टीवी9 समूह से सूचना आ रही है कि सीईओ रवि प्रकाश को पुलिस तलाश रही है. उन पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप है. रवि को सीईओ पद से भी हटाए जाने की चर्चा है. पूरे प्रकरण के पीछे एक बड़ी कहानी सामने आ रही है. टीवी9 संचालित करने वाली कंपनी एसोसिएट ब्राडकास्टिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एबीसीपीएल) को नई कंपनी आलंद मीडिया ने खरीद लिया है.
पुरानी और नई दोनों कंपनियों में रवि प्रकाश की हिस्सेदारी मात्र सात-आठ फीसदी के करीब थी. पुरानी कंपनी एबीसीएल में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी श्रीनी राजू की थी. जब श्रीनी राजू ने अपनी पूरी हिस्सेदारी नई कंपनी आलंद मीडिया को बेच दिया तो एक तरह से चैनल पर पूरा नियंत्रण भी आलंद मीडिया का हो गया. लेकिन सीईओ पद पर आसीन रवि प्रकाश का चैनल में दखल पहले जैसा बना रहा.
सूत्रों का कहना है कि नई कंपनी ने नए डायरेक्टर्स की नियुक्ति की कोशिश की तो रवि प्रकाश इसके खिलाफ खड़े हो गए और एक निदेशक के फर्जी साइन से नए डायरेक्टर्स न नियुक्त किए जाने का लेटर जारी करा दिया. बाद में जांच में फर्जीवाड़े की कहानी सामने आई तो रवि प्रकाश को पद से हटाते हुए कंपनी निदेशक कौशिक राव ने पुलिस में फर्जीवाड़ा की एक कंप्लेन दे दी. सूत्रों का कहना है कि टीवी9 के नए सीईओ सिंगा राव बनाए गए हैं जो अभी तक 10टीवी में कार्यरत थे.
चर्चा ये भी है कि टीवी9 भारतवर्ष लांच होने के बाद रवि प्रकाश इस चैनल और इस चैनल को संचालित करने वाली कंपनी के कर्ताधर्ताओं से तालमेल बिठा न पा रहे थे. आपसी इगो क्लैश शुरू हो गया था. रवि प्रकाश टीवी9 और टीवी9 भारतवर्ष के रोजाना के कामकाज में हावी होने की कोशिश कर रहे थे. आलंद मीडिया प्रबंधन से तालमेल न बिठा पाने और कई निर्णयों पर नए मैनेजमेंट से मतभेद के चलते भी रवि प्रकाश के बुरे दिन आए हैं.
पता चला है कि रवि प्रकाश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हो गई है. साइबर क्राइम पुलिस की टीम उनकी तलाश कर रही है. रवि के घर और आफिस पर छापे मारे गए हैं.
रवि प्रकाश : कल पीएम संग मंच पर थे, आज भगोड़ा बने भाग रहे!
रवि प्रकाश की कहानी आजकल के कारपोरेट जर्नलिज्म की मिसाल है. कल तक रवि प्रकाश देश भर के पत्रकारों के लिए एक जाना-पहचाना नाम था. इस शख्स ने पीएम मोदी के साथ मंच शेयर किया था, टीवी9 भारतवर्ष की लांचिंग के मौके पर. मंच पर सिर्फ दो लोग थे. एक पीएम खुद. दूसरे रवि प्रकाश. दोनों ने भाषण में एक दूजे की तारीफ की थी.
कौन जानता था कि चंद दिनों बाद ही रवि प्रकाश भगोड़े के रूप में चर्चा में नजर जाएंगे. टीवी9 समूह शुरू से ही विवादों में रहा है. इस समूह की फंडिंग को लेकर अक्सर सवाल खड़े होते रहे हैं. रवि प्रकाश को टीवी9 का चेहरा बनाया गया ताकि यह चेहरा ही सत्ता और सरकारों के साथ लाबिंग कर सके. पर हालात बनते बिगड़ते देर कहां.
