नोट फॉर वोट की आंच ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को लपेटे में लिया है। एक ऑडियो टेप में दावा किया गया है कि वोट के बदले नोट केस में पकड़े गए टीडीपी विधायक रेवंत रेड्डी को पूरी तरह से सीएम नायडू का समर्थन प्राप्त था। तेलंगाना में सत्तारूढ़ टीआरएस के दफ्तर से चलने वाले चैनल टी न्यूज ने रविवार को एक ऑडियो टेप जारी किया। चैनल का दावा है कि इसमें नायडू मनोनीत विधायक एल्विस स्टीफन्सन से ‘कमिटमेंट’ की बात कर रहे हैं। उनका खयाल रखने का भरोसा भी दिला रहे हैं। यह बातचीत तेलंगाना विधान परिषद की 5 सीटों पर हुए हालिया चुनाव के संदर्भ में हुई थी। नायडू के एडवाइजर पी. प्रभाकर का कहना है कि यह ऑडियो फर्जी है। नायडू के दो विधायकों ने अवैध फोन टैपिंग का आरोप लगाते हुए सोमवार को तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव के खिलाफ विजयवाड़ा में एफआईआर भी दर्ज कराई।
नायडू नौ जून को प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर फोन टैप कराए जाने के खिलाफ शिकायत करेंगे। इस ऑडियो टेप में एक व्यक्ति दूसरे शख्स को फोन लगाता है और कहता है कि ‘बाबू गारू’ आपसे बात करना चाहते हैं। चैनल का दावा है कि जिन्हें फोन किया गया है, वे एलविस स्टीफन्सन हैं। वहीं, बाबू गारू के मायने सीएम चंद्रबाबू नायडू से हैं। जब ‘बाबू गारू’ फोन पर आते हैं तो स्टीफन्सन से उनके हालचाल पूछते हैं। फिर कहते हैं- ‘मुझे ब्रीफ किया गया है। मैं आपके साथ हूं, आप फिक्र न करें। हर तरह की जरूरत के लिए मैं आपके साथ हूं। आपसे जो कुछ कहा गया है, उसका सम्मान किया गया है। आप अपने हिसाब से फैसला करें। इसमें कोई दिक्कत नहीं है। यह हमारा कमिटमेंट है। हम मिलकर काम करेंगे।’ चैनल का कहना है कि नायडू चाहते थे कि स्टीफन्सन टीडीपी प्रत्याशी के पक्ष में वोटिंग करें।
इस ऑडियो टेप से पहले तेलंगाना के एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक और ऑडियो-वीडियो टेप जारी किया था। उस टेप में टीडीपी विधायक रेड्डी बाबू गुरु’ के तौर पर नायडू का हवाला दे रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया था कि आंध्र प्रदेश के सीएम ने उन्हें इस काम के लिए नियुक्त किया है। बता दें कि एंटी करप्शन ब्यूरो ने टीडीपी के विधायक रेवानाथ रेड्डी को मनोनीत विधायक एलविस स्टीफेन्सन को रिश्वत देने के मामले में गिरफ्तार किया था। आरोप है कि स्टीफन्सन के वोट बदले उन्हें पांच करोड़ रुपए देने की डील तय हुई थी। इसमें से 50 लाख रुपए दिए जा रहे थे। उसी दौरान टीडीपी विधायक को एसीबी ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया।
नायडू पर अारोप लगने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, ”कैश फॉर वोट को लेकर यदि चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ आए ऑडियो टेप में सच्चाई है, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।” कैश फॉर वोट मामले में आंध्र और तेलंगाना के सीएम एक दूसरे को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि राव के इशारे पर ही नायडू के खिलाफ टेप जारी किया गया। एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारी पहले ही कह चुके हैं कि जो इस मामले में शामिल होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। राव दो बार राज्यपाल से जाकर मुलाकात कर चुके हैं। लेकिन अभी तक उन्हें नायडू के खिलाफ जांच की मंजूरी नहीं मिली है। मंजूरी मिलने पर एसीबी नायडू को समन भेजेगी।
इंडियन टेलीग्राफ एक्ट 1885 की धारा 5 के तहत केंद्र और राज्य सरकारों को फोन टैप कराने का अधिकार है। लेकिन टैपिंग सिर्फ देशहित में, आपात परिस्थितियों में या जन सुरक्षा के मकसद से ही होनी चाहिए। वहीं इंडियन टेलीग्राफ रूल्स 1951 के नियम 419 ए के मुताबिक राज्यों में गृह सचिव को फोन टैपिंग के आदेश देने का अधिकार है। गृह सचिव के आदेश की कैबिनेट सचिव, कानून सचिव और टेलीकॉम सचिव द्वारा समीक्षा करना जरूरी है। राव के खिलाफ अगर जांच हुई तो यह मुद्दा उठेगा कि उन्होंने किस प्रावधान के तहत दूसरे राज्य के सीएम की बातचीत टैप कराने के आदेश दिए थे?