टाइम्स ऑफ इंडिया की आज की एंकर स्टोरी में देश के स्वास्थ्य मंत्रालय की लापरवाही का नमूना देखा जा सकता है। कोरोना को हराने की जंग में स्वास्थ्य मंत्रालय कुछ इतना मशरुफ हो गया है कि कैंसर, एड्स और अन्य बीमारियों से पीड़ित लोग इलाज के लिए तरस रहे हैं।
रीमा नागार्जन और शोबिता धर की बाइलाइन वाली टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को कोविड-19 के इलाज में लगा दिया गया है। अस्पतालों में ओपीडी और तमाम ऑपरेशन थियेटरों के बंद होने से एचआईवी, कैंसर और अन्य बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को अस्पताल में अपना इलाज कराने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में बताया गया है कि लॉकडाउन के बाद से ही मरीजों का बुरा हाल है। एम्स में ओपीडी की सेवाएं बंद हैं और डॉक्टर सर्जरी नहीं कर रहे हैं। ऐसे में मरीज एम्स के इमरजेंसी में जाते हैं जहां उन्हें कुछ पेनकिलर दे कर कहा जाता है कि वे कोई मदद नहीं कर सकते क्योंकि सरकार ने अन्य सभी सेवाओं को बंद करने का ऐलान कर रखा है। कैंसर मरीजों की मदद करने वाले संगठन कैन सपोर्ट ने कोविड-19 के अलावा दूसरी बीमारियों के इलाज में पाबंदी लगाये जाने पर ऐतराज जाहिर किया है। दूसरी तरफ कैंसर जैसी बीमारी से जूझ रहे मरीजों को भी अपनी दवाएं नहीं मिल रही हैं जिससे उनकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही है।
प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर भी इन दिनों यही हिसाब किताब लगाने में जुटे हैं कि किन बीमारियों का इलाज तुरंत किया जाना चाहिए और किन मरीजों को इंतजार करने के लिए छोड़ा जा सकता है। टाइम्स ऑफ इंडिया की इस रिपोर्ट से समझा जा सकता है हमारे देश में स्वास्थ्य सेवाएं कितनी बेहतर हैं और मरीजों को कैसे संकट का सामना करना पड़ रहा है।
द इंडियन एक्सप्रेस में पहले पन्ने पर मिलिंद घटवइ के नाम से जो खबर छपी है वह चौंकाने वाली है। इस खबर में बताया गया है कैसे भोपाल में सत्ता परिवर्तन के साथ ही असम एनआरसी की वजह से सुर्खियों में आए हाजेला को स्वास्थ प्रमुख के पद से हटा दिया गया है।
हाजेला की एक छोटी सी तस्वीर भी छापी गयी है और साथ में कैप्शन में लिखा है कि जिम्मेदारियों में लापरवाही के कारण चौहान द्वारा हटाया गया। सत्ता में लौटते ही शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने स्वास्थ्य कमिश्नर प्रतीक हाजेला को हटा दिया।
इसके अलावा पहले ही पन्ने पर छोटे से कार्टून में सरकारी इंतजाम पर बखूबी चोट की गयी है। कार्टूनिस्ट ने कैप्शन दिया है – स्वस्थ रहने के लिए हाथों को धोतें रहें मगर उंगली करने की बिल्कुल भी कोशिश न करें। इससे काफी कुछ समझा जा सकता है।
पत्रकार एसएस प्रिया का विश्लेषण.
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