज’ पोर्टल शुरू होने के साथ ही विवादों से घिरता जा रहा है. सेलरी संकट को लेकर कानपुर टीम के लोगों ने आज बवाल कर दिया. आनन फानन में द राइजिंग न्यूज के कर्ताधर्ता पारितोष मिश्र को सेलरी की रकम कानपुर भिजवाने का बंदोबस्त करना पड़ा. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि कानपुर की टीम के लोगों ने कामकाज ठीक से न किए जाने पर शिकंजा कसे जाने को लेकर परेशान हैं और इसी बहाने से बवाल कर रहे हैं.

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लखनऊ और कानपुर से शुरू हुए ‘द राइजिंग न्यूज’ पोर्टल शुरू होने के साथ ही विवादों से घिरता जा रहा है. सेलरी संकट को लेकर कानपुर टीम के लोगों ने आज बवाल कर दिया. आनन फानन में द राइजिंग न्यूज के कर्ताधर्ता पारितोष मिश्र को सेलरी की रकम कानपुर भिजवाने का बंदोबस्त करना पड़ा. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि कानपुर की टीम के लोगों ने कामकाज ठीक से न किए जाने पर शिकंजा कसे जाने को लेकर परेशान हैं और इसी बहाने से बवाल कर रहे हैं.

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दरअसल अमर उजाला के पूर्व फोटोग्राफर संजीव शर्मा और आशुतोष उर्फ रूद्र को दो मई से कानपुर में शुरू हुए दि राइजिंग न्यूस में तैनात किया गया. लेकिन इन लोगों ने अपनी राजनीति और काम न करने की प्रवृत्ति को हावी रखा. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक माह पूरे होने पर भी सभी स्टाइ को भड़का कर, नारेबाजी और प्रदर्शन तक किया जा रहा है। हालांकि कहा ये जा रहा है कि ये सब सेलरी के लिए किया जा रहा है.

लखनऊ के पत्रकार पारितोष मिश्र ने नौ अप्रैल को दि राइजिंग न्यूक की नींव रखी। दस को कानपुर ऑफिस की पूजा की. 23 मई को लखनऊ और दो मई को कानपुर ऑफिस का काम शुरू किया गया. कानपुर में एक महीने तक रूद्र और संजीव के बीच में इंचार्ज बनने को लेकर काफी तनातनी रही. दोनों अपना-अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहते थे इसलिए संजीव ने फोटोग्राफर्स की अपनी टीम लगा दी और रूद्र रिपोर्टिंग की अपनी टीम ले आए. नतीजतन संस्थाान में राजनीति शुरू हो गई और काम ठप हो गया. एक माह में यह भी देखा गया कि खबरों और तस्वीरों की संख्या बेहद कम हो गई. नतीजतन पारितोष मिश्रा ने लखनऊ हेड ऑफिस से ही मॉनीटियरिंग शुरू करा दी. रूद्र से इंचार्जशिप छीन ली गई और संजीव शर्मा को भी हिदायत दे दी गई.

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यह सब जून के प्रथम सप्ताोह में हुआ. जब दोनों लोगों को लगा कि बिना काम के नौकरी नहीं चल पाएगी तब दोनों ने रिपोर्टिंग स्टाफ को भड़काना शुरू कर दिया। एचटी में रहे फैजल खान जो दि राइजिंग न्यूनज पोर्टल से जुड़ चुके थे से उल्टा सीधा मेल करवाया गया. इस मेल से आहत पारितोष मिश्रा ने संस्थान के सभी सदस्यों को एक मेल किया और आठ तारीख तक काम करने और आठ तक पूरा हिसाब करने की बात लिख कर भेजी.

वहां पर राजनीति इस कदर हावी थी कि आठ के पहले ही रूद्र और संजीव के कहने पर संस्थान छोड़ दिया. आठ की सुबह-सुबह ही संस्थान के बाहर आकर गाली-गलौज करना, नारेबाजी, तोड़फोड़ की धमकी देना शुरू कर दिया. इसके मैसेज लखनऊ व कानपुर के स्टाफ को भी भेजे. लखनऊ से पारितोष मिश्र के कानपुर पहुंचने का भी इंतजार नहीं किया गया. सूत्रों के मुताबिक कानपुर ऑफिस की कमान पत्रकार अनूप बाजपेयी और फोटो जर्नलिस्ट जीपी अवस्थी को सौंप दी गई है. ये लोग अब अपनी टीम तैयार कर रहे हैं.

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0 Comments

  1. swati gupta

    June 8, 2016 at 5:19 pm

    दि राइजिंग न्यूज़ कानपुर की शुरुवात 1 मई को की गई। इस दौरान रिपोर्टर और कैमेरमैन रखे गए।1 जून तक सब अच्छा चल रहा था क्योंकि इस बीच किसी ने पैसे राइजिंग न्यूज़ के के मालिक परितोष मिश्रा से नहीं मांगे। कल अचानक सभी को एक मेल भेजी गई जिसमे लिखा था की कल से पोर्टल बंद हो रहा है। आज सभी लोग 11 बजे आकर अपने पैसे ले ले। जिस्क्र बाद सुबह सभी एम्प्लोयी ऑफिस पहुंचे। लेकिन परितोष की नियत पहले से नहीं सही थी उन्होंने पहले से असलहाधारी हिस्ट्रीसीटर बुलवा रखे थे। जिन्होंने महिला पत्रकारों से बतमीजी की और धक्का मुक्की भी की। इस दौरान जब 100 डायल करके पुलिस बुलाई गई। यूनिवर्सिटी चौकी इंचार्ज जनार्दन यादव मौके पर पहुचे। जिनकी बंद कमरे में परितोष मिश्र से 30 मिनट तक बातचीत चली। इसके बाद फिर से महिला एम्पोल्यी को ऑफिस बुलाया गया और वहां पर पहले से मौजूद चौकी इंचार्ज से बतमीजी से बात की और थाने में बंद करने की धमकी भी दी।लेकिन मामला तब तक एसएसपी ऑफिस तक एवं अन्य पत्रकारों तक पहुँच गया था। जिसके बाद मौके पर कल्यानपुर इन्सपेक्टर के पहुचने के बाद मामला शांत हुआ। साथ ही इस बीच जनार्दन यादव से पत्रकारों समेत पुलिस के अधिकारियों को जमकर सड़क पर ही गालियाँ दी। और बोला की सबको फर्जी केस में अन्दर कर दूगा। जानते नहीं हो इस क्षेत्र का मालिक है। यहाँ का अधिकारी ही मै ही हूँ। सबको अन्दर करवा दूगा।

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