Sanjay Tiwari : आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबट अपने बयान में टेररिस्ट कहने की बजाय पोलिटिकली मोटिवेटेड पर्पेट्रेटर शब्द का इस्तेमाल कर रहे थे लेकिन एबीपी न्यूज अपने स्क्रीन पर “पर्पेट्रेटर” शब्द का अनुवाद “आतंकवादी” कर रहा था. आखिर हमारे चैनलों को “आतंकवाद” फैलाने की इतनी जल्दी क्यों रहती है?
“दिल्ली के खान मार्केट में सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है इसलिए अगर सिडनी जैसी कोई घटना दिल्ली में घटती है तो आप समझ सकते हैं अंजाम क्या होगा?” बख्तरबंद लगाओ गृहमंत्री जी. सेना बुलाओ. बस्सी साहब को काम पर लगाओ. जो करना है जल्दी करो. एबीपी न्यूज पर खबर आ गयी है. 🙂
चार बार अल ‘नसूरा’ अल ‘नसूरा’ करने के बाद जी न्यूज की एंकर ने बहुत आत्म विश्वास से ‘अल नुसरा’ के आस्ट्रेलिया में शामिल होने की पूरी जानकारी दी और ब्रेक पर चली गयी. हाय! 🙂
पेशावर में अब तक १०० से ज्यादा बच्चों के मौत की जानकारी देते हुए इंडिया टीवी और आईबीएन-7 की महिला एंकरों के लहजे में कोई नर्मी नहीं आई. आंखें नम न हुईं हो तो न सही, थोड़ा लहजा ही नम कर लेती मोहतरम!
भारतीय टीवी चैनलों पर पेशेवर महिला एंकरों की निर्दयी आवाजें पेशावर से बड़ा सदमा दे रही है. क्या उन्हें मासूम मौतों और हादसों के एंकरिंग की कोई ट्रेनिंग नहीं दी गयी है कि नकली ही सही, थोड़ी सी संवेदनशील दिख जाएं.
वेब जर्नलिस्ट संजय तिवारी के फेसबुक वॉल से.
संजय कुमार सिंह
December 16, 2014 at 2:30 pm
आप ठीक कह रहे हैं पर मुझे सल्मा सुल्तान याद आ रही हैं।
mohd shariq
December 16, 2014 at 4:49 pm
Sanjay Bhai….hamare anchor to dardnaak khabar ko aise paddhte hain mano bharat ne koi cricket match jeeta ho….chillana inka style nahin lifestyle ho gaya hai…inke andar insaniyat shayad khatm ho gayi hai ya channel m,alikon ki samne girvi rakh di hai …i nhein doordarshan ke news bulletin dekhni chahiye.
सिकंदर हयात
December 16, 2014 at 6:21 pm
एक सवाल ये हे की क्या ज़ी न्यूज़ के पास सिर्फ एक ही एंकर हे रुबिका लियाकत जब देखो यही मोहतरमा ही इस चेनेल पर पकाती दिखती हे