ह्वाट्सअप पर आज दिन भर समाचार प्लस चैनल के सीईओ और एडिटर इन चीफ उमेश कुमार की एक नई तस्वीर और उनका एक नया आडियो वायरल होता रहा. जो तस्वीर वायरल हुई है, उसमें समाचार प्लस में काम कर चुके पत्रकार ऋषि दत्त तिवारी अपने फोन से उमेश कुमार के साथ सेल्फी ले रहे हैं.
सूत्रों का दावा है कि यह तस्वीर रांची के उस अस्पताल के रिकार्ड रूम की ली गई है जहां उमेश कुमार को इलाज के नाम पर रखा गया है. इस तस्वीर में उमेश कुमार बिलकुल भले-चंगे नजर आ रहे हैं और बामारी का कोई निशान दूर-दूर तक नहीं दिख रहा है. ज्ञात हो कि अभी चंद रोज पहले उमेश कुमार के चैनल में काम करने वाले लोग उमेश की रांची के अस्पताल की गैलरी में जमीन पर लेकर इलाज कराते फोटो शेयर करते हुए उनके उत्पीड़न / दुर्दशा की भावुक कहानी बयान कर रहे थे.
वैसे, ताजी सूचना ये है कि उमेश कुमार रिहा हो चुके हैं. आज वे रांची जेल से बाहर आ गए. इससे पहले उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई थी. तमाम औपचारिकता पूरी होने के बाद आज उनकी रिहाई हुई. उधर, झारखंड हाईकोर्ट में दायर की गई क्वैशिंग याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 16 जनवरी की तिथि नियत है.
उमेश का जो आडियो वायरल हो रहा है उसमें उमेश, उनके चैनल के डायरेक्टर शशांक बंसल और खोजी पत्रकार आयुष पंडित की बातचीत है. ये बातचीत स्टिंगबाजी को लेकर हो रही है. इस आडियो में उमेश कुमार उत्तराखंड के सीएम और एक पोलिटिकल पार्टी के आदमियों के स्टिंग की बात कर रहे हैं, साथ ही इस पर हुए खर्च को गिना रहे हैं.
सुनें आडियो….
https://youtu.be/dIFZf-wcTmA
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आम आदमी पार्टी के छह विधायकों का पैसे लेते स्टिंग करवा चुके हैं उमेश कुमार! सुनें टेप
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kumar kapoor
November 29, 2018 at 2:10 pm
राजनेताओं की कमजोर इच्छाशक्ति मानकर पत्रकारिता की आड़ में ब्लैकमेलिंग का धंधा करने वाले उमेश कुमार उर्फ़ उमेश जे कुमार उर्फ उमेश शर्मा का तिलिस्म अब टूटा है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सोचे समझे षड्यंत्र के तहत बदनाम करने की साजिश के खुलासे ने उसे जेल की सीखचों के पीछे ही नहीं पहुंचाया बल्कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की ब्लैकमेलरों के सामने न झुकने की नीति भी स्पष्ट हुई। उत्तराखंड सहित अनेक प्रदेशों के राजनेताओं और अधिकारियों को स्टिंग के लिए सॉफ्ट टारगेट मानने वाले उमेश कुमार के एक के बाद एक षड्यंत्रों का खुलासा हुआ है। खोजी पत्रकारिता द्वारा जनहित में स्टिंग करना और लालच देकर नेता अधिकारी की जबान से सौदेबाजी या सहमति की बातें बुलवाकर उसे ब्लैक मेल करना अलग-अलग बातें हैं। उमेश का खेल तब खुला जब उसके षड्यंत्रों की सूचना खुफिया विभागों को हुई। उमेश की दलाली का कार्यक्षेत्र उत्तराखंड के बाहर भी अनेक राज्यों तक फैला है। भले ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अपनी जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत उसे जेल पहुंचाया हो मगर यहां शोध का विषय है कि वह इसी तरह न जाने कितने लोगों को ब्लैकमेल कर रहा हो। जनता भूली नहीं है उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग के तुरंत बाद उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्य-मंत्री अखिलेश यादव ने उमेश, उसकी टीम व उसके लोगों की यूपी सचिवालय और विधानसभा में आवाजाही पर रोक लगा दी थी।