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‘न्यूज नेशन’ उगाही कथा (5) : छत्तीस लाख फिरौती मांगने वाली शीतल कपूर आज भी आजाद

 Pampati Sharma : OXXY कंपनी है खेल खेलने वाली और उसकी प्रमुख खिलाड़ी है शीतल कपूर जो छुट्टा घूम रही। मैने यह बताया था कि कैसे एक महिला ने एक सेंटर के डायरेक्टर महोदय को फोन करते हुए सीधे सीधे एक्सटार्शन यानी उगाही यानी फिरौती मांगी कि यदि आप 36 लाख दे देते हैं तो स्टिंग में आपका सेंटर नहीं होगा. संचालक महोदय ने तत्काल पुलिस को सूचित किया. उस महिला का फोन 18 दिसंबर को आया था. उसने कहा था कि क्लीपिंग दिखा देंगे तब पूरा पेमेंट दीजिएगा जो चेक से होगा. हम अपना कमीशन काट कर बाकी की रकम चैनल में ऊपर के लोगों को पहुंचा देंगे. 

ये है शीतल कपूर

 Pampati Sharma : OXXY कंपनी है खेल खेलने वाली और उसकी प्रमुख खिलाड़ी है शीतल कपूर जो छुट्टा घूम रही। मैने यह बताया था कि कैसे एक महिला ने एक सेंटर के डायरेक्टर महोदय को फोन करते हुए सीधे सीधे एक्सटार्शन यानी उगाही यानी फिरौती मांगी कि यदि आप 36 लाख दे देते हैं तो स्टिंग में आपका सेंटर नहीं होगा. संचालक महोदय ने तत्काल पुलिस को सूचित किया. उस महिला का फोन 18 दिसंबर को आया था. उसने कहा था कि क्लीपिंग दिखा देंगे तब पूरा पेमेंट दीजिएगा जो चेक से होगा. हम अपना कमीशन काट कर बाकी की रकम चैनल में ऊपर के लोगों को पहुंचा देंगे. 

ये है शीतल कपूर

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जनवरी में शीतल कपूर को लेकर नवभारत टाइम्स और हिंदुस्तान टाइम्स में खबर प्रकाशित हुई थी पर हुआ कुछ भी नहीं

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अखबार में प्रकाशित खबर

खैर, 23 दिसंबर को वह सेंटर आती है. सेंटर के संचालक उसे छह लाख का चेक देते हैं और बाहर बैठी पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेती है. उसे थाने ले जाती है और वहां पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया जाता है. कितनी बोल्ड लेडी थी वह इसे सहज ही समझा जा सकता है जब उसने पुलिस से कहा कि या तो गिरफ्तार करो या छोड़ दो. पुलिस ने छोड़ दिया. वह ऐंटीसिपेट्री बेल के लिए कोर्ट जाती है पर उसको बेल नहीं मिली. कोर्ट आर्डर की कापी मौजूद है मेरे पास. लेकिन मजे की बात तो यह कि वह आज तक आजाद है और कंपनी में बाकायदा काम कर रही है बतौर प्रवक्ता.

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यह सब देख सुन कर मेरी रातों की नींद उड़ चुकी है. सोचता हूं कि पत्रकारिता में क्या यही दिन देखने आया था मैं ? सच कहता हूं मैं कोई क्रूसेडर नहीं और न ही कोई समाज सुधारक, मेरा दर्द तो यही है कि जिस चैनल को मैने 18-18 घंटे काम करते हुए सींचा था वह इस धतकरम में लिप्त पाया गया !!

आप सोच रहे होंगे कि मैने अभी तक उसका नाम नहीं बताया तो उसका नाम है शीतल कपूर और उसकी कंपनी का नाम है OXXY INTERNATIONAl 

