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सेलरी के लिए सड़क पर उतरे, प्रबंधन बोला- जून आखिरी सप्ताह में हो जाएगा फुल एंड फाइनल

न्यूज एक्सप्रेस चैनल के प्रबंधन ने ऐलान किया है कि उनके यहां कार्यरत लोगों का फुल एंड फाइनल पेमेंट जून लास्ट वीक में हो जाएगा. उधर, अब तक कानूनी लड़ाई के सहारे अपना हक मान रहे न्यूज एक्सप्रेस के कर्मचारी अब सड़कों पर उतर आए हैं. कर्मचारियों ने मंगलवार सुबह कंपनी दफ्तर के सामने प्रदर्शन किया और नारेबाजी की. प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने पोस्टर चिपकाए और गुस्से का इजहार किया. सैंकड़ों कर्मचारियों ने एक स्वर में मैंनेजमेंट से जल्द से जल्द बकाया भुगतान की मांग की. कर्मचारियों की तरफ से पूरे मामले की पैरवी रूबी अरुण, सचिन अग्रवाल और महेंद्र नाथ मिश्र कर रहे हैं.

न्यूज एक्सप्रेस चैनल के प्रबंधन ने ऐलान किया है कि उनके यहां कार्यरत लोगों का फुल एंड फाइनल पेमेंट जून लास्ट वीक में हो जाएगा. उधर, अब तक कानूनी लड़ाई के सहारे अपना हक मान रहे न्यूज एक्सप्रेस के कर्मचारी अब सड़कों पर उतर आए हैं. कर्मचारियों ने मंगलवार सुबह कंपनी दफ्तर के सामने प्रदर्शन किया और नारेबाजी की. प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने पोस्टर चिपकाए और गुस्से का इजहार किया. सैंकड़ों कर्मचारियों ने एक स्वर में मैंनेजमेंट से जल्द से जल्द बकाया भुगतान की मांग की. कर्मचारियों की तरफ से पूरे मामले की पैरवी रूबी अरुण, सचिन अग्रवाल और महेंद्र नाथ मिश्र कर रहे हैं.

 

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इनका कहना है कि लेबर कमिश्नर के सामने 20 मई को कर्मचारियों का सीओओ संदीप शुक्ला और कंपनी की वकील सुवर्णा शिंदे के साथ समझौता हुआ था. इसके मुताबिक कंपनी को 4 जून तक सभी कर्मचारियों को तीन माह सेलरी और एक महीने का नोटिस पीरियड का भुगतान करना था. लेकिन कंपनी ने तय समय तक कर्मचारियों का भुगतान नहीं किया. बल्कि तरह-तरह से मामले को खींचने का प्रयास किया गया ताकि कंपनी भुगतान करने से बच सके. अब लेबर कोर्ट की ओर से कंपनी को रिकवरी नोटिस जारी किया गया है और मालिकों को अपना पक्ष रखने के लिए 15 जून तक का समय दिया है.

उधर, कर्मचारियों का नेतृत्व कर रहीं न्यूज एक्सप्रेस की इनपुट हेड रूबी अरुण पर मैनेजमेंट मेहरबान दिख रहा है. अब तक कंपनी की गाड़ी वापस ना करने और नो ड्यूज तक क्लियर ना कराने के बावजूद मैनेजमेंट ने उनकी सेलरी उनके एकाउंट में ट्रांसफर कर दी. बाकी कर्मचारी इसके लिए संघर्ष कर रहे हैं. रूबी अरुण पर मैनेजमेंट की इस तरह की मेहरबानी से कुछ कर्मचारी संशय में हैं. उधर, रूबी अरुण का कहना है कि बाकी कर्मचारियों से उन्हें दूर करने के लिए मैनेजमेंट ने ये हथकंड़ा अपनाया है.

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