लखनऊ : नौकरी से निलंबित आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने उत्तर प्रदेश सरकार से उनका निलंबन समाप्त कर उन्हें बहाल किये जाने की मांग की है. प्रमुख सचिव गृह को भेजे पत्र में उन्होंने कहा है कि 13 जुलाई का आरोप पत्र मिलने के बाद उन्होंने 16 जुलाई को अपना जवाब भेज दिया था जिसमे उन्होंने सभी आरोपों को आधारहीन बताया था.
उन्होंने बताया है कि 20 जुलाई के पत्र के माध्यम से निर्णयकर्ता अधिकारी के रूप में मुख्यमंत्री से मिने का समय माँगा था. उनसे बिना कोई सरकारी काम लिए 81,350 रुपये प्रति माह दिया जा रहा है, जो उनके कुल वेतन रुपये 1,45,477 के आधे से भी अधिक है। इसके अलावा 01 अप्रैल 2013 से अब तक उन्हें कार्य मूल्यांकन में दस में आठ से नौ अंक मिल रहे हैं, जो बताते हैं कि उनका सरकारी काम बहुत अच्छा रहा है।
ऐसे में बिना काम लिए इतना पैसा देना देना और कोई काम नहीं लेना लोकहित के विरुद्ध है. ठाकुर ने कहा कि जब सरकार ने एनआरएचएम के आरोपी प्रदीप शुक्ला और अवैध खनन के आरोपी इलाहाबाद कमिश्नर बी के सिंह और फ़तेहपुर डीएम राकेश कुमार को पिछले दिनों ही बहाल कर दिया तो उन्हें भी बहाल होने का पूरा अधिकार है.
Comments on “अमिताभ ने गृह सचिव से पूछा – एनआरएचएम, खनन के आरोपी बहाल हो सकते हैं तो वह क्यों नहीं !”
भाई कोई न्यूज़ नेशन वालो का कोई इलाज है की नहीं.. धमकी देकर विज्ञापन मागते है ..नहीं देने पर चैनल से निकाल देने की धमकी देते है ..किसी भी हाल में विज्ञापन चाहिए …जितना बड़ा चैनल उतना बड़ा दरिद्र है ये सब …
इनके पास पैसे नहीं होगे भाई ..इस लिए विज्ञापन मागते होगे ..लेकिन जब चैनल चलाने की औकात नहीं तो पता नहीं क्यों चैनल खोल के बैठ जाते है ……………..