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उसके साथ की गयी सारी बातचीत पुलिस ने रेकार्ड कर ली जो दो घंटे की है और जिसकी सीडी पुलिस के अलावा मेरे पास भी है. जिसमें उसने बताया था कि जुलाई में दिखाए गए आपरेशन जोंक पार्ट वन में 12 या14 और पार्ट टू में 16 डायगोनस्टिक सेंटर्स का स्टिंग किया है. पहले पार्ट में हमने सात की ही फुटेज को दिखाया था और पार्ट टू में हम छह या सात सेंटर्स को दिखाएंगे. बाकी के साथ सेटिंग हो रही है और वैसे ही हुआ. सात मई को जो पार्ट टू दिखाया गया उसमें कैसे खेल किया गया, वह देखिए…पहले उसका प्रोमो चला छह मई के लिए..उस दिन पैनलिस्ट डाक्टर्स को भी बाकायदा बुला लिया गया पर ऐन वक्त पर उसे एक दिन आगे सरका दिया गया. सात मई को शो शुरू होने के समय एंकर घोषणा करता है कि हम ऐसे आठ सेंटर्स को दिखाएंगे पर नीचे पट्टी पर आता है छह. और फिर छह को ही दिखाया गया. सूत्र बताते हैं कि एक के साथ सेटिंग हो गयी और मोटी रकम जो पचास लाख बतायी जाती है, पहुंचा दी गई. शीतल कपूर के पास क्लिप थी उसने स्टिंग करने वाले जो तीन नाम लिए, उनमें दो राम कुमार और उमेश न्यूज नेशन की एसआईटी टीम के हैं और अभिमन्यु दूसरे चैनल का है, जिसका नाम लेना उचित नहीं होगा. शीतल का दावा सही निकला और इन तीनों के नाम एफआईआर की गयी.

शीतल की कंपनी मेडिकल हेल्थ केयर में खुद को बड़ी तोप बताती है. उसने विवादास्पद ‘ कुबेर ‘ के साथ टाई अप का दावा किया है जिसमें जांच कराने वाले मरीजों को टैक्सी सेवा नि:शुल्क और लैब से चालीस प्रतिशत छूट शामिल है. यही नहीं कंपनी स्वच्छता अभियान में 15 करोड़ के सहयोग का भी दावा करती है. पर उसने इस संदर्भ में क्या किया इसकी जानकारी वह नहीं देती.

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यदि शीतल कपूर का दावा मान लिया जाए तो कुल तीस सेंटर्स का स्टिंग हुआ था पर दिखाया गया कुल 13 को. यानी करोड़ों का खेल हो गया. यही नहीं उसने नाम लेकर चैनल का कहा कि हमारी उनके साथ डील हो चुकी है.

शीतल ने एक सेंटर के निदेशक को व्हाट्सप पर जो मैसेज भेजा था उसकी कापी यहां पोस्ट कर रहा हूं…एक नजर मारिए और फिर सोचिए कि आखिर कहां आ गए हैं हम ..? 

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Hi,I met someone v.senior in the feternity today afternoon.. .. He confirmed the release sometym soon….

Tomorrow I m planning to hv a tie up with the corporate for non releasing of two other centers also…

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Can u Pls handover a pdc for Tuesday, tomorrow morning, I can then hv oxxy tieup with other corporate for ur center also… And draft an agreement and send to you, we can get the same sign by evening…I can also try to show u the clip in d coming weeks…

10lakhs now, rest when I show u the clip…

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Please confirm so that I can move in d same direction…

OXXY कितनी ताकतवर है यह तो नहीं पता पर यह सच है कि शीतल कपूर छुट्टा घूम रही है. जनवरी में दो अखबारों में भी खबर प्रकाशित हुई इस महिला और पुलिस के खिलाफ पर किसी के कान में जूं तक नहीं रेंगी. 

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मेरी आत्मा कराह रही है. इस चैनल को खड़ा करने में शैलेश और उनकी टीम ने कितनी मेहनत की थी, बताने की जरूरत नहीं. प्रमोटर्स ने डिस्ट्रीब्यूशन में पूरा ध्यान दिया और शैलेश ने प्रोग्रामिंग पर. ऐड नही लिए गए. रन डाउन 26-27 मिनट का होता था. देखते ही देखते चैनल चल निकला. चैनल के एमडी अतुल कुलश्रेष्ठ से तो एक बार ही देखा हुआ था चैनल की सालगिरह पर …मगर दो अन्य निदेशकों अनिल और संजय कुल श्रेष्ठ से गाहे- बेगाहे मुलाकात होती रहती थी …वर्तमान में प्रबंध सम्पादक संजय कुलश्रेष्ठ से मैं कहता रहता था कि हम चौथे पांचवें स्थान तक तो पहुंच चुके हैं पर आगे का सफर काफी कठिन है. यहां से रास्ता बदलते हुए आपको आजतक को चेज करना होगा. वैसे ही प्रोग्रामिंग में भव्यता लानी होगी. लंबी रेखा खीचिए…..अनिलजी छुई मुई टाइप के जीव..उनसे भी कहता था कि सर एकनामिकली आपने वो नहीं किया जो नये चैनल करते हैं. आपने दिमाग लगाया. अनिलजी हमको कहते , ” पदमजी आप नीले शूट में काफी जंचते हैं. जहां तक अजय कुमार का सवाल है तो मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं कि इस शख्स की देश में अपनी अलग व्यूवरशिप है. जहां कहीं भी मुझे पहचाना गया तो चैनल के नहीं अजय कुमार के नाम से. लेकिन तब सपने में भी नहीं सोचा था कि चैनल ऐसे हथकंडों पर उतर आएगा. कल अजयजी का फोन आया था. दुखी थे कि ब्राडकास्ट रेग्युलेटरी एथार्टी को भेजी कम्प्लेन मैने अपनी वाल पर क्यों लगा दी ? शायद वह नहीं जानते थे कि तमाम डाक्टर्स की वाल पर वह पहले से ही है और हमने भी फेसबुक से ही उसे उठाया था. 

