उत्तराखंड में भाजपा की त्रिवेंद्र रावत सरकार को अस्थिर करने की साजिश रचने वाले समाचार प्लस चैनल के स्टिंगबाज एडिटर उमेश कुमार की पैरवी कोई और नहीं बल्कि खुद भाजपा के नेता लोग करते रहे हैं. उत्तराखंड के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने छह साल पहले वर्ष 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर उमेश कुमार पर लगे मुकदमे हटाने के लिए अनुरोध किया था.
उन दिनों अजय भट्ट नेता प्रतिपक्ष हुआ करते थे और सत्ता में कांग्रेस की सरकार थी. इस पत्र में अजय भट्ट ने सीएम से अनुरोध किया था कि उमेश कुमार के खिलाफ आर्म्स एक्ट, धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, जान से मारने की धमकी और एससी-एसटी एक्ट समेत जो कुल आठ मुकदमे हैं, इन्हें वापस ले लिया जाए. सोचिए जरा, कैसे कोई समझदार और दूरदर्शी नेता किसी विवादित शख्स पर दर्ज आठ-आठ संगीन मुकदमों को हटाए जाने के लिए लिखित पैरवी कर सकता है!
अजय भट्ट द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री को लिखा गया पूरा पत्र इस प्रकार है-
मा. मुख्यमंत्री जी,
उत्तराखंड सरकार
मान्यवर
कृपया वरिष्ठ पत्रकार श्री उमेश कुमार के विरुद्ध प्रदेश सरकार द्वारा दायर मुकदमों का संज्ञान लेने का कष्ट करें। श्री उमेश कुमार एक प्रखर पत्रकार, समाचार प्लस चैनल के प्रधान संपादक व सम्मानित नागरिक हैं। पिछले कुछ वर्षों में उनकी पत्रकारिता से शासन को परेशानियां उठानी पड़ीं। तत्कालीन प्रशासन द्वारा उनकी लेखनी व न्याय के लिए उनके संघर्ष को अन्यथा लेते हुए, उनके विरुद्ध अनेक मुकदमे दायर कर दिए गए। ये मुकदमे उनके संवैधानिक व प्राकृतिक अधिकारों पर प्रहार करते हैं। इससे श्री उमेश कुमार व उनके परिवार को मानसिक व आर्थिक कठिनाइयों से गुजरना पड़ा है। मेरा आपसे अनुरोध है कि न्याय के हित में कृपया श्री उमेश कुमार के विरुद्ध दायर मुकदमों को तुरंत वापस लेने का कष्ट करें।’ आशा है आप एक निर्दोष नागरिक के विरुद्ध प्रशासन द्वारा विद्वेषपूर्ण कार्यवाही से दायर उक्त मुकदमों को वापस लेकर न्याय की रक्षा करेंगे।
अजय भट्ट
नेता प्रतिपक्ष
उत्तराखंड विधान सभा
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