Connect with us

Hi, what are you looking for?

वेब-सिनेमा

भड़ास पर भी लग गया ‘आनलाइन कटोरा’, आप भी कुछ डालें इसमें

Yashwant Singh : द वायर और न्यूज लांड्री जैसी कारपोरेट फंडित वेबसाइटों ने भी जनता से पैसा मांगने के लिए हर खबर के नीचेे एक कटोरा (बल्कि आनलाइन कटोरा कहना चाहिए) लगा रखा है, ”दे दो रे, सौ दो सौ तीन सौ चार सौ… जो सूझे वही दे दो क्योंकि हम लोग बड़ी किरांती कर रहे हैं.. आप जनता की खातिर…” टाइप वाला कटोरा…

Yashwant Singh : द वायर और न्यूज लांड्री जैसी कारपोरेट फंडित वेबसाइटों ने भी जनता से पैसा मांगने के लिए हर खबर के नीचेे एक कटोरा (बल्कि आनलाइन कटोरा कहना चाहिए) लगा रखा है, ”दे दो रे, सौ दो सौ तीन सौ चार सौ… जो सूझे वही दे दो क्योंकि हम लोग बड़ी किरांती कर रहे हैं.. आप जनता की खातिर…” टाइप वाला कटोरा…

Advertisement. Scroll to continue reading.

कटोरा समझ रहे हैं न… चार-पांच चिल्लर उछालने से निकलती टन टन टन की आवाज के बीच दे दो रे बाबा.. भगवान भला करेगा… गाने वालों के हाथ में होता है ये..

तो द वायर और न्यूजलांड्री के आनलाइन कटोरों को देखने के बाद हमको भी लगा कि यार ये कटोरा तो भड़ास पर भी हर खबर के नीचे सटकर डटकर लगा होना चाहिए… सो फौरन अपने टेक गुरु Divakar Singh से संपर्क साधा. उनसे पूछा कि क्या यह कटोरा लगाने वाला काम आसानी से हो जाएगा? दिवाकर ने सदा की तरह कहा- आप टेंशन न लें सर, आपने कह दिया, समझो काम हो गया.

Advertisement. Scroll to continue reading.

और, फाइनली कटोरा लग गया.

मजेदार ये कि कटोरा लगते ही दनादन पैसे भी गिरने लगे… अब तक साढ़े बारह हजार रुपये आ चुके हैं.. इसमें सबसे आनंद वाली चीज है कि सबसे पहले सौ रुपये उस एक लड़के ने भेजा जो पिछले काफी समय से नौकरी खोज रहा है… मैंने उसे फोन कर कहा, तूने क्यों भेजा बे… तो बोला- भइया चेक कर रहा था कि जा रहा है या नहीं… मैं बोला- तो रिफंड कर देता हूं… वो लगा हंसने.. आप भी गजबे करते हैं… चेक करने और रिफंड करने में कटोरा वाली कंपनी पांच दस रुपया काट कर कमा लगी… रहने दीजिए अपने पास…

Advertisement. Scroll to continue reading.

एक बड़े आदमी नुमा मित्र ने पांच हजार रुपये इकट्ठा भेजा.. वो भी काफी समय से ठीकठाक रोजगार में नहीं हैं… मैंने कहा कि हे बड़े आदमी… माना कि आपको सौ दो सौ पांच सौ रुपये देने में शर्म लगती है सो आपने कटोरे में इंगित की गई अधिकतम राशि पर क्लिक मार कर भेज दिया लेकिन मुझे तो पता है न कि आप काफी समय से अपना बचा गड़ा माल ही निकाल कर खा रहे हैं तो फिर ये नेकी क्यों?

वो तर्क देते रहे लेकिन मैं सुना नहीं… उनका पैसा रिफंड करा दिया.. यानि उनके एकाउंट में वापस करा दिया…

Advertisement. Scroll to continue reading.

मुझे तो आनंद केवल देने वालों के नाम पढ़ने में आ रहा है.. सारे नाम परिचित सुने से हैं… अच्छा लगता है जब सौ या दो सौ या पांच सौ या हजार रुपये रिसीव होने का मैसेज मेल से आता है उसमें किसी परिचित का नाम होता है, सेंडर के रूप में.. तब सच में लगता है कि लोग भड़ास को प्यार करते हैं…

और हां, अपने टेक गुरु दिवाकर जी ने भी हजार रुपये भेज दिए हैं… मतलब जिनको भड़ास से लेना चाहिए, इसका तकनीकी कामकाज देखने के वास्ते, वो भड़ास को दे रहे हैं… इनका भी रिफंड करूंगा… 🙂

Advertisement. Scroll to continue reading.

लव यू आल… 🙂

सो, अब आप भी भड़ास4मीडिया डाट काम पर हर खबर के ठीक नीचे सौ, दो सौ, पांच सौ, हजार, दो हजार और पांच हजार रुपये डोनेशन देने के विकल्प को पाएंगे और उम्मीद करते हैं कि अपने सामर्थ्य भर जरूर मदद कर भड़ास4मीडिया जैसे पोर्टल को जिंदा रखने में मदद करेंगे.

Advertisement. Scroll to continue reading.

भड़ास4मीडिया के एडिटर यशवंत सिंह की एफबी वॉल से.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement