Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

हिंदी की औकात : टाइम्स आफ इंडिया और दैनिक जागरण के बीच के अंतर को जान लीजिए

Muni Shankar : मेरी हिन्दी सामान्य रुप से अच्छी है। अवधी और भोजपुरी भी ठीक-ठाक बोल लेता हूँ लेकिन ये रोजगार परक नहीं है। विश्व का सबसे ज्यादा बिकने वाला अखबार (संख्या की दृष्टि से) दैनिक जागरण है। लेकिन उसकी आय केवल दिल्ली एनसीआर में बिकने वाले टाइम्स आँफ इण्डिया के आय (लाभ) से कम है। इसी से दोनों अखबारों में कार्ररत पत्रकारों की हैसियत का अन्दाजा लगाया जा सकता है।

<p>Muni Shankar : मेरी हिन्दी सामान्य रुप से अच्छी है। अवधी और भोजपुरी भी ठीक-ठाक बोल लेता हूँ लेकिन ये रोजगार परक नहीं है। विश्व का सबसे ज्यादा बिकने वाला अखबार (संख्या की दृष्टि से) दैनिक जागरण है। लेकिन उसकी आय केवल दिल्ली एनसीआर में बिकने वाले टाइम्स आँफ इण्डिया के आय (लाभ) से कम है। इसी से दोनों अखबारों में कार्ररत पत्रकारों की हैसियत का अन्दाजा लगाया जा सकता है।</p>

Muni Shankar : मेरी हिन्दी सामान्य रुप से अच्छी है। अवधी और भोजपुरी भी ठीक-ठाक बोल लेता हूँ लेकिन ये रोजगार परक नहीं है। विश्व का सबसे ज्यादा बिकने वाला अखबार (संख्या की दृष्टि से) दैनिक जागरण है। लेकिन उसकी आय केवल दिल्ली एनसीआर में बिकने वाले टाइम्स आँफ इण्डिया के आय (लाभ) से कम है। इसी से दोनों अखबारों में कार्ररत पत्रकारों की हैसियत का अन्दाजा लगाया जा सकता है।

काम दोनों एक ही करते हैं। खबरें लाना और इडिट करके (शुद्ध करके) जनता तक पहुंचाना लेकिन उनके स्तर में इतना अन्तर होता है कि हिन्दी पत्रकार 10 वर्ष की मेहनतकश नौकरी करने के बाद भी टाटा नैनो लेने में संकोच करता है जबकि सामान्य रूप से टाइम्स आफ इण्डिया में कार्यरत नौकरी के दूसरे तीसरे साल ही आईटेन शौक से ले लेता है। ध्यान रहे ये वो चीजें है जो कोई भी सरकार चाहे भी तो नहीं बदल सकती। कमाऊ पूत किसे नापसन्द होते हैं……. फिर भी आप कहते हैं तो हिन्दी दिवस की सभी को शुभकामनायें (केवल कहने के लिए)… किसी की पिलपिली भावनायें आहत हुई हो तो क्षमा करें।

Advertisement. Scroll to continue reading.

आईआईएमसी से पत्रकारिता कोर्स करने वाले आजाद पत्रकार मुनि शंकर के फेसबुक वॉल से.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

0 Comments

  1. anuj K

    September 14, 2014 at 12:52 pm

    हैडिंग पढ़कर मुझे लगा कोई गहन विश्लेषण होगा, लेकिन यहाँ तो सिर्फ पिलपिलेपन की ही चिंता नजर आयी… दैनिक जागरण और TOI के अंतर पर कुछ गंभीर टिप्पणी होनी चाहिए थी… (अब ये न कह देना की आप ही कर दो)…..

  2. sahid

    September 26, 2014 at 2:46 am

    IIMC KA EK AUR CHUTIYA

Leave a Reply

Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement