Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

थू है यूपी की ऐसी चापलूस पत्रकारिता और ऐसे बेशर्म नेताओं पर

बीते दिनों उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चित्रकूट दौरे पर थे. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जहाँ वहां के पत्रकारों को जमीन पर नीचे बिठा दिया गया, वहीं खुद सीएम कुर्सी में बैठे पीसी लेते रहे. इस वाकये से छत्तीसगढ़ के पत्रकार योगेश स्तब्ध और ग़मज़दा हैं, एक पत्रकार होने के साथ ही पत्रकारिता का छात्र होने के नाते… पढ़िए उनका विश्लेषण….

बीते दिनों उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चित्रकूट दौरे पर थे. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जहाँ वहां के पत्रकारों को जमीन पर नीचे बिठा दिया गया, वहीं खुद सीएम कुर्सी में बैठे पीसी लेते रहे. इस वाकये से छत्तीसगढ़ के पत्रकार योगेश स्तब्ध और ग़मज़दा हैं, एक पत्रकार होने के साथ ही पत्रकारिता का छात्र होने के नाते… पढ़िए उनका विश्लेषण….

Advertisement. Scroll to continue reading.

मेरी इस पोस्ट को पढ़ने से पहले इस तस्वीर को आंख भर देख लीजिये. ये तस्वीर उत्तर प्रदेश की है. उसी उत्तर प्रदेश की, जहाँ की जनता ने सबसे कम उम्र का मुख्यमंत्री चुना. जिस प्रदेश को अपराध प्रदेश की संज्ञा भी दी जाती रही है, ये वही प्रदेश है जहाँ की सत्ताधारी पार्टी के नेता सैफ़ई महोत्सव के नाम पर बाक़ायदा संस्कृति विभाग के खाते से ठुमके के नाम पर करोड़ों साफ़ कर देते रहे हैं.  समाजवाद का चोला ओढ़े समाजवादी पार्टी के मुख्यमंत्री के पिताजी का जन्मदिन वृद्धावस्था में भी जहाँ शाही अंदाज़ में मनाया जाता है, ये वही उत्तरप्रदेश की तस्वीर है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

अब प्वाइंट पर आते हैं.

ये तस्वीर आज से कुछ दिन पहले की है. उत्तर प्रदेश की सियासत के रहनुमा यानि अखिलेश यादव चित्रकूट पहुँचे हुए थे. अपने दौरे के दौरान सीएम अखिलेश ने सरकार की 15 महत्वपूर्ण योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया. इसके बाद अपने कार्यक्रम की जानकारी देकर पीठ थपथपाने अखिलेश यादव पत्रकारवार्ता में पहुँचे. ये उसी प्रेस कांफ्रेंस की तस्वीर है, जो किसी भी तरह से प्रेस कांफ्रेंस नहीं लग रही है. जिस प्रदेश की सियासत से देश की तस्वीर तय होती रही है, उसी निर्णायक प्रदेश की अनोखी और शर्मिंदगी भरी तस्वीर है ये. अपनी पीठ थपथपाने के लिए सीएम अखिलेश ने ऐसी जगह चुनी जहां पत्रकार हों या यूँ कहें कथित तौर पर सपा सरकार की वाहवाह करते कलमकार मिलें. सो, प्रेस कांफ्रेंस बुला ली गई. इस प्रेस कांफ्रेंस में उन सभी मीडिया हाउसेस के संवाददाता, ब्यूरो मौज़ूद थे, जो ख़ुदको सवा सौ करोड़ की आबादी वाले देश का जिम्मेदार चैनल, अख़बार, मीडिया घराना कहते हैं. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सीएम अखिलेश यादव बड़े आराम से कुर्सी पर अपना कूल्हा टिकाये रहे और हमारी बिरादरी के मौज़ूद सभी पत्रकार साथी सीएम के बयान को ज़मीन में कूल्हा टिकाये लिखते रहे, शूट करते रहे।

Advertisement. Scroll to continue reading.

आज टीवी न्यूज़ चैनल्स की ख़बरें नहीं देख पाया हूँ, पर इतना अभी तक के अनुभव से दावे से बोल सकता हूँ कि खुद की छीछालेदर कराने वाले इन पत्रकारों में से किसी के संस्थान ने मीडिया की इस कड़वी हक़ीक़त और चित्रकूट के चिरकुट पत्रकारों के दर्द, या यूँ कहें उनकी ‘औक़ात’ को दिखाने की ज़हमत नहीं उठाई होगी. एक पत्रकार होने के नाते मुझे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों, सफ़ेदपोश, खाकीपोश, सेलिब्रिटी को कवरेज़ करने का मौक़ा मिला है. पर कभी ऐसा नहीं हुआ है कि पीसी लेने वाला ‘रहनुमा’ की तरह आराम से बैठा हो और हमारे पत्रकार साथी ज़मीन में भक्त की तरह बैठ प्रवचन सुनें हों. कम से कम छत्तीसगढ़ में तो ऐसा कभी नहीं हुआ. पत्रकारिता में तो ऐसा वाकया अब तक सम्भव नहीं हो पाया है.

