बनारस के वरिष्ठ पत्रकार जलेश्वर उपाध्याय ने 27 सितंबर को अपने फेसबुक वॉल पर एक मीम पोस्ट किया. संभव है इसे कांग्रेस की आईटीसेल ने तैयार किया हो. पर यह मीम है बड़ा जोरदार. इस मीम ने कई बड़े टीवी पत्रकारों और उनके न्यूज चैनलों के असली चेहरों को बेनकाब कर दिया.
कभी पत्रकारिता को खोजी पत्रकारिता और सत्ता से सवाल करने वाली पत्रकारिता ही माना जाता था. पर अब इसे सत्ता का चारण गान गाने, सत्ता का प्रवक्ता बनने, सत्ता के इशारे पर बहस-विमर्श तय कर हल्ला करने वाली पत्रकारिता माना जाता है. इस क्षरण-पतन का चरम मोदी राज में दिखा है. ज्यादातर न्यूज चैनलों पर लगभग एक सा चारण गान बजता है. या तो पाकिस्तान व इमरान खान को हमारे न्यूज चैनल नेस्तनाबूत कर रहे होते हैं या फिर मोदी जी को महान महानम महानतम बताने का पहाड़ा पढ़ते हुए उनके कसीदे काढ़ रहे होते हैं.
जलेश्वर उपाध्याय एक सजग पत्रकार हैं और वह अक्सर व्यवस्था-सिस्टम की खामियों पर लिखते-चोट करते रहते हैं. उनका अपलोड किया यह मीम उनके वाल से ही अब तक 780 बार शेयर हो चुका है और जिन जिन ने शेयर किया है, उनमें से अधिकतर के फेसबुक एकाउंट से दर्जनों से लेकर सैकड़ों बार शेयर हुआ है. कह सकते हैं कि यह मीम फेसबुक पर कई जगहों पर अपलोड होकर अब लाखों में शेयर हुआ है. यही रफ्तार शेयर होने की इसकी ट्वीटर पर भी है. टीवी मीडिया पर हाल फिलहाल का यह सबसे मारक मीम है.
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Lalit chand
October 1, 2019 at 11:40 am
Yah khabar ekadam shop percent sach hai ki media wale bikau hai netaon ke Saran ke chalte Hain
Pradeep
October 1, 2019 at 5:13 pm
और कितना गिराओगे मीडिया को ये तो हद है इतनी गिरावट तो वेश्यावृत्ति में भी नहीं होती। जितना इन्होंने। मीडिया को गिरा दिया है। खैर दलाल वेश्याओं से भी गिरे होते हैं। इनकी कोई गलती नहीं। इनकी चमडी भी बहुत मोटी हो गई है दलाली का पैसा कमा कमा कर। इन पर कोई फर्क नहीं पड़ता।