पूर्व आईपीएल कमिश्नर और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी ललित मोदी की मदद करने को लेकर विवादों में आई विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अब एडिटर गिल्ड के निशाने पर भी आ गई हैं। एडिटर गिल्ड ने सुषमा स्वराज पर मीडिया को धमकाने का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि इस मामले के खुलासे के बाद विदेश मंत्री ने एक महिला पत्रकार का नाम लेकर बाकायदा ट्वीट किया था।
एडिटर गिल्ड का कहना है कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं। एडिटर गिल्ड का कहना है कि सत्ता में बैठे नेताओं को मीडिया की आलोचना के खुला रुख अपनाना चाहिए न कि इस तरह किसी का नाम लेकर धमकाने का काम होना चाहिए। गिल्ड ने चेताया है कि विदेश मंत्री के इस तरह के बयान पत्रकारों को चुप्पी साध लेने और उन्हें पेशवर रुख से हतोत्साहित करने के खतरे के तौर पर देखा जा सकता है।
ललित मोदी के मदद करने के मामले का खुलासा होने के बाद 15 जून को सुबह 10 बजकर 53 मिनिट पर सुषमा स्वराज ने अपने ट्विटर हैंडल से अंग्रेजी चैनल टाइम्स नाउ की महिला पत्रकार नविका कुमार का नाम लेते हुए ट्वीट किया था जिसमें उन्होंने लिखा था, ‘देखिए कौन सभी को उपदेश दे रहा है नविका कुमार।’
ललित मोदी की मदद को लेकर विवादों में फंसी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को ट्विटर पर उन आरोपों का बड़े तल्ख़ अंदाज में जवाब दिया, जिनमें कहा जा रहा था कि उन्होंने अपनी बेटी के एक मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए जुगाड़ से उत्तर पूर्व के कोटे का इस्तेमाल किया। सुषमा ने ट्वीट करके जानकारी दी है कि उनकी बेटी बैरिस्टर है और उसने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। सुषमा ने खारिज किया है कि उनकी बेटी को नॉर्थ ईस्ट कोटा के तहत मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिला था। सुषमा ने कहा, ‘मेरी बेटी बैरिस्टर है। मुझे उसे फायदा पहुंचाने की जरूरत नहीं है।’ 63 वर्षीय सुषमा स्वराज इनदिनों प्रवर्तन कानूनों के तहत आरोपी ललित मोदी को ट्रैवेल पेपर मुहैया कराने के आरोपों का सामना कर रही हैं।
गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर एक ट्वीट के जरिए आरोप लगाया गया है। एक पत्रकार ने @pakaoed से किए गए अपने ट्वीट में सुषमा पर अपनी बेटी को फायदा पहुंचाने पर सवाल उठाया था। सुषमा स्वराज ने इसका कुछ इस तरह से जवाब दिया…
@SushmaSwaraj
My daughter is a Barrister and Oxford graduate. What you say is absolutely false. @pakaoed
सुषमा स्वराज पर लगाए गए ताजा आरोपों का संबंध उन दिनों से जोड़ा जा रहा है, जब 1990 से 1093 के दौरान उनके पति स्वराज कौशल मिजोरम के राज्यपाल थे। स्वराज कौशल को नॉर्थ-ईस्ट मामलों का विशेषज्ञ भी माना जाता है।