: राज्यसभा टीवी और लोकसभा टीवी यानि चोर चोर मौसेरे भाई : 18 जुलाई 2015 की सुबह महादेव रोड स्थित लोकसभा टीवी कार्यालय पर ठीक आठ बजे से भीड़ जुटने लगी थी… हालांकि वो ईद का दिन था.. लेकिन देखते ही देखते तक़रीबन 150 लोग वहां इंटरव्यू देने आ पहुंचे… गार्ड ने बताया कि एंकर पद के इंटरव्यू एक दिन पहले यानी 17 जुलाई को लिये जा चुके हैं…. मौजूद कैंडिडेट्स को सांप सूंघ गया.. लोकसभा टीवी की वेबसाईट के अनुसार एंकर और कापी एडिटर पद के लिये इंटरव्यू 18 तारीख को मुक़र्रर किया गया था… देखें लिंक: https://goo.gl/y4eFDL
लेकिन पता नहीं कैसे और क्यों इन्ही पदों के लिये साक्षात्कार आनन फानन में 17 तारीख को ही निपटा दिया गया….. इसी असमंजस की स्थिति में सभी लोग भड़क उठे… आख़िरकार लोकसभा टीवी के एक्सीक्यूटिव डायरेक्टर सुमित सिंह (जिनकी ख़ुद की की नियुक्ति पर TOI सवाल उठा चुका है खबर देखें http://goo.gl/6xufbc ) को फोन लगाया गया… काफी देर तक सिंह साहब और केंडिडेट्स के बीच कहा सुनी हुई… कैंडिडेट्स के आक्रोश और मीडिया में ख़बर छपने के डर से उन्होंने इंटरव्यू 22 जुलाई को मुक़र्रर किया… राज्यसभा टीवी में हुई नियुक्तियों से भी बुरा हाल यहां था…वहां कम से कम इंटरव्यू देने तो बुलाया था…यहां तो एक दिन पहले ही चहेतों के वारे न्यारे किये जा चुके थे….
बहरहाल 22 जुलाई को बचे हुए 80 से 90 कैडिडेट्स वहां पहुंचे और शुरू हुआ मूर्ख बनाने का खेल… बेचारे कैंडिडेट्स का सरकारी बाबुओं के समक्ष डाक्यूमेंट्स वेरीफाई करवाते करवाते ही दम निकल गया…. फिर दिन भर की सिर फुटव्वल के बाद जाकर इंटरव्यू प्रक्रिया समाप्त हुई…. सितंबर के आखिरी सप्ताह में लोकसभा टीवी के साक्षात्कारों का परिणाम घोषित किया और 29 लोगों को चुना गया जिनमें 4 एंकर्स का भी चयन हुआ….और यही सबसे ज्यादा चौंकाने वाला परिणाम भी था…कुछ एक बड़े नामों के अलावा बाकियों का नाम भी किसी ने नहीं सुना था…… इन चारों में एक महानुभाव ताई के ही लोकसभा क्षेत्र के हैं और लोकल केबल टीवी चैनल में रिपोर्टर पद पर कार्यरत हैं….
बताया जाता है कि इन महाशय को पत्रकारिता में आए ही जुम्मा जुम्मा दो साल हुए हैं जबकि लोकसभा टीवी में पांच साल की योग्यता अनिवार्य थी…. ये बात और है कि इऩ्हें शहर में केवल गरबा कवर करने लायक समझा जाता था…. लेकिन संघ के बैकग्राउंड के कारण इन्हें तरजीह दी गई है… ये भी कहा जाता है कि ये श्रीमान लगातार ताई को साधने में लगे रहे…. चुनावी जीत से लेकर लोकसभा अध्यक्ष बनने तक ये मान्यवर ताई के पीछे लगे रहे…. और पर्दे के पीछे ऐसा खेल खेला कि बड़े बड़ों की बोलती बंद हो गई…
एक पत्रकार द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.
shikha
September 8, 2015 at 12:09 pm
yahi sach haion ki sirf sarkari channel main post niklti hain logo ko pagal banana ke lie baki sara khel to jugad ka hain …..kyn anubhavi logo ko mauka nh diya jata ky n ek siti cable ke ptrakar ko mauka diya gaya jabki aur bhi ache aur talented log the