नई दिल्ली : सनसनीखेज तरीके से द ब्रज फाउंडेशन पर आरोप लगाने वाले डा. सुब्रामानियन स्वामी के सभी आरोपों का जवाब मय प्रमाणपत्र के, द ब्रज फाउंडेशन सीबीआई को सौपने जा रही हैं, इस अनुरोध के साथ कि सीबीआई इन सभी आरोपों की तुरंत निष्पक्ष जांच करवाए। यह जानकारी आज प्रैस-विज्ञप्ति के माध्यम से द ब्रज फाउंडेशन के सचिव व कालचक्र समाचार ब्यूरो के प्रबंधकीय संपादक रजनीश कपूर ने दी। अपने पत्र में उन्होंने सीबीआई को आश्वस्त किया है कि इन आरोपों के संदर्भ में जो भी जानकारी मांगी जाएगी, उसे द ब्रज फाउंडेशन सहर्ष उपलब्ध करेगी।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार की सुबह अपने तीन सहायकों को हवाई जहाज से लखनऊ भेजकर डा. सुब्रामानियन स्वामी ने द ब्रज फाउंडेशन के अध्यक्ष व सुप्रसिद्ध पत्रकार विनीत नारायण और उनकी संस्था द ब्रज फाउंडेशन पर 8 पेज का आरोपपत्र उ.प्र. के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को सौपा था। जिसमें इन आरोपों की सीबीआई से जांच करवाने की मांग की गई है। विज्ञप्ति में श्री कपूर ने बताया कि सरकार की प्रशासनिक प्रक्रिया में अनावश्यक देरी न हो और यह जांच जल्द से जल्द हो, इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया है।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले 19 जून 2018 को संस्था के अध्यक्ष विनीत नारायण ने द ब्रज फाउंडेशन का पिछले 13 वर्ष का आय-व्यय का संपूर्ण ब्यौरा भारत के नियंत्रक व महालेखाकार श्री राजीव महर्षि को इस अनुरोध पत्र के साथ सौपा था कि उनकी संस्था के विरूद्ध आय-व्यय के मामले में किसी भी तरह की जांच करवा ली जाए ताकि झूठे आरोप लगाने वाले बेनकाब हो सकें।
आज जारी विज्ञाप्ति में श्री कपूर ने बताया है कि गत 4 जून 2018 को उन्होंने भारत सरकार के प्रवर्तन निदेशालय के एक ताकतवर अधिकारी राजेश्वर सिंह के विरूद्ध सर्वोंच्च न्यायालय में आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में जांच करवाने की जनहित याचिका दायर की थी। क्योंकि इस अफसर पर अपने पद का दुरूपयोग कर अकूत संपत्ति अर्जित करने के आरोप हैं। उनके इस कदम से डा. सुब्रामानियन स्वामी बुरी तरह विचलित हो गए और द ब्रज फाउंडेशन के विरूद्ध अनर्गल प्रलाप करने लगे। आश्चर्य है कि भ्रष्टाचार के आरोपी एक जूनियर अधिकारी के खिलाफ जांच होने से डा स्वामी इतना क्यों घबरा रहें हैं उनके इस अधिकारी से क्या सम्बन्ध हैं ?
डा स्वामी ने इसी केस में हस्तक्षेप और राजेश्वर सिंह ने रजनीश कपूर के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अदालत की अवमानना का मुकद्दमा दायर कर श्री कपूर को डराने-धमकाने की कोशिश की। पर सर्वोच्च न्यायालय ने उन दोनों की याचिकाएं स्वीकार नहीं की और रजनीश कपूर की याचिका पर 27 जून 2018 को उस अधिकारी के विरूद्ध सरकार को जांच की छूट दे दी, जिस पर पहले रोक लगी थी।
तभी से डा. सुब्रामानियन स्वामी बुरी तरह बौखलाए हुए हैं। इसी क्रम में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी को ये बेबुनियाद आरोप पत्र भेजकर सनसनी पैदा करने की कोशिश की है। इस संदर्भ में श्री नारायण का कहना है कि, ‘पत्रकारिता और ब्रज में जो कुछ मैंने गत 40 वर्षों में किया है, वह पूरे देश के सामने खुली किताब की तरह है। मैं हर तरह की जांच का स्वागत करूंगा और यह अपेक्षा रखूंगा कि आरोप गलत सिद्ध होने पर आरोप लगाने वाले अपनी सजा अभी से स्वयं ही तय कर लें। जिससे फिर मुझे नाहक उनके विरूद्ध मानहानि का मुकदमा दायर न करना पड़े।’
प्रेस विज्ञप्ति
पूरे प्रकरण को समझने के लिए इन्हें भी पढ़ें…
पत्रकार विनीत नारायण को नटवरलाल बताते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने सीएम योगी को भेजा आठ पेज का पत्र
xxx
पत्रकार विनीत नारायण ने सुब्रमण्यम स्वामी पर बोला हल्ला…
https://www.youtube.com/watch?v=RdlXRolMO38