नई दिल्ली : भारत ने स्वीडिश दैनिक ‘दाजेन नेतर’ में प्रकाशित राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के एक विवादित बयान वाले साक्षात्कार कड़ा विरोध जताया है। आपत्तिजनक बातें साक्षात्कार में दिए जाने पर भारत का कहना है कि ‘सामने वाले को नीचा दिखाने के लिए की गयी यह गैर पेशेवर और अनैतिक’ कार्रवाई है।
स्वीडन में भारतीय राजदूत बनश्री बोस हैरिसन ने दैनिक के मुख्य संपादक पीटर वोलोदारस्की को लिखे पत्र में कहा है कि भारतीय राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा साक्षात्कार समाप्त होने के बाद साक्षात्कार के दौरान अनायास मुंह से निकली बात के संबंध में कराये गए आफ दी रिकार्ड सुधार को आपकी ओर से रिपोर्ट में शामिल करना गैर पेशेवर होने के साथ ही अनैतिक है। उस समय आपने राष्ट्रपति के समक्ष सहानुभूति दर्शायी थी और कहा था कि ऐसा किसी से भी हो सकता है। उसके बाद जिस तरीके से आपकी ओर से दूसरे को नीचा दिखाने की मंशा से उस बात को रिपोर्ट में शामिल किया गया, उसकी एक उच्च मानदंडों वाले प्रमुख समाचारपत्र या पेशेवर पत्रकार से सामान्य तौर पर अपेक्षा नहीं की जाती।
आपत्ति जताते हुए उन्होंने यह भी कहा है कि राष्ट्रपति मुखर्जी के प्रति वह ‘शिष्टाचार और सम्मान’प्रदर्शित नहीं किया गया जिसके बतौर एक राष्ट्राध्यक्ष वह हकदार हैं। बोफोर्स संबंधी सवाल तीसरे नंबर पर था लेकिन इसे ऐसे दिखाया गया कि यह पहला सवाल था। अगर मैं स्पष्ट शब्दों में यह कहूं कि यह पत्रकार का लाइसेंस लेकर लोगों को गुमराह करने जैसी बात है तो मैं उम्मीद करती हूं आप मुझे माफ करेंगे।