योगपैथी, योग मेडिटेशन “द योग चक्र’ सेंटर दिल्ली में पहली बार योग की नई तकनीक ‘एरियल योग हैं, जो स्वास्थ्य के साथ-साथ शरीर को सुंदरता भी प्रदान करती है। योग गुरु कविता और मनीषा ने कहा की हाल ही में प्रदर्शित हुई हिन्दी फिल्म ‘हैपी न्यू ईयर’ में दीपिका पादुकोण ने लवली गीत में एरियल योग का ही प्रदर्शन किया था। इससे शरीर में लचकता के साथ-साथ कई बीमारियों से छुटकारा भी मिलेगा।
यह योग शरीर को रेशम के कपड़े में लपेट कर एवं लटक कर किया जाता है। दरअसल इस योग में छत पर एक हुक पर झुला लटका होता है। इस झुले की दो रस्सियों के माध्यम से उल्टा लटका जाता है। रस्सियों में जंघा और पेट का हिस्सा ही फंदेनुमा बंधा होता है और फिर व्यक्ति इस तरह उल्टे लटकर ही झुला झुलता है। इस योग को करने वाले का सिर जमीन से लगभग 3 से 4 फिट उँचा होता है। कुछ देर झुलते रहने के बाद विश्राम किया जाता है। विश्राम करने के बाद आप इसे अपनी क्षमता अनुसार फिर से शुरू कर सकते हैं।इसके लाभ बताए जाते हैं कि यह थुलथुले पेट को बहुत ही तेजी से समतल और कमर को झरहरा बना देता है साथ ही यह चेहरे की झाइयां मिटाकर उसमें कसावट भर देता है। आंखों के नीचे का कालापन मिटा देता हैं और चेहरे की त्वचा को पुन: जवान बना देता है। साथ ही यदि किसी को आर्थराइटिस जैसी समस्या है तो उसे भी दूर करने में कारगर है।
भारतीय संस्कृति में योग के महत्व को देखकर और उसे अधिक से अधिक लोगो तक पहुचाने के लिए ग्रेटर कैलाश – 2 में ‘द योग चक्र’ संस्था की शुरुआत की गई है। कविता दास और मनीषा ने इसकी औपचारिक घोषणा करते हुए बताया कि यह संस्था न सिर्फ योग का प्रशिक्षण देगी बल्कि इसके साथ ही इसमें नृत्य, संगीत और कला के साथ बोलना भी सिखाया जाएगा। कविता ने योग के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि योग एक संस्कृति का नाम है जो लोगो के शरीर को हवा से बाते करने की कला सिखाती है।
योग चक्र की प्रशिक्षिका कविता दास ने बताया कि उन्होने कविता के साथ लगातार एथिलीट, सेवानिवृत्त लोगो के साथ ऑफिस में काम करने वालों के स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए काम कर रहे है, इसके साथ ही उन्होने कहा कि यह काम लगातार हमे प्रेरणा देता रहता है। कविता ने अपने प्रयास के बारे में बताते हुए कहा कि वो हमेशा से ही लोगो को एक ऐसा स्थान देना चाहती थी जहां वो खुद को परेशानियों से घिरा हुआ न पाए। संस्थान की दूसरी प्रशिक्षिका मनीशा ने योग को लेकर अपने विचार बताते हुए कहा कि योग मनुष्यों को उनकी अन्तरात्मा से जोड़ने का काम करता है, इसके साथ ही उन्होने योग की दूसरी विधा ध्यान के बारे में बताया कि यह अपने आप को समझने और पसन्द करने का सबसे बेहतर तरीका होता है। कविता एक दशक से भी अधिक समय से लोगो को योग का प्रशिक्षण देती आई है और इन्होने लोगो को योग सिखाने को ही अपने व्यवसाय के रूप में चुना है।
मनीषा ने कहा कि संस्थान में कराए जाने वाले योग की विशेषता को बताते हुए कहा कि योग को सही तरीके से करने पर शारीरिक सुख के साथ ही यह स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होता है, इसके साथ ही योग हमारी सुस्त पड़ी इन्द्रियों को फिर से जाग्रत करता है और उनको नई स्फूर्ति प्रदान करने के साथ दिमाग को स्वस्थ बनाता है। तो वहीं योग को लेकर कविता दास ने कहा कि योग हमारी सृजन शक्ति को बढ़ाता है जिससे हमारी सोच में आशावादी भाव आता है।