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स्मृति ईरानी के बारे में अंग्रेज़ी अखबार The Telegraph में प्रकाशित संपादकीय का हिंदी अनुवाद पढ़िए

Vishwa Deepak : मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी के बारे में अंग्रेज़ी अखबार The Telegraph में प्रकाशित संपादकीय का हिंदी अनुवाद –

(आपको) लंबी कहानियों से क्या शिक्षा मिलती है?

(मशहूर अंग्रेजी नाटककार) ऑस्कर वाइल्ड को परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है. घटने के बजाय झूठ बोलने की कला आज अपने चरम पर है. कम से कम भारतीय संसद में तो है ही. यहां नेता सचाई के लिए नहीं जाने जाते लेकिन केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने जब सांसदों को ‘राष्ट्रवाद’ का पाठ पढ़ाया तो खुल्मखुल्ला झूठ का ऐसा मानक तैयार कर दिया जिससे आपको ईर्ष्या हो सकती है.

<p>Vishwa Deepak : मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी के बारे में अंग्रेज़ी अखबार The Telegraph में प्रकाशित संपादकीय का हिंदी अनुवाद -</p><script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <!-- new --> <ins class="adsbygoogle" style="display:inline-block;width:650px;height:300px" data-ad-client="ca-pub-7095147807319647" data-ad-slot="7699561014"></ins> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); </script> <p><span style="font-size: 18pt;">(आपको) लंबी कहानियों से क्या शिक्षा मिलती है?</span> </p> <p>(मशहूर अंग्रेजी नाटककार) ऑस्कर वाइल्ड को परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है. घटने के बजाय झूठ बोलने की कला आज अपने चरम पर है. कम से कम भारतीय संसद में तो है ही. यहां नेता सचाई के लिए नहीं जाने जाते लेकिन केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने जब सांसदों को ‘राष्ट्रवाद’ का पाठ पढ़ाया तो खुल्मखुल्ला झूठ का ऐसा मानक तैयार कर दिया जिससे आपको ईर्ष्या हो सकती है.</p>

Vishwa Deepak : मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी के बारे में अंग्रेज़ी अखबार The Telegraph में प्रकाशित संपादकीय का हिंदी अनुवाद –

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(आपको) लंबी कहानियों से क्या शिक्षा मिलती है?

(मशहूर अंग्रेजी नाटककार) ऑस्कर वाइल्ड को परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है. घटने के बजाय झूठ बोलने की कला आज अपने चरम पर है. कम से कम भारतीय संसद में तो है ही. यहां नेता सचाई के लिए नहीं जाने जाते लेकिन केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने जब सांसदों को ‘राष्ट्रवाद’ का पाठ पढ़ाया तो खुल्मखुल्ला झूठ का ऐसा मानक तैयार कर दिया जिससे आपको ईर्ष्या हो सकती है.

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यह जानकर उनको (स्मृति ईरानी) घबराहट भी हो सकती है कि वो ऑस्कर वाइल्ड की सोच के कितने करीब हैं. ऑस्कर वाइल्ड की किताब THE DECAY OF LYING की मुख्य स्थापना यही है कि कला जीवन का अनुसरण नहीं करती है बल्कि जीवन कला का अनुसरण करता है. उम्दा धारावाहिक अभिनेत्री मिस ईरानी को लोकसभा और राज्यसभा में टेलिविजन स्टूडियो की झलक दिखती है.

लच्छेदार भाषा में वो बेकाबू होकर भड़कती रहीं और ‘बच्चे’ के लिए पैदा हुई सहानुभूति को उन्होंने विपक्ष का हथियार बताकर खारिज कर दिया. इसके बाद उन्होंने गलत साबित किए जाने पर असंपृक्त लगने वाली मायावती के चरणों में गर्दन काट कर रखने का दावा किया. महिषासुर के बारे में और सामान्य रूप से अपनी ज़िंदगी के बारे में बताते हुए उन्होंने संसद में तार्किक बहस की आखिरी कतरन को भी ध्वस्त कर दिया.

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ये सब कला है. उनके दावे, उनकी सफाई और तर्क के उनके तरीकों का ज़िंदगी और सचाई से शायद ही कुछ लेना देना होगा. लेकिन ये बहुत ही गंदी कला थी. इसका वाइल्ड के ”खूबसूरत असत्य” से कुछ लेना देना नहीं है.