एक युवा होने के नाते मुझे भी व्यक्तिगत तौर पर सीएम अखिलेश यादव का काम करने का तरीका पसन्द है, सोशल मीडिया पर मैं उन्हें फॉलो करता हूँ, पर एक युवा सीएम, अपने सूबे के मीडियाकर्मियों को इस कदर बेईज्ज़त करें, ये कतई सही नहीं है.

Advertisement. Scroll to continue reading.

एलसीडी, एलईडी, सामान्य टीवी से लेकर प्रोजेक्टर और मोबाइल के लाइव टीवी में डींगे हांकने वाले उत्तरप्रदेश के बड़े चेहरे वाले पत्रकार ऐसी तस्वीरों पर क्यों अपनी हाथ बाँध लेते हैं, समझ नहीं आता. सैफ़ई, जन्मदिन जैसे कथित महोत्सवों में सपा सरकार की ठाठ की रिपोर्ट देने वाले दिल्ली के पत्रकार इस तस्वीर पर क्या बोलेंगे, वो पता नहीं, पर नहीं बोल पाये, तो उन्हें ख़ुद को पत्रकार कहलवाने का हक़ नहीं होना चाहिए. पत्रकारों के संगठन अगर ऐसे वाकयों पर चुप्पी साधे बैठे रहें, तो उन्हें पान की दुकान खोल पान बेचना चाहिए.

दरअसल, ये तस्वीर भले ही अलग है, पर मौज़ूदा दौर में मीडिया का जिस तरह स्तर गिर गया है, वो हर राज्य, हर जिले, हर तहसील और हर गांव तक दिख रहा है. इसके लिए जिम्मेदार हम ख़ुद हैं. पत्रकारिता की अच्छी डिग्री, अच्छे सपने संजोये पत्रकार आज भी कैसे रायपुर प्रेस क्लब में बैठकर कैरम खेल टाईमपास कर रहे हैं, देख कर कुछ देर पहले ही आया हूँ. एक हाथ में माईक आईडी और दूजे हाथ में सिगरेट. धुआँ उड़ाते इन पत्रकारों को अनेक बार देख शर्म से सिर कई बार झुकाया हूँ. एक पत्रकार को दूजे पत्रकार के ख़िलाफ़ गंदी बात कहते, नेताओं के जूते, चप्पल, बाल, गाल की तारीफ़ करने वाले पत्रकारों के दर्शन रायपुर में हफ़्ते में एकाध बार हो ही जाते हैं.

Advertisement. Scroll to continue reading.

सच कहें तो पत्रकार कौन है, पत्रकारिता का पैमाना क्या है, कोई तय नहीं है. अगर आपको कुछ काम नहीं मिला, तो आइये आपका स्वागत है मीडिया में. अगर आपके पास अनाप शनाप पैसे हैं तो फ्रेंचाइज़ी लाकर बैठ जाइये. अच्छे ब्रांड में अगर नौकरी करनी है तो सरकार के ख़िलाफ़ लिखना, बोलना, सोचना तक छोड़ दीजिये. अगर आप अपने तरीके की पत्रकारिता करने वाले पागल हैं, और सत्ता के खिलाफ कोई सवाल पूछते हैं (आज एसपी से मैंने पूछा), तो पीछे बैठे चिरकुटीए आपके सवाल पर हंसी उड़ाएंगे. मतलब ये कि यहाँ पत्रकारिता ही समझ नहीं आती है, जो उत्तर प्रदेश में हुआ, वो हो सकता है, आजकल, परसों कहीं और भी देखने को मिले. इस तस्वीर को खींचने, शेयर करने वाले के मन की उम्दा सोच को समझा जा सकता है. पर वो बेचारा अपने अख़बार, अपने चैनल में इसे ख़बर के तौर पर नहीं चला पाया होगा (ऊपर बैठने वालों की कहाँ हिम्मत हुई होगी). यानि ये कि आप कपड़े रोज़ उतारिये, जिस तरह से चाहिए, अपनी ऐसी तैसी कराइये और ख़ुद को पत्रकार बता आत्मप्रसन्न रहिये. बाकि तो भगवान भरोसे है ही।

मैं इस वाकये का घोर विरोध करता हूँ सीएम अखिलेश जी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

योगेश मिश्रा
प्रदेश अध्यक्ष
पत्रकार प्रेस परिषद्
छत्तीसगढ़

(योगेश मिश्रा पत्रकारिता में एम् फिल कर रहे हैं. पत्रकार प्रेस परिषद, छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष हैं. न्यूज़ फ्लैश नामक सैटेलाइट चैनल में छत्तीसगढ़ ब्यूरो प्रमुख के तौर पर काम कर रहे हैं. योगेश से संपर्क 9329905333 या 882710300 के जरिए कर सकते हैं)

Advertisement. Scroll to continue reading.

मूल पोस्ट….

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

0 Comments

  1. chandra bhan singh tyagi

    April 9, 2016 at 9:28 am

    well counter by yogesh mishra. incident is shamefull for journalism.

Leave a Reply

Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement