नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड की त्रिवेंद्र रावत सरकार और उनकी पुलिस को तगड़ा झटका दिया है. कोर्ट ने पुलिस को स्टिंग मामले में समाचार प्लस चैनल के सीईओ उमेश शर्मा के पॉलीग्राफी टेस्ट, नार्को टेस्ट समेत दिमाग संबंधी सभी टेस्ट करने पर रोक लगा दी है.
पुलिस ने ये सभी टेस्ट कराने के लिए प्रार्थना पत्र दायर कर रखा था. इस मामले पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई. साथ ही चार हफ्ते में जवाब मांगा है. इसके बाद सरकार ने प्रार्थना पत्र वापस ले लिया. इस मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को है.
मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायमूर्ति आलोक सिंह की खंडपीठ ने एफआईआर दर्ज कराने वाले आयुष गौड़ उर्फ आयुष पंडित, मुख्यमंत्री के भाई, संजय गुप्ता और जांच अधिकारी को नोटिस जारी करने को कहा है. नार्को और ब्रेन मैपिंग टैस्ट करने की अनुमति संबंधी याचिका को सरकार ने उच्च न्यायालय में मामला चलने तक वापस ले लिया है.
हाईकोर्ट की खंडपीठ ने देहरादून के ए.डी.जे./सी.जे.एम. को कल 16 नवंबर को उमेश कुमार की जमानत याचिका पर सुनवाई करने को कहा है. खंडपीठ ने देहरादून ज़िला जज से कहा कि वे मामला टालें नहीं, कल सुनाएं फ़ैसला. तो एक तरह से कह सकते हैं कि स्टिंग मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने देहरादून के जिला जज को इस मामले में कल फैसला लेने के आदेश दे दिए हैं.
इस बीच, उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने ‘समाचार प्लस’ चैनल से बातचीत में ये बयान दिया-
”मुझे उमेश जी और उमेश जी के परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंता है। हमें चाहिए कि हम एक होकर सबसे पहले उमेश जी और उनके परिवार को सुरक्षित करें। राज्य सरकार को न्यायालय की भावना का सम्मान करना चाहिए। बहुत से खोजी पत्रकार लोकतंत्र में काम करते हैं। खोजी पत्रकारों का काम होता है कि वह प्रदेश में चल रहे भ्रष्टाचार के मामलों को पब्लिक डोमेन में रखें। राज्य सरकार को इस बात का डर है कि कहीं उनके भ्रष्टाचार के मामले जनता के सामने खुल ना जाए, इसलिए उमेश कुमार पर कार्यवाही की जा रही है। जब उमेश कुमार ने हमारी सरकार के खिलाफ स्टिंग किया तब बीजेपी वाले उनके साथ खड़े थे, लेकिन अब जब अपने भ्रष्टाचार से डर लगने लगा तो दबाव बनाने के लिए कार्यवाही मुख्यमंत्री, उनके मंत्रियों और अधिकारियों द्वारा की जा रही है।”
इसे भी पढ़ें….
उमेश कुमार के पास अकूत संपत्ति होने का लेटर प्रवर्तन निदेशालय पहुंचा, देखें विवरण
पूरे प्रकरण को जानने-समझने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें….