फेसबुक सोशल मीडिया का नया राजा बन गया है. वर्चुअल वर्ल्ड में फेसबुक की लोकप्रियता ने दिन दूनी और रात चौगुनी तरक्की की है. ऐसी कामयाबी सोशल मीडिया में दुनिया में किसी को अब तक हासिल नहीं हुई. फेसबुक स्मार्टफोन पर अपने सभी प्रतिद्वंद्वी ऐप्स में बढ़ते यूज़र्स के कारण अव्वल दर्जे का हीरो बन गया है. फेसबुक के यूज़र्स की संख्या 3.8 बिलियन यानी 380 करोड़ तक पहुंच गई है, जो कि दुनिया की जनसंख्या का 50 फीसदी है.
इतिहास के राजा और रजवाड़े अपनी नीतियों और मानसिकता से इतने लोगों और इस हद तक नहीं पहुंच पाए होंगे, जो ख्याती फेसबुक के संस्थापक मार्क ज़ुकेरबर्ग ने हासिल कर ली. लोगों के दिलों दिमाग तक बढ़े पैमाने तक पहुंचना, फेसबुक एप के दिनों दिन उपभोक्ता बढ़ना मामूली बात नहीं है. ये आंकड़े इतिहास दर्ज कर चुके हैं. चलिए एक तुलना करते हैं फेसबुक यूज़र्स और दूसरे स्मार्टफोन यूज़र्स के बीच, हैरानी होगी आपको जानकर कि फेसबुक के यूज़र्स करिश्माई तौर पर इस एप्लीकेशन पर दीवानगी जताते हैं.
हाल ही में 21 अप्रैल 2015 को सबसे यंग एंटरप्रेन्योर मार्ग ज़ुकेरबर्ग ने अपनी स्पीच में कहा था कि कितने लोग फेसबुक और फेसबुक आधारित एप का इस्तेमाल करते हैं. मार्च 2015 तक फेसबुक ने फोन के ज़रिए हर महीने 140 करोड़ यूज़र्स जोड़े हैं.
केवल इतना ही नहीं वॉट्स एप जो फेसबुक से जुड़ी सब्सिडियरी एप है उसका इस्तेमाल 80 करोड़ लोगों तक फैला है. फेसबुक ग्रुप का दायरा 70 करोड़ लोगों तक फैला है.
फेसबुक मेसेंजर का इस्तेमाल 60 करोड़ लोगों तक फैला हुआ है. इसके अलावा इंस्टेग्राम जो फेसबुक का ही एक अलग हिस्सा है उसका दायरा 30 करोड़ लोगों तक फैला है. इतने सालों में फेसबुक ने अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए क्या नहीं किया. अलग अलग फीचर्स लाकर लोगों को अपनी तरफ आकर्षित किया.
फेसबुक मदद के लिए भी हर स्तर हाथ आगे बढ़ाता है, नेपाल में बाढ़ पीड़ितों के लिए फेसबुक ने सेफ्टी फीचर निकाला, लोगों की जागरुकता से लेकर सुरक्षा तक फेसबुक लोगों के दिमाग को पढ़ रहा है. अब तो फेसबुक अपने यूजर्स के अकाउंट्स को पहले से ज्यादा सुरक्षित बनाने के लिए एक नया फीचर ‘Security Check-up’ भी लाने वाला है जो जल्द ही न्यूज फीड में दिखाई देगा.
राहत कार्यों के लिए फेसबुक डोनेशन भी बहुत देता है लेकिन बिज़नेस औऱ मार्केट कैपिटल के मुताबिक फेसबुक सबसे तेज़ तरक्की करने वाली कंपनी बन गई. मार्केट कैपिटल अभी 212 बिलियन डॉलर है और 80 डॉलर का उसका नेसडेक पर स्टॉक.
पंखों को कितने आगे तक ले जाना है ये कोई फेसबुक से सीखें और इन्ही पंखों के सहारे ही फेसबुक हर परवाज़ के साथ तरक्की का व्यापार कर रहा है. लोगों को दिलों तक पहुंच रहा है, लोगों को दीवाना बना रहा है.
कल्पना कीजिए कि आज से करीब 5-10 साल पहले आप फेसबुक नाम से वाकिफ भी नहीं होंगे, लेकिन समय गुज़रने के साथ सोशल मीडिया का दायरा बढ़ा, हम ज़्यादा एडवांस हुए, तकनीक से रूबरू हुए, छोटी छोटी बांतों को लोगों के साथ बांटने की आदत बढ़ी और सबसे अहम सोशल मीडिया की तरफ दीवानगी बढ़ी.
पता ही नहीं चला कि साल 2015 में हम विकास के ऐसे मुहाने पर खड़े होंगे जब हमारी निर्भरता दिन प्रतिदिन अपनी प्रतिक्रियाएं लोगों के साथ virtual वर्ल्ड में बांटने में बढ़ जाएगी.
एबीपी न्यूज़ से साभार एंकर निधि वासंदानी की रिपोर्ट