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पांच महिलाओं की लाश की जगह एक महिला से जुड़ी हस्तमैथुन की खबर को तूल दे रहा टाइम्स ऑफ इंडिया!

दो-चार दिनों से बहुत परेशान हूं। वजह है अखबारों की समझ, अदा, शैली और उनकी संवेदनशीलता। लगातार मनन-चिन्‍तन के बाद इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि अब बोलना जरूरी है। यह है लखनऊ से प्रकाशित अखबार टाइम्‍स ऑफ इण्डिया। विश्‍वविख्‍यात है, और अंग्रेजी-दां लोगों का पसन्‍दीदा भी। पांच महिलाओं की लाश की जगह एक महिला से जुड़ी हस्तमैथुन की खबर को तूल दे रहा है ये अखबार।

दो-चार दिनों से बहुत परेशान हूं। वजह है अखबारों की समझ, अदा, शैली और उनकी संवेदनशीलता। लगातार मनन-चिन्‍तन के बाद इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि अब बोलना जरूरी है। यह है लखनऊ से प्रकाशित अखबार टाइम्‍स ऑफ इण्डिया। विश्‍वविख्‍यात है, और अंग्रेजी-दां लोगों का पसन्‍दीदा भी। पांच महिलाओं की लाश की जगह एक महिला से जुड़ी हस्तमैथुन की खबर को तूल दे रहा है ये अखबार।

दिल्‍ली की एक खबर इस अखबार में दो पन्‍नों में अलग-अलग छापी है। मजमून यह है कि दिल्‍ली में जब एक युवती को साथ लेकर एक टैक्‍सी-ड्राइवर जा रहा था, अचानक उसने उस युवती की ओर कामुक मुस्‍कुराहट फेंकते हुए हस्‍त-मैथुन करना शुरू कर दिया। इस पर इस युवती ने विरोध किया और गाड़ी रुकवा कर चली गयी। बाद में उसने सोशल साइट्स पर हल्‍ला मचाया तो टैक्‍सी-मालिक ने उस ड्राइवर को बर्खास्‍त कर दिया। हैरत की बात है कि इस युवती ने अब तक पुलिस को इसकी सूचना देने की जरूरत नहीं समझी। 

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मेरी समझ में नहीं आता है कि लखनऊ में मोहनलालगंज में एक साल पहले बरामद हुई रक्‍तरंजित युवती की लाश और उसके बाद ताबड़-तोड़ पांच अन्‍य युवतियों की लाश पर अपनी चिन्‍ता जताने के बजाय इस अखबार ने दिल्‍ली में हस्‍तमै‍थुन की घटना को इतना तूल क्‍यों दिया। क्‍या इसलिए कि लखनऊ में बरामद हुई युवतियों की लाशें बेहद गरीब परिवार की थीं और जो ड्राइवर के हस्‍तमैथुन और उसकी मुस्‍कुराहट से तिलमिला गयी थी, वह कम से कम एक हजार रूपये टैक्‍सी वाले को देने वाली थी।

मुझे खुद पर शर्म आ रही है कि मैं इस समय महिला-अस्मिता के आर्थिक मूल्‍यांकन जैसा घटिया काम कर रहा हूं। लेकिन टाइम्‍स ऑफ इण्डिया क्‍या कर रहा है दोस्‍तों

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कुमार सौवीर के एफबी वाल से

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0 Comments

  1. prem kumar

    July 16, 2015 at 12:02 pm

    ToI is right. First of all comparison is wrong. Both incidents are ‘Ghrinit’.
    But the Delhi incident is an incident whose nature makes it indifferent. A woman raised the voice. If we ignore, similar voices will never come again.
    So, ToI is on correct line.

  2. Shveta Jha

    July 16, 2015 at 12:16 pm

    कमाल हो गया यशवंत जी. आज तक का अहंकार चूर चूर हो गया. नंबर 1 चैनल नंबर 3 हो गया. अजीत अंजुम ने आखिरकार India TV को नंबर 1 बना ही दिया

    Weekly Relative Share: Source: BARC, HSM, TG:CS15+,TB:0600Hrs to 2400Hrs, Wk 27
    India TV 15.2 up 0.3
    ABP News 15.0 up 0.6
    Aaj Tak 13.4 dn 1.8
    News Nation 10.6 same
    India News 10.4 dn 0.3
    Zee News 9.0 up 0.2
    News 24 7.8 up 1.5
    Tez 7.8 up 0.7
    IBN 7 4.6 dn 0.6
    NDTV India 4.6 dn 0.8
    DD News 1.6 up 0.2

    TG: CSAB Male 22+
    India TV 15.7 up 0.6
    ABP News 14.8 up 0.5
    Aaj Tak 14.0 dn 1.4
    News Nation 10.0 dn 0.9
    Zee News 9.7 up 1.2
    India News 9.3 up 0.1
    News 24 7.5 up 1.2
    Tez 7.2 same
    IBN 7 5.0 dn 0.4
    NDTV India 4.8 dn 1.2
    DD News 2 up 0.2

  3. lux

    July 16, 2015 at 4:25 pm

    Who is this Kumar? Idiot ..people like him think they are very sensible but infact are brainless…if such women related crimes are not raised who will raise them…no doubt women murder issues should have been raised but comparing two news and reaching to such jugements shows how immature this guy is..

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