स्मृति ईरानी के ज्यादातर झूठ बुनियादी विवरण को बिगाड़कर और तथ्यों के तोड़-मरोड़ पर आधारित थे. जैसे कि उनका ये दावा कि जेएनयू की आंतरिक रिपोर्ट में छात्रों को गलत पाया गया है. उनका निष्पक्षता का ये बहाना कि कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं के पत्र हैदराबाद यूनिवर्सिटी भेजे गए थे. आखिरी में उन्होंने इस बात को भी दबा दिया कि कांग्रेस के नेता का पत्र रोहित को मौत के लिए उकसाने वाले बीजेपी नेता के पत्र से बिल्कुल ही अलग था.

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मिस ईरानी को गलत बयानबाजी में भी महारत हासिल है. उन्होंने कहा कि रोहित वेमुला और दूसरे बच्चों को हैदराबाद यूनिवर्सिटी ने निष्कासित किया था- जबकि उन्हें हॉस्टल से सस्पेंड किया गया था. और दूसरी बात कि वेमुला को देखने के लिए कोई डॉक्टर नहीं था जबकि सचाई ये है कि एक डॉक्टर इस घटना के तुरंत बाद पहुंचा था.

कुल मिलाकर ये सारी बयानबाजी और टिप्पणियां शर्मनाक प्रदर्शन हैं. मानव संसाधन मंत्रालय महत्वपूर्ण और सम्मानित मंत्रालय है. ऐसी मंत्री जो अपनी अभिनय क्षमता के प्रदर्शन के लिए संसद को रंगमंच की तरह इस्तेमाल करती हैं और एक के बाद एक खतरनाक झूठ बोलती हैं – संसद और इसके प्रतिमानों के लिए शर्मनाक है. मिस ईरानी के ऐलानों में गहरी मूर्खता समाहित है जो कि शायद राजतंत्र के लिए भी बड़ा खतरा साबित हो सकती है. ये तो और भी खतरनाक है कि मंत्री जी, जिनके पास शिक्षा का कार्यभार है, वो खुद ही अंतहीन अज्ञानता से भरी हुई हैं.

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उन्होंने अगर कुछ सीखा है तो वो है उनकी पार्टी की विचारधारा जो मतभेदों और विरोध की आवाज़ को समाप्त करने की कोशिश करती है. इसलिए राज्य द्वारा अलग-अलग तरीकों से फैलाई जा रही हिंसा के बचाव में उन्हें सत्य, तर्क और विवेक के लिए जहमत उठाने की कोई जरूरत नहीं.

जी न्यूज से इस्तीफा देने वाले विश्व दीपक के फेसबुक वॉल से.

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0 Comments

  1. sanjib

    February 28, 2016 at 5:34 pm

    Vishwa Deepak ji, G-News se resign kerney aur jis tarah resignation ka aapney kaaran bataya, wah padh ker aapkey prati sahanubhooti jagi thhi aur lagaa thha ki koi to iss desh ka aisa patrakar hai, jo apna buddhi-vivek se kaam leta hai aur desh ke liye moti rakam ki salary ki bhi parwah nahi kerta hai. Par aaj aapka Lekh padh kar ye samajh me aa raha hai ki aap bhi Congress ki Jaal se Mukt nahi hain aur uskey bahut badey Himayati hain. Aapney Smriti Irani ki Safed Jhooth to Pakad Li, Par Itney Saalon se Congress jo Jhooth aur Ghinauni Rajneeti Ker rahi hai, Uskey baarey mein to kabhi nahi likhte…!!! Ishrat Jahan se lekar na jaaney kitney badey-2 jhoot aur Ghinauni Harkat ye Congress ker rahi hai aur Kee hai, ye na aapsey chhupa hai aur na hi Desh ki Janta se.. Fir aap Congress ke sur me sur mila ker sirf Smriti Irani ke peechhey kyon pad gaye….!? Kahin na kahin kuchh gadbad hai Boss. Aap Achhey Vicharon waley vyakti hain, jis baat ko leker G-News se aapney stifa diya, uski maan-maryada rakkhein aur desh-hit mein kuchh likkhein, aapse yahi ummeed hai. Aap sochte honge ki main BJP supporter hoon, to galat hoga, lekin “Desh ki Pragati me jo Roda Congress Atkaa rahi hai aur Sansad Chalney nahi de rahi hai”, iss par bhi kuchh likkhein, Desh ka bhala hoga..
    Regards

  2. anand singh

    February 29, 2016 at 6:22 pm

    irani ne jo bhi baat kahi ohh fir aur univ.se prapt document se tha.her patrakar janta hai ki vastvikta kya hoti hai aur fir me kya hota hai,isliye technicaly irani sahi hai.

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