बताया जाता है कि रवि प्रकाश जिस मूल कंपनी में सीईओ थे, वह कंपनी बिक गई. नई कंपनी को सत्ता तक पहुंच रखने वाले कई चेहरे मिल चुके हैं. इसलिए रवि प्रकाश की कोई जरूरत नहीं थी. रवि प्रकाश अपने अहंकार में दिन ब दिन दबाव बढ़ाते गए. टीवी9 भारतवर्ष के लोग भी असहज महसूस कर रहे थे. चर्चा है कि टीवी9 भारतवर्ष के अंदरखाने वरिष्ठ लोगों में भी भिड़ंत हुई. इसमें कुछ ने इस्तीफा दिया तो कुछ एक छुट्टी पर चले गए. फिलहाल ऐसा कुछ तानाबाना रचा गया कि रवि प्रकाश का तख्ता पलट हो गया. पुलिस उन्हें तलाश रही है. रवि प्रकाश को लेकर जितने मुंह उतनी कहानियां सामने आ रही हैं. कुछ लोगों का कहना है कि सारा कुछ प्रमोटरों का झगड़ा है. रवि प्रकाश अब भी चैनल और कंपनी के हिस्से बने हुए हैं.
रवि प्रकाश को लेकर डिजिटल मीडिया और साउथ के न्यूज चैनलों में क्या कुछ बताया कहा दिखाया जा रहा है, आइए पूरे घटनाक्रम सारी बातों को बिंदुवार जानें-
-हैदराबाद पुलिस तलाश रही है रवि प्रकाश को. हैदराबाद में रवि के घर और आफिसों पर छापे डाले गए.
-टीवी9 को जिस नए समूह ने खरीदा है, उसकी तरफ से रवि प्रकाश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है.
-हैदराबाद की साइबराबाद साइबर क्राइम पुलिस को है रवि प्रकाश की तलाश.
-रवि प्रकाश पर टीवी9 को टेकओवर करने वाली नई कंपनी अलांदा मीडिया
एंटरटेनमेंट्स प्राइवेट मिलिटेड के डायरेक्टर कौशिक राव ने मुकदमा लिखाया
है.
-रवि प्रकाश पर नई कंपनी के निदेशक कौशिक राव का फर्जी साइन कर लेटर जारी करने का आरोप है.
-टीवी9 को चलाने वाली पुरानी कंपनी एबीसीएल के नब्बे फीसदी शेयर नई कंपनी अलांदा मीडिया ने कुछ दिन पहले ले लिए हैं.
-आरोप है कि रवि प्रकाश ने नई कंपनी के निदेशक कौशिक राव के हस्ताक्षरों से एक फर्जी लेटर जारी किया.
-रवि प्रकाश ने फर्जी लेटर के जरिए नए निदेशकों की नियुक्ति की मुखालफत की.
-नई कंपनी चार नए डायरेक्टर रखना चाहती थी जिसके सख्त खिलाफ थे रवि प्रकाश.
-रवि प्रकाश ने फर्जी लेटर के जरिए यह बताने की कोशिश की कि नई कंपनी के निदेशक कौशिक राव भी नए डायरेक्टर रखे जाने के खिलाफ हैं.
-कौशिक राव ने रवि प्रकाश पर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाते हुए साइबराबाद पुलिस में कंप्लेन कर दी.
-घर-आफिस पर छापे के बाद रवि नहीं मिले तो पुलिस वाले उन्हें पकड़ने के लिए दोनों जगहों पर तैनात कर दिए गए हैं.
-रवि प्रकाश पर समय-समय पर आरोप लगते रहे हैं. ऐसा नहीं कि वे पहली बार मुश्किल में पड़े हैं.
-रवि प्रकाश वर्ष 2014 में गिरफ्तार किए जा चुके हैं. उन्हें हैदराबाद की एलबी नगर पुलिस ने अरेस्ट किया था.
-रवि प्रकाश पर तब तेलंगाना के एक विधायक ने कोर्ट में केस किया था. रवि पर एक टीवी शो के जरिए छवि खराब करने का आरोप लगा था.
पढ़िए रवि प्रकाश का पक्ष-
Parmod Pahwa
May 9, 2019 at 6:01 pm
क्या अजित अंजुम पर भी कभी उनके पुराने कार्यकाल में कोई आरोप लगे थे ?