Wasim Akram Tyagi : पत्रकारों को बनना होगा निष्पक्ष… मुजफ्फरनगर के रहने वाले तथाकथित टीवी पत्रकार राजीव प्रताप सैनी ने मेरठ के सुनील तनेजा के समर्थन में अपने फेसबुक एकाऊंट पर टिप्पणी की, जिसे भड़ास4मीडिया ने प्रकाशित कर दिया… राजीव सैनी ने लिखा कि ”लव जिहाद’ के बारे में हिन्दू समाज को जाग्रत करने वाले हमारे साथी पत्रकार सुनील तनेजा को यूपी सरकार ने मुकदमों में फंसा लिया है… मेरठ निवासी सुनील तनेजा लम्बे समय से पत्रकारिता में कार्यरत हैं.. साथ ही उन्होंने लव जिहाद के खिलाफ भी अपना मिशन जारी रखा मगर अपने इस सामाजिक काम के कारण वे वर्ग विशेष के निशाने पर आ गये और वर्ग विशेष ने लव जिहाद का अपना कार्यक्रम तो बंद नही किया, हां साजिश रचकर माहौल बनाकर सुनील भाई को फंसा लिया. सुनील भाई अपने लिए नहीं, समाज की बहन बेटियों की सुरक्षा के लिए लड़ रहे हैं… इसलिए इस कठिन वक़्त में हम सबका दायित्व है कि उनकी मदद करें. क्योंकि आज इन सुनील भाई की आवाज को दबाया गया है, कल किसी और की बारी हो सकती है”।
यह शब्द किसी और के नहीं बल्कि खुद को पत्रकार कहने वाले भाजपाई राजीव प्रताप सैनी के हैं जिनका संबंध कृषि राज्य मंत्री और मुजफ्फरनगर दंगों के आरोपी संजीव बालियान से है। अब शायद यह बताने की जरूरत न हो कि राजीव ने ऐसा क्यों लिखा। अब बात करते हैं मेरठ के उस स्वघोषित पत्रकार सुनील तनेजा की जिसके बचाव में राजीव ने उपरोक्त पोस्ट लिखी थी। सुनील तनेजा ने पिछले रविवार को 11 बज कर 4 मिनट पर अपना ही फोटो शेयर किया जिसमें उसने लिखा था कि ”काटो काटो अपने ही आप काटो एक दूसरे को जो बचे हैं उन्हें ईसा ईसाई काट देंगे तभी जो हिंदुओं की मर्जी से बच जायेंगे वे या तो जिंदा जलाये जायेंगे या फिर से उन्हें हिंदू बनाया जायेगा।”
यह उस पोस्ट की एक झलक मात्र है। बाकी इसके अलावा संप्रदाय विशेष और उसकी आस्था को जितनी भद्दी गाली तनेजा की असामाजिक डिक्शनरी में थी, उसने दी। जाहिर है इस पर आपत्ति होनी थी, जो हुई भी। मेरठ के कुछ समाजिक लोगों 23 अगस्त ने जिलाधिकारी और एसएसपी से मिलकर इस आपत्तिजनक पोस्ट पर नारागजी जाहिर की जिस पर प्रशासन ने उन्हें कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। इसके चलते तनेजा पर आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। अब कई सवाल हैं जो मन में कौंध रहे हैं जी न्यूज में काम करने वाले स्वघोषित पत्रकार सुनील तनेजा क्या खुद को पत्रकार कहलाने का हक रखते हैं? अपनी काल्पनिक सोच में संप्रदाय विशेष के लोगों को जिंदा जलाने और धर्म परिवर्तन की चेतावनी देने वाले कौनसे हिंदुत्व को परिभाषित कर रहे हैं?
जिस गटरछाप शिक्षा को लेकर सुनील तनेजा धर्म विशेष के लोगों के खिलाफ अपशब्द कह रहे हैं वह पत्रकारिता की या हिंदुत्व की कौनसी किताब में लिखा है ? और इनका समर्थन करने वाले मुजफ्फरनगर के पलड़ा गांव के पूर्व प्रधान और वर्तमान में पत्रकार कम और वीएचपी ब्रांड अधिक राजीव प्रताप सैनी कौनसे हिंदुत्व को को परिभाषित कर रहे हैं ? क्या ये राजीव वही नहीं है जिसने साल 2011 – 2012 में सुनियोजित तरीके से मुजफ्फरनरग में मंदिर की मूर्ती की खंडित कराई थी। जिसमें मूर्ती खंडित करने वाला (हिंदु युवक) इनका करीबी था। क्या ये वही राजीव सैनी नहीं है जिनको मुजफ्फरनगर में लिटिल तोगड़िया कहा जाता है। मगर झूठ और प्रोपगेंडा जो वीएचपी और संघी मीडिया की पहचान रही है, उसी का परिचय आज फिर राजीव सैनी ने दिया है।
जिस लव जिहाद का ढिंढोरा राजीव ने भड़ास4मीडिया पर पीटा, उसी लव जिहाद से आज भाजपा ने खुद को अलग कर लिया. फिर ये कौन से ऐजेंडे पर समाज में जहर घोल कर क्षेत्र को दंगों में झौंकना चाहते हैं। अभी मुजफ्फरनगर से मिले जख्म अवाम भूल नहीं पाई है, अभी – अभी इनकी साजिश के तहत कैंपों में पहुचें दस हजार दंगा पीड़ित खुले आसमान के नीचे रात गुजार रहे हैं। न्यूज चैनलों को चाहिये या तो वे खुद यह तय करें कि वे सिर्फ हिंदी के नहीं बल्कि हिंदु चैनल हैं। या फिर जिला स्तर पर भर्ती होने वाले पत्रकारों को बजाय सिक्योरिटी फीस लेने के उनको संघी शाखा से बाहर निकाला जाये। क्या लाशों के ढेर पर ही टीआरपी बटोरी जाती है? क्या गंगा जमुना को जोड़ने वाली खबरें टीआरपी कम देती हैं? कुछ भी हो, क्या अपने निजी लाभ के लिये निर्दोषों को दंगों में के दावानल में झोंका जा सकता है? दंगा रोकने के लिये खुद को दंगाईयों के हवाले करने वाले गणेश शंकर विधार्थी की आत्मा क्या अपने वशंजों के इन कुकर्मों से दुखी नहीं होती होगी?
पत्रकार और सोशल एक्टिविस्ट Wasim Akram Tyagi के फेसबुक वॉल से.
मूल खबर…
Avner
August 28, 2014 at 9:26 am
Love Jehad is a reality today. The society must take a note of it and deal with strict hands.
Seema
May 8, 2023 at 12:46 am
Yes, Sunil Taneja
is absolutely right