टीवी पत्रकारिता में सक्रिय रहने वाले युवा पत्रकार सर्वेश मिश्रा ने एक रोज टीवी पत्रकारिता के दमघोंटू माहौल से दूर होते हुए खुद का कामधाम शुरू करने का संकल्प लिया और उनका यह विचार आज बहुत बढ़िया तरीके से फल-फूल रही हा. सर्वेश पत्रकार के अलावा एक लेखक और मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं. सर्वेश निराशा के खिलाफ अलख जगाते हैं. हर तरफ सकारात्मकता का संचार करने में जुटे रहते हैं. उनका यह टेस्ट उनके चैनल और उनके वीडियोज में दिखता है.
सर्वेश यूपी के आज़मगढ जिले के रहने वाले हैं. एक मध्यमवर्गीय परिवार में पले-बढ़े सर्वेश के पिता जी हेल्थ एजुकेशन आफिसर थे. आठ भाई-बहनों में सर्वेश 7वें नम्बर पर आते हैं. सफलता और असफलताओं के कई चौराहों से गुजरते हुए सर्वेश के पास बताने-कहने-समझाने के लिए कई खट्टे मीठे अनुभव हैं. वे इन अनुभवों को अब सबसे बांटते हैं, अपने यूट्यूब चैनल के जरिए. सर्वेश का मानना है कि जिंदगी कभी एक जैसी नहीं होती है, जिंदगी के कई रंग होते हैं. ये जिंदगी के ये रंग व्यक्ति को उम्र, वक्त और समय के साथ उच्चतर स्तर पर ले जाते हैं.
सर्वेश मिश्रा ने अपनी ज़िंदगी की शुरुवात सब्जी बेचने से की थी, सन 2002 में. तब वह महज 15 साल के थे. कुछ दिन काम चला लेकिन अपनी पढाई की वजह से उस काम को छोड़ना पड़ा. उसके बाद 18 साल की उम्र में अपने एक दोस्त के साथ पार्टनरशिप में चाय पत्ती की एजेंसी लिया. उस काम को करीब एक साल करने के बाद उसमें भी असफलता का मुंह देखना पड़ा. फिर ग्रेजुएशन करने के साथ ही अपने जिले आजमगढ में एक स्कूल में कम्पयूटर पढाना शुरू किया जो ग्रेजुएशन खत्म होने का बाद छूट गया.
इसके बाद इन्होंने अपना शहर छोड़ कर दिल्ली आने का निश्चय किया. दिल्ली आने के बाद 22 साल की उम्र में नोएडा के एक एक्सपोर्ट कम्पनी में बतौर टीम लीडर लगभग 6 महीने तक काम किया. तब समझ में आया कि जिंदगी कुछ और चाहती है. कुछ बड़ा करने के लिए आजादी जरूरी है. फिर से पढाई का निश्चय किया और नोएडा से म़ॉस काम में मास्टर डिग्री ली. इसके बाद ट्रेनी से लेकर प्रिंसिपल करेस्पांडेंट के पदों तक की यात्रा की. वे न्यूज24, पी7न्यूज, जी मीडिया में रहे.
कुल 9 साल तक मीडिया में सक्रिय रहने के दौरान 400 से ज्यादा स्पेशल स्टोरीज के अलावा खोजी पत्रिकारिता भी की. 2011 से 2017 तक देश में होने वाली हर बड़ी घटना को उन्होंने कवर किया. देश के कुल 11 राज्यों में काम करने का मौका मिला. पत्रकारिता में पक्षपातपूर्ण रवैया और लोगो को अवसाद में जाते देखकर उन्होंने 2017 में सक्रिय पत्रकारिता को छोड़ दिया. इसी बीच 2015 में उन्होंने अपनी पहली किताब उपान्यास कै तौर पर (लव विद बेनेफिट्स) लिखा जो युवाओ में लोकप्रिय हुयी.
नौकरी छोड़ने के बाद डिजिटल मिडिया में अपनी फर्म (रेड हाट मीडिया हाउस) रजिस्टर कराया जो डिजिटल मीडिया मार्केटिंग से लेकर एडवरटाइजिंग और पीआर के क्षेत्र में काम कर रही है. युवाओं के स्किल्स को बढाने के लिए यूथ स्किल्स डेवलपमेंट फाउंडेशन भी संचालित कर रहे हैं. आज सर्वेश मिश्रा लोगों को मोटिवेट कर रहे हैं. जल्दी ही उनकी और 2 किताबें आ रही हैं. सर्वेश का कहना है- ”यह डिजिटल युग है जहां सब कुछ पारदर्शी है… अगर आप में दम और हुनर है तो दुनिया एक दिन आपको सलाम करेगी.” यूट्यूब पर सर्वेश अपना ‘द सर्वेश मिश्रा शो’ करते हैं. सर्वेश के दो यूटयूब चैनलों के लिंक नीचे हैं… क्लिक करें, सब्सक्राइब कर सर्वेश के हौसले को बढ़ाएं और वीडियोज देखें….
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