शीतल पी सिंह-
देश के झंडे के ऊपर पारटी का झंडा! पार्टी देश से बड़ी है!
यूँ ही नहीं RSS ने अपने मुख्यालय पर तिरंगा झंडा क़रीब पाँच दशक बाद तब फहराया जब राष्ट्रभक्ति की उसकी मार्केटिंग पर सवाल बहुत वज़नी हो उठे!
तालिबान को भी देश का नहीं अपना झंडा ही देश लगता है!
मरहूम कल्याण सिंह के शव के ऊपर देश के झंडे के ऊपर पार्टी का झंडा लगाकर बीजेपी ने देश के गृहमंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध झंडाकोड का उल्लंघन किया है, जो नीचे संलग्न है, altnews के सह-संस्थापक जू बियर नामक ट्विटर अकाउंट से यह सूचना मिली।
इस झंडा कोड के अनुसार राष्ट्रीय ध्वज से ऊपर या उसके ऊपर फूल, फूलमाला, एंबलम अथवा कोई भी दूसरी चीज नहीं रक्खी जा सकती।
निश्चित ही इस मामले में सत्तारूढ़ दल देश के झंडा कोड को भंग करने का दोषी है ।
श्याम मीरा सिंह-
15 अगस्त के दिन भाजपा का झंडा, राष्ट्रीय ध्वज से भी ऊपर लगाया गया. जिसपर तमाम लोगों ने आपत्ति जताई. आज और भी अधिक आगे बढ़ते हुए भाजपा ने तिरंगे के ऊपर अपना झंडा रख दिया है। आख़िर भाजपा के झंडे की यहाँ ज़रूरत ही क्या थी? और वो भी तिरंगे के ऊपर रखा गया.
According to flag code of India “No other flag should be placed higher than or above or side by side with the National Flag.”
हिंदी में कहें तो “किसी दूसरे ध्वज या पताका को राष्ट्रीय ध्वज से ऊँचा या ऊपर नहीं लगाया जाएगा, न ही बराबर में रखा जाएगा”.
ये ऐसी चीज़ है जो देखते ही अजीब और आपत्तिजनक लग रही है. लेकिन PM मोदी से लेकर CM योगी ने इसे नज़रअन्दाज़ किया.
भाजपा को इस बात को कान में डाल लेना चाहिए कि भाजपा के झंडे की इतनी औक़ात नहीं है कि वो राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर रखा जाए।
सौमित्र रॉय-
कल्याण सिंह की पार्थिव देह, उसके ऊपर तिरंगा और उससे भी ऊपर बीजेपी का झंडा।
प्रधानमंत्री के सामने। यानी देश के झंडे का असम्मान करने को प्रधानमंत्री की मौन सहमति है।
ये वही कल्याण सिंह हैं, जिन्हें राम मंदिर के शिलान्यास में बुलाया तक नहीं गया था।
ग़ज़ब के फ़र्ज़ी और देशद्रोही लोग हैं।
दीपांकर डीपी-
किसी शव के ऊपर अगर तिरंगा रखा जाता है तो क्या उसके ऊपर कोई और झंडा रखा जा सकता है क्या? मेरे ख्याल से फ्लैग कोड में ऐसा कुछ नहीं है.
कल्याण सिंह के पार्थिव शरीर के ऊपर तिरंगा रखा गया फिर उसके ऊपर भारतीय जनता पार्टी का झंडा रख दिया गया है.
क्या ये तिरंगे झंडे का अपमान है अथवा नहीं?
कल्याण सिंह की इच्छा थी कि उनका शव भारतीय जनता पार्टी के झंडे में लपेटा जाय तो उसी में लपेटना था. तिरंगे को बीजेपी के झंडे से दबाने की क्या जरूरत थी.
अपडेट- अभी अभी सूचना मिली है कि सोशल मीडिया पर ये मुद्दा तूल पकड़ने के बाद भाजपा का झंडा हटा दिया गया है ताकि तिरंगे का अपमान न हो.
yashi
August 22, 2021 at 5:18 pm
क्योंकि उन्होंने कहा था की जब मैं मरूँ तो भाजपा के झंडे से लिपटा हुआ रहूँ
Vinaytyagi
August 22, 2021 at 6:39 pm
ये इनकी ही अन्तिम इच्छा थी की इनका शव भाजपा के झण्डे मे जाये
Manish
August 23, 2021 at 9:02 am
Ek nahin kai baar, Jante samajhte kai ek baar Kashmir me algawwadi netaon ke bayanon ne terrorist ke support ke liye, Kashmir mudde ko lekar, ya kai anya karnon se hamare tirange jhande ko beijjat kiya hai to ispe kisi ACTIVE logon ne kabhi kuchh nahin bola, eisa kyon? Yahan to ek Ex. CM the..shayad mistake hua, jise turant sudhar diya gaya.