मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के हबीबगंज ब्रांच के SBI बैंक का स्टिंग सामने आया है। यह स्टिंग बैंक में खाता खुलवाने कई दिनों से भटकती एक महिला ने किया है। दरअसल महिला का खुद का खाता इसी ब्रांच में है। लेकिन जब वे अपने बच्चे का खाता खुलवाने आईं तो उन्हें घण्टो इंतजार करवाया गया। कभी स्टाफ न होने की बात कही गई तो कभी काम अधिक होने का हवाला दिया। थककर उन्होंने इस तरह की हरामखोरी को उजागर करने का फैंसला किया।
स्टिंग में साफ समझ आ रहा है कैसे वहां के कर्मचारी टाइम पास करते हैं। और किसी न किसी बहाने से काम टालकर लोगों को चक्कर कटवा रहे हैं। आपको बता दें कि कुछ समय पहले हुई नोटबन्दी में बैंक कर्मियों को एक्स्ट्रा वर्क करना पड़ा था। जिसके चलते न केवल कर्मियों ने अधिक भत्ता मांगा था, बल्कि स्ट्राइक भी की थी। लेकिन हकीकत में यह कैसे सरकारी तनख्वा पाकर मुफ्तखोरी की कुर्सी तोड़ते हैं, सरकार और आम जनता यह भी देख ले।
कर्मचारी नम्बर 1- स्टिंग में वर्किंग आवर में मोबाईल में घुसा एक बेहद बिजी कर्मी नजर आ रहा है। महाशय इतने व्यस्त थे कि उनके पास आने वालों को यह कहकर टरका रहे थे कि बहुत काम है मैं आज ही आया हूं। अब चिट चैट करके शायद वही निपटा रहे हों।
कर्मचारी नम्बर 2- एकाउंट ओपन करने का जिम्मा जिन मोहतरमा का है वे नदारद थीं। पीड़िता ने जब इतने दिनों में भी एकाउंट ओपन न होने की वजह पूछी तब उनको यही बताया गया। इसका मतलब मोहतरमा अगर लम्बी छुट्टी पर निकल जायें तो उनकी वापसी तक बैंक में एक भी खाता नहीं खुलेगा।
कर्मचारी नम्बर 3- अमूमन लंच ब्रेक 30 मिनट का होता है। लेकिन जिन जनाब को पासबुक एंट्री या करेक्शन के लिए मोटी तनख्वा देकर बिठाया गया है। वे चाय नाश्ते के बहाने घण्टों अपनी सीट से गायब रहते है।
बहरहाल एक तरफ तो सरकार खाते खुलवाने जनता पर दबाव डालती है वहीं दूसरी तरफ बैंक के ऐसे सुस्त मुर्गे उसी जनता को चक्कर कटवाते हैं। इसीलिए इस खबर में हमने किसी “उच्च अधिकारी” से बात नहीं की क्योंकि हमें उनकी लीपापोती और झूठी सफाई में कोई दिलचस्पी नहीं है। बैंक में किस तरह का काम, आराम और हरामखोरी हो रही है उसका बड़ा उदाहरण आपके सामने हैं।
महिला द्वारा किए गए स्टिंग को देखने के लिए नीचे क्लिक करें :
आशीष चौकसे
पत्रकार और ब्लॉगर
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