Sanjaya Kumar Singh
आज का The Telegraph का पहला पेज फिर जबरदस्त है। टेलीग्राफ ने भीमा कोरेगांव मामले में बुद्धिजीवियों की गिरफ्तारी की कोशिश के मामले में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, ‘विरोध लोकतंत्र का सेफ्टी वॉल्व है, यदि सेफ्टी वॉल्व को काम करने से रोका जाएगा तो प्रेशर कुकर फट जाएगा’ और नोटबंदी पर भारतीय रिजर्व बैंक की सूचना, कि 99.3 प्रतिशत नोट वापस सिस्टम में आ गए को मिलाकर लीड बनाया है।
एक खास अंदाज में प्रेशर कुकर की फोटो के साथ अंग्रेजी में डिसेंट (विरोध) के आगे हरे रंग से सही का निशान लगा है और बड़े अक्षरों में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी न्यायमूर्ति डीवाआई चंद्रचूड़ के नाम के साथ है जबकि नोटबंदी के अंग्रेजी शब्द डीमोनेटाइजेशन के डेमो के साथ लाल रंग में गलत का निशान लगाया गया है।
नीचे अंग्रेजी में लिखा है, “मित्रों, योर (आपका) स्कोर : 93.3%” और उसके नीचे ऊपर वाले से बड़े अक्षरों में लिखा है, “माई (मेरा) स्कोर : 0.7%”।
अखबार ने नोटबंदी से संबंधित भारतीय रिजर्व बैंक की मुंबई ब्यूरो की खबर को लीड बनाया है और इसके साथ बीच में एक बॉक्स है। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की फोटो और नाम के साथ उनका पुराना बयान छपा है, जिसमें उन्होंने कहा था कि–
“मैंने देश से सिर्फ 50 दिन मांगे हैं …. अगर यह पाया जाए कि मैंने गलती की है या मेरा इरादा गलत था जो मैं कोई भी सजा, जो देश उपयुक्त समझे, किसी भी चौराहे पर जहां आप कहेंगे भुगतने के लिए तैयार हूं।”
कुल मिलाकर, अखबार ने दो खबरों को मिलाकर शीर्षक लगाने और उसे स्कोर के रूप में प्रस्तुत करने का अनूठा और दिलचस्प प्रयोग किया है।
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50 दिन में सपनों का भारत बन रहा था। चार साल से ऊपर में नोट गिने जा सके। इस आदमी को समस्या की कितनी और कैसी जानकारी है, यह समझने के लिए यही एक उदाहरण काफी है। हालांकि भक्त बताते हैं कि दूरदृष्टि भी है। पर वह रिजर्व बैंक में भी नहीं देख पाती है कि कितने नोट हैं कितने समय में गिने जा सकेंगे। बदलना तो छोड़िए।
वरिष्ठ पत्रकार संजय कुमार सिंह की एफबी वॉल से.
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https://www.youtube.com/watch?v=UmK1ihBhbN0