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हिंदी का ये कौन बड़ा अखबार है जो पहले कांग्रेस का चाटुकार था, आज भाजपा का चाटुकार है

Umesh Chaturvedi : हिंदी पत्रकारिता का वैचारिक बदलाव का दौर चल रहा है..यह बदलाव अंदर से है या सिर्फ दिखावे का..इसे तय पाठक ही करेंगे..हिंदी का एक बड़ा अखबार है..16 मई 2014 से पहले तक पूरे दस साल तक उसके बीजेपी बीट रिपोर्टर का एक ही काम होता था..बीजेपी की आलोचना करना..बीजेपी से जुड़ी रूटीन खबरें नहीं करना..

<p>Umesh Chaturvedi : हिंदी पत्रकारिता का वैचारिक बदलाव का दौर चल रहा है..यह बदलाव अंदर से है या सिर्फ दिखावे का..इसे तय पाठक ही करेंगे..हिंदी का एक बड़ा अखबार है..16 मई 2014 से पहले तक पूरे दस साल तक उसके बीजेपी बीट रिपोर्टर का एक ही काम होता था..बीजेपी की आलोचना करना..बीजेपी से जुड़ी रूटीन खबरें नहीं करना..</p>

Umesh Chaturvedi : हिंदी पत्रकारिता का वैचारिक बदलाव का दौर चल रहा है..यह बदलाव अंदर से है या सिर्फ दिखावे का..इसे तय पाठक ही करेंगे..हिंदी का एक बड़ा अखबार है..16 मई 2014 से पहले तक पूरे दस साल तक उसके बीजेपी बीट रिपोर्टर का एक ही काम होता था..बीजेपी की आलोचना करना..बीजेपी से जुड़ी रूटीन खबरें नहीं करना..

यह ऐसी सच्चाई है, जो अखबार के हालिया अतीत के पन्नों में दर्ज है..तब वहां के लेखों में चाहें वह लेख संपादक ने लिखे हों या किसी और ने..सिर्फ कांग्रेस की प्रशंसा ही होती थी..तब कुछ सुधीजनों को वह पत्र कांग्रेस का मुखपत्र जैसा लगता था..लेकिन 16 मई 2014 के बाद हालात बदल गए हैं..अब उस अखबार में मोदी जी का गुणगान हो रहा है..बीजेपी की सकारात्मक खबरें छप रही हैं..सवाल यह है कि पत्र का 16 मई के पहले का रूख सही था या अब का स्टैंड जेनुइन है..आप विचार करें.

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वरिष्ठ पत्रकार और स्तंभकार उमेश चतुर्वेदी के फेसबुक वॉल से.

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0 Comments

  1. dalpat

    October 7, 2014 at 5:05 am

    आखिर तथाकथित पत्रकारिता के नुमाइंदे मान गए की वे पत्रकार नहीं परन्तु किसी की विचारधारा के प्रचारक है,जिन्हें मै कई वर्षो से कहता आ रहा हूँ की ये तथाकथित पत्रकार किसी के इशारे पर या अपनी घिसी पिटी मानसिकता को पत्रकारिता सिध्ध करने की कोशिश करता है जो सरासर धोखा है.अब तक किसी भी तथाकथित पत्रकार में पत्रकारिता के लेशमात्र गुण नहीं है सबके सब किसी के प्यादे है अथवा अपनी गन्दी मानसिकता को प्रदर्शित करता है.तो जनाब पत्रकारिता की सही परिभाषा को जाने और बने.

  2. sushil

    March 30, 2015 at 9:58 pm

    No Stand dear. Actually they all (Hindustan employee) are opportunist. Great gambler and cheap idiots.

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