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इनाडु डिजिटल के एमडी, जीएम, एचआर और डेस्क इंचार्ज को लीगल नोटिस

सेवा में

१. श्रीमान मैनेजिंग डायरेक्टर
किरन राव

२. श्रीमान जनरल मैनेजर
प्रसनजीत राय

३. श्रीमान डेस्क इंचार्ज
अजीज अहमद खान

५. श्रीमान एग्जीक्यूटिव एचआर​
मुरलीधर बंदारू

एसपी २ बिल्डिंग, फोर्थ फ्लोर
हिंदी डेस्क​, ईनाडु डिजिटल
रामोजी फिल्म सिटी
हैदराबाद
तेलंगाना
५०१५१२

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सेवा में

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१. श्रीमान मैनेजिंग डायरेक्टर
किरन राव

२. श्रीमान जनरल मैनेजर
प्रसनजीत राय

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३. श्रीमान डेस्क इंचार्ज
अजीज अहमद खान

५. श्रीमान एग्जीक्यूटिव एचआर​
मुरलीधर बंदारू

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एसपी २ बिल्डिंग, फोर्थ फ्लोर
हिंदी डेस्क​, ईनाडु डिजिटल
रामोजी फिल्म सिटी
हैदराबाद
तेलंगाना
५०१५१२

मैं अधिवक्ता मेहुल पी गोंडलिया बीए एलएलबी​ निवासी गांव भेंकरा में तहसील सावरकुंडला जिला अमरेली के और मेरे मुवक्किल भट्टी ज़हीर रुस्तमभाई निवासी ४७, लीमडी चोक, तलीनाका तहसील सावरकुंडला कि सूचना और फरमाइश के मुताबिक उक्त चारों लोगों को नोटिस देकर सूचीत किया जा रहा है कि लीगल नोटिस में मेरे मुवक्किल को काम न करने देने, मानसिक अवसाद, मानसिक प्रताड़ना, मानहानि करने के बिंदु पर प्रकाश डालेंगे…

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१. आप चारों पक्षकार ईनाडु डिजिटल नाम की प्राइवेट कंपनी में कार्यरत है। और आप उस कंपनी में न्यूज़ और एडवर्टाइजमेंट जैसे काम​ कर रहे हैं। इस प्राइवेट कंपनी को जरुरत पड़ने पर वैसे कर्मचारियों की भर्ती भी करते हैं, जो आपके लायक हैं।

२. मेरे मुवक्किल गुजरात राज्य के अमरेली जिले के सावरकुंडला तहसील का निवासी है। वे नौकरी की तलाश में आपकी कंपनी में आए और आपकी कंपनी में आपने उनको दिनांक ०१ / ११ / २०१६ के दिन हिंदी डेस्क में कंटेंट एडिटर और सोशल मीडिया के पद पर नियुक्त किया। कंपनी की ओर से हमारे मुवक्किल को मासिक १९०८८ रुपये दिए जा रहे हैैं।

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३. मेरे मुवक्किल को आपकी कंपनी में जिस पद पर नियुक्त किया गया है, वे उस पद पर पूरी निष्ठा के साथ प्रमाणिकता से काम करते थे। उसके अलावा संस्थान के हीत में जो भी कार्य था वो भी उन्होंने अच्छे से किया। उसके अलावा मेरे मुवक्किल का कोई कार्य नहीं था वे भी ईमानदारी से किया मेरे मुवक्किल कंपनी के समयानुसार ओवरटाइम भी करके कंपनी का नाम और इमेज पर आंच न आए इसलिए दिन रात काम करते रहे।

४. बावजूद दिनांक ०७/०५/२०१७ के दिन मेरे मुवक्किल डी१ शिफ्ट में काम कर रहे थे। उस दिन कई सहकर्मियों का साप्ताहिक अवकाश होता है। मैनेजमेंट की गाइडलाइंस पर हमेशा हमारे मुवक्किल सिखाए गए कार्य अनुसार काम करते हैं। लेकिन उसी दिन मनोरंजन और फिचर न्युज की खबरें फेसबुक के सभी स्टेट पेज पर शेयर होनी है इस बात की जानकारी न तो शिफ्ट इंचार्ज, डेस्क इंचार्ज,जनरल मैनेजर ने बताई। जिस कारण वह कार्य नहीं हो सका। डेस्क के बीच कम्युनिकेशन गैप के कारण वह सूचना मुझ तक नहीं पहुंच पाई। जिस सूचना को आपने मेरे मुवक्किल को बताया ही नहीं वो काम करने का उनको कैसे पता चलेगा? ऐसी परिस्थितियों​ में हमारे मुवक्किल के बेस्ट काम करने के बावजूद उनके काम कि कंपनी के किसी भी कर्मीