Connect with us

Hi, what are you looking for?

वेब-सिनेमा

‘पदमावत’ पर यशवंत ने पहली और आखिरी बार क्या लिखा, पढ़िए…

भड़ासानंद यशवंत.

Yashwant Singh :  मैं फिलिम पद्मावती उर्फ पद्मावत प्रकरण पर पहली बार लिख रहा हूं. और, ये आखिरी बार भी है. प्वाइंट वाइज…

-ऐसे दंगा भड़का के, जबरन विवाद खड़ा करवा के, देश के पूरे तंत्र का इस्तेमाल करके फिल्म हिट कराने के फंडे को बेहूदा मानता हूं. ऐसी हरकतों को हतोत्साहित किया जाना चाहिए. इसलिए इस मसले पर लिखने-बोलने से बचता रहा. यही कारण है कि ब्रांडिंग की इस घटिया सामंती टाइप भारतीय तरीके के प्रतिकार स्वरूप यह फिल्म देखने न गया न जाउंगा.

Advertisement. Scroll to continue reading.

भड़ासानंद यशवंत.

Yashwant Singh :  मैं फिलिम पद्मावती उर्फ पद्मावत प्रकरण पर पहली बार लिख रहा हूं. और, ये आखिरी बार भी है. प्वाइंट वाइज…

Advertisement. Scroll to continue reading.

-ऐसे दंगा भड़का के, जबरन विवाद खड़ा करवा के, देश के पूरे तंत्र का इस्तेमाल करके फिल्म हिट कराने के फंडे को बेहूदा मानता हूं. ऐसी हरकतों को हतोत्साहित किया जाना चाहिए. इसलिए इस मसले पर लिखने-बोलने से बचता रहा. यही कारण है कि ब्रांडिंग की इस घटिया सामंती टाइप भारतीय तरीके के प्रतिकार स्वरूप यह फिल्म देखने न गया न जाउंगा.

-मैंने खुद अपनी जाति तब ही तिरोहित कर दी थी जब आदरणीय कामरेड Lal Bahadur Singh के नेतृत्व में आइसा ज्वाइन कर लिया था. फिर भाकपा माले के जरिए गांवों-खेतों में मजदूर-किसानों के बीच जाने लगा. जातियां हमारे डीएनए और हमारे अस्तित्व में नहीं भरी हैं, ये समाज और ये सिस्टम जबरन इसे हमारे डीएनए और हमारे अस्तित्व का हिस्सा बना देता है. ये सच है कि जातीय जकड़ बहुत गहरे है अपने देश में जिससे निकलने में दशकों लग जाएंगे लेकिन एक वक्त तो आएगा ही जब नया पढ़ा लिख विश्व नागरिक जातियों और धर्मों की सच्चाई को बूझ चुका होगा… इन चिरकुटाइयों से मुक्त-उन्मुक्त हो चुका होगा… वो सत्ता और बाजार के सारे खेल-तमाशे समझता होगा.. दुर्भाग्य से हमारा देश अब भी कम पढ़े लिखे और अकलहीन लोगों का देश है… सो, नेता और अभिनेता कायदे से इस जनता की मार कर अपनी तिजोरी भरने और अपना साम्राज्य बचाने-फैलाने में लगे हैं…

Advertisement. Scroll to continue reading.

-एक साहब फिल्म देखकर आए और कहे कि इस फिल्म में तो खुदे खिल्जिया नांच रहा है, बताइए… राजपूतों-ठाकुरों की कहां बेइज्जती है, इसमें तो खिलजियों की ही बेइज्जती भरी पड़ी है… खिलजी जी अगर इसे देख लेते तो तलवार खुदे को मार कर सुसाइड कर लेते….सिनेमाहाल में ही…

-बाजार का सारा खेल कुछ यूं होता है कि हम समझ ही नहीं पाते और इसके हिस्से बन जाते हैं. अंबानी का पूरा पैसा लगा है भंसाली की फिल्म में. दो सौ करोड़ को आठ सौ करोड़ में कनवर्ट करने का पूरा खेल है. सौ करोड़ फेंक दिए गए नेताओं, मीडिया वालों और ढेर सारी चिरकुट सेनाओं पर… जैसा कि भाजपा नेता अपने स्टिंग में कुबूल कर रहा है कि उन लोगों की मजबूरी ये है कि जो लोग विरोध कर रहे हैं, वे सब उनके वोटर हैं, और उनकी भावनाओं को वो कुचलना नहीं चाहते… तो, अंबानी का गणित, भंसाली का गणित, भाजपा की गणित, सरकारों की गणित…. सब मिला दीजिए तो इज इक्वल टू बहुत मुनाफा परक हो जाता है… नोट-वोट सब इसमें पोलराइज हो रहा है… सो, लोकतंत्र अगर जले तो जलता रहे…

Advertisement. Scroll to continue reading.

-आगे भी ध्यान रखिए, चिरकुट मुद्दे जो जबरन क्रिएट किए जाते हैं, सत्ता द्वारा, बाजार द्वारा, मीडिया द्वारा… उन पर न लिखिए न रिएक्ट करिए… देखिए वो दम तोड़ देंगे… यही कारण है कि आजकल पूरी की पूरी मुख्यधारा की मीडिया सरकारों द्वारा इनडायरेक्ट रूप से खरीद ली गई है ताकि सरकार अपने खेल को इन मीडिया के द्वारा जनता में परोस सके… और फिर जनता अपने मूल जीवन से जुड़े मुद्दों को भूल कर इन पैराशूट प्राब्लम्स में उलझ जाती है और आंय बांय सांय किए जाती है… चिरकुट किस्म के औसत बुद्धिजीवी भी लग जाते हैं और ढेर सारे पेड आनलाइन वर्कर दिन रात कलम तोड़ने लगते हैं… नतीजा क्या आता है.. आप देख-जान चुके हैं… कभी संवेदना मारी जाती है तो कभी संविधान को नीचा दिखा दिया जाता है तो कभी मनुष्यता कलंकित होती है तो कभी अपनी हत्या पर लोकतंत्र जार जार रोता है…

जैजै
यशवंत

Advertisement. Scroll to continue reading.

भड़ास एडिटर यशवंत सिंह की एफबी वॉल से.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement