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शशि शेखर की शह पर मुझे धमकाया गया, कानूनी कार्रवाई करूंगा : प्रमोद कुमार सिंह

दिल्ली : हिंदुस्तान के समूह संपादक शशिशेखर को प्रेषित एक शिकायती पत्र में प्रमोद कुमार सिंह ने लिखा है कि ‘आपको मैंने विगत 10 अप्रैल को एक पत्र प्रेषित किया था। उसके बाद ‘हिन्दुस्तान’ ने शिक्षा जैसे गंभीर विषय पर अभिभावकों के आन्दोलन को छापना बंद कर दिया। अब आपकी शह पर दुर्गेश नामक पत्रकार सोशल मीडिया के माध्यम से धमकियाँ दे रहा है। मुझे ब्लैकमेलर बताया जा रहा है। मेरे एक आईपीएस मित्र का नाम लेकर कहा गया है कि तुम उनके नाम पर नौकरी लगाने का काम करते हो और मेरे पास इसके डिटेल्स हैं। यह सब आप के इशारे पर हो रहा है।’ 

दिल्ली : हिंदुस्तान के समूह संपादक शशिशेखर को प्रेषित एक शिकायती पत्र में प्रमोद कुमार सिंह ने लिखा है कि ‘आपको मैंने विगत 10 अप्रैल को एक पत्र प्रेषित किया था। उसके बाद ‘हिन्दुस्तान’ ने शिक्षा जैसे गंभीर विषय पर अभिभावकों के आन्दोलन को छापना बंद कर दिया। अब आपकी शह पर दुर्गेश नामक पत्रकार सोशल मीडिया के माध्यम से धमकियाँ दे रहा है। मुझे ब्लैकमेलर बताया जा रहा है। मेरे एक आईपीएस मित्र का नाम लेकर कहा गया है कि तुम उनके नाम पर नौकरी लगाने का काम करते हो और मेरे पास इसके डिटेल्स हैं। यह सब आप के इशारे पर हो रहा है।’ 

प्रमोद कुमार सिंह का शशिशेखर से कहना है कि जब उक्त पत्रकार के पास मेरे ब्लैकमेलर होने के और नौकरी के नाम पर पैसा लेने के डिटेल्स हैं तो उसे प्रकाशित क्यों नहीं कर रहा। मैं चाहता हूँ कि इतना प्रमाण है तो आप उसे छापें। आपको शिकायत पत्र गया और मेरे विरुद्ध षड़यंत्र प्रारंभ ! जनहित में किए जा रहे कार्य मे बाधा पंहुचाई जाने लगी! इसी संदर्भ मे मुझे आपसे या हिन्दुस्तान से कुछ प्रश्नों के उत्तर चाहिए क्योंकि इस पत्र के पश्चात मुझे न्यायालय की शरण में जाना है –

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1. क्या उक्त पत्रकार के कृत्य में आपकी सहभागिता या हिन्दुस्तान की सहभागिता है या आपकी मौन सहमति है ? क्योंकि आपको पत्र लिखने के पश्चात ही कृत्य किया गया?

2. क्या हिन्दुस्तान के पत्रकार के नाते इसे सोशल मीडिया में गालियाँ देने का अधिकार हिन्दुस्तान द्वारा दिया गया है? 

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3. आखिर इस पत्रकार को पहचान तो हिन्दुस्तान के पत्रकार के रूप मे ही मिली है। क्या इस पहचान को धमकी का माध्यम बनाने की छूट आप द्वारा प्रदत्त है?

4. अब न्यायालय की शरण लेना ही उचित प्रतीत होता है। इससे पूर्व मुझे शशि शेखर और हिन्दुस्तान से स्पष्टीकरण चाहिए कि क्यों न दुर्गेश के कृत्य में आप सबको सहभागी माना जाए? इसे मेरे पक्ष की कानूनी सूचना समझा जाए। यदि इस संबंध में यथाशीघ्र आपका पक्ष नहीं आया तो बाध्य होकर मुझे वाद दायर करना पड़ेगा।

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प्रमोद कुमार सिंह संपर्क : [email protected]

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0 Comments

  1. Pramod Kumar Singh

    April 22, 2015 at 8:21 am

    भड़ास पूरी तरह से जनता को समर्पित है ।इसके लिये कोटि कोटि धन्यवाद ।

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