Rakesh Praveer : पत्रकारों पर प्रबंधन का पहरा… दुनियाभर में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दम भरने वाले एक बड़े मीडिया घराने ने अपने यहां कार्यरत पत्रकारों और स्टाफ से सोशल मीडिया के उनके निजी अकाउंट डीटेल्स मांगे हैं। एक अंतरराष्ट्रीय वेबसाइट क्वॉर्ट्ज के भारतीय संस्करण में प्रकाशित समाचार के अनुसार ‘बैनेट एंड कोलमैन’ अखबार समूह ने अपने तमाम पत्रकारों से कहा है कि वे अपने ट्विटर और फेसबुक के पासवर्ड दफ्तर के हवाले कर दें।
उल्लेखनीय है कि ‘बैनेट एंड कोलमैन’ अखबार समूह भारत का सबसे बड़ा मीडिया समूह है और टाइम्स आॅफ इंडिया, इकॉनॉमिक टाइम्स और नवभारत टाइम्स जैसे अखबार चलाता है। इन पत्रकारों से यह भी कहा गया है कि वे दूसरे समाचार समूह की खबरों को अपने अकाउंट्स पर शेयर नहीं करें। यही नहीं मैनेजमेंट का कहना है कि अपने पत्रकारों के अकाउंट से जो कंपनी को ठीक लगेगा वह ही पोस्ट होगा। क्या यह अभिव्यक्ति की आजादी छीनने की कुत्सित कोशिश नहीं है?
क्वॉर्ट्ज के अनुसार इस बारे में पत्रकारों से बाकायदा कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर कराए गए हैं। समूह के लगभग सभी पत्रकारों को कॉन्ट्रैक्ट दिया गया और हाथों हाथ साइन करने को कहा गया। इसके पहले ‘द हिन्दू’ अखबार समूह ने भी अपने पत्रकारों से कहा था कि वे दूसरे समूहों की खबरों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर शेयर करना बंद कर दें। इस खबर के चलते ही इस पर दुनियाभर के सोशल मीडिया पर जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई है और इंटरनेट पर कुछ कंपनियों के बढ़ते प्रभाव को लेकर भी बहस छिड़ी हुई है। वैसे आजकल सोशल मीडिया को विज्ञापन और लोगों को प्रभावित करने का एक बहुत बड़ा जरिया माना जा रहा है। वर्तमान में किसी भी उत्पाद की मार्केटिंग के लिए बड़ी कंपनियां सोशल मीडिया पर चर्चित ट्रेंड्स का सहारा ले रही हैं।
पत्रकार राकेश प्रवीर के फेसबुक वॉल से.