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सेंसर बोर्ड ने ‘ग्रैंड मस्ती’ पर चलायी 218 बार कैंची

केंद्र और सेंसर बोर्ड ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि बॉलीवुड फिल्म ‘ग्रैंड मस्ती’ पर 218 बार कैंची चलायी गयी और फिर उसे निर्बाध सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए पुनर्प्रमाणित किया गया। केंद्र सरकार और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की ओर से मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ के सामने दायर हलफनामे में यह जानकारी दी गयी। पीठ टीवी पर इस फिल्म के प्रदर्शन पर स्थगन की मांग संबंधी एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।

<p>केंद्र और सेंसर बोर्ड ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि बॉलीवुड फिल्म ‘ग्रैंड मस्ती’ पर 218 बार कैंची चलायी गयी और फिर उसे निर्बाध सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए पुनर्प्रमाणित किया गया। केंद्र सरकार और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की ओर से मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ के सामने दायर हलफनामे में यह जानकारी दी गयी। पीठ टीवी पर इस फिल्म के प्रदर्शन पर स्थगन की मांग संबंधी एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।</p>

केंद्र और सेंसर बोर्ड ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि बॉलीवुड फिल्म ‘ग्रैंड मस्ती’ पर 218 बार कैंची चलायी गयी और फिर उसे निर्बाध सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए पुनर्प्रमाणित किया गया। केंद्र सरकार और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की ओर से मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ के सामने दायर हलफनामे में यह जानकारी दी गयी। पीठ टीवी पर इस फिल्म के प्रदर्शन पर स्थगन की मांग संबंधी एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।

अदालत एक मीडिया ग्रुप के आवेदन पर भी सुनवाई कर रही है जिसमें उसने अपने एक चैनल पर इस फिल्म को प्रदर्शित करने की इजाजत मांगी है। उच्च न्यायालय ने 21 अगस्त को इस फिल्म के टीवी पर प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी। पीठ ने हलफनामे तथा सरकार, सीबीएफसी, मीडिया नेटवर्क और याचिकाकर्ता इदारा गोपी चंद की दलीलें गौर करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। केंद्र सरकार के वकील विवेक गोयल के माध्यम से दायर संयुक्त हलफनामे में सीबीएफसी ने कहा है कि इस फिल्म पर 218 बार कैंची चलाने के बाद जनवरी में उसे पुनर्प्रमाणित किया गया। अब यह फिल्म 135 मिनट से घटकर 98 मिनट की रह गयी है।

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सीबीएफसी ने याचिका खारिज करने की मांग करते हुए हलफनामे में कहा, ‘फिल्म ग्रैंड मस्ती के आवेदक ने (पुनर्प्रमाणित की मांग करते हुए) 217 अंश हटाने की इच्छा प्रकट की जिनमें द्विअर्थी बातें, फूहड़पन, अश्लील दृश्य और संवाद तथा महिलाओं के लिए अपमानजनक बातें थीं।’ गोयल ने अदालत से कहा कि फिल्म का प्रमाणन करने से बोर्ड द्वारा 218 अंश हटवाए गए। मीडिया ग्रुप ने इस फिल्म के प्रसारण पर लगी रोक हटाने की मांग करते हुए कहा है कि उसे इस पाबंदी के चलते भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा है। उसने यह भी कहा कि उसने चार करोड़ रूपए में फिल्म का प्रसारण अधिकार खरीदा था और उसने उसके विज्ञापन भी अच्छी खासी रकम लगायी थी। अदालत ने 21 अगस्त को यह कहते हुए टीवी पर इस फिल्म के प्रदर्शन पर स्थगन लगा दिया था कि उसे निर्बाध सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए प्रमाणित नहीं किया गया है। उसे केबल नेटवर्क विनियमन अधिनियम के तहत टीवी पर नहीं दिखाया जा सकता। ‘ग्रैंड मस्ती’ इंद्र कुमार द्वारा निर्देशित एडल्ट कॉमेडी हैं उसे ‘मस्ती2’ के नाम भी जाना जाता है।

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