इस खेल में जिनके नाम एफआईआर हुई है वे बेचारे मजदूर हैं जिनका काम स्टिंग करना और फुटेज लाकर प्रबंध संपादक को सौंप देने भर का है. इस खेल में सब मिले हुए हैं. एक रिपोर्टर महाशय ऐसे खेल खेलने के आरोप में बड़े चैनल से निकाले गए थे दो अन्य साथियों के साथ. दो को शैलेश ने न्यूज नेशन में नौकरी दी यह भयंकर भूल थी. कथित आरोपी रामकुमार के भाई की उगाही में अहम भूमिका निभायी गयी बतायी जाती है. सुना है कि रामकुमार ने हालिया नयी कार खरीदी है. 

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यह उगाही का धतकरम खुल कर खेला जा रहा था. आपने देखा होगा कि चैनल दो दिनो तक प्रोमो दिखा कर स्टिंग ड्राप करता रहा है. जाली डिग्री का मामला हो या फर्नीचर फर्मों का अथवा सनैपडील का, किसानों के मुआवजे में धांधली का और ब्लडबैंकों का…डील का संदेह क्यों नहीं गहराएगा ? पुलिस का आलम यह कि वह बाद में डाक्टरों को सिर्फ भरमाती रही. पहले कहा गया कि कोई कंपनी नहीं वह निजी तौर पर खेल रही थी. जब बताया गया कि वह अमुक कंपनी में काम कर रही है तब पुलिस ने कहा कि उसे हटाया जा चुका है. जांच अधिकारी की जीभ लपलपायी …जब सात मई को शो आन एयर हो गया तब कहीं जाकर पुलिस की नींद खुली. जांच अधिकारी बदल दिया गया. बाद में केस थाने से लेकर क्राइम ब्रांच के पास चला गया. जांच में तेजी तो आयी है कुछ मेरे परिचित हैं, बताते हैं कि लाई डिटेटक्टर प्रयोग करने का मन बनाया जा चुका है. वीडियो- आडियो को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जा रहा है. पर पुराने जांच अधिकारी को अभी तक आरोपियों में शामिल क्यों नहीं किया गया, यह लाख टके का सवाल है .. असल में जिस तरह से चेक में लेन देन हुए हैं और जैसा कि शीतल दावा करती है तो फिर यदि इमानदारी से जांच हुई तो असली अपराधी आसानी से बेनकाब हो जाएंगे. लेकिन फिर वही सवाल कि आक्सी कंपनी और उसके संचालक पति पत्नी क्रमश: पंकज गुप्ता- रीमा गुप्ता पर कब हाथ डालेगी पुलिस ?

मेरा विनम्र निवेदन देश के प्रमुख चैनलों आजतक, एबीसी, एनडीटीवी, इंडिया टीवी, आईबीएन सेवेन और चैनल-24 आदि के कर्ता-धर्ताओं से हैं कि इस समय इस मीडियम की साख और छवि निम्नतम सतह पर आ चुकी है. विश्वसनीयता का संकट उत्पन्न हो चुका है..आप सभी आगे बढ़िए और कुछ ऐसा कीजिए ताकि बदरंग छवि को उजली किया जा सके. फिलहाल तो हमारे जैसे खुद को ही अपराधी समझ रहे हैं.

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पदमपति शर्मा के एफबी वाल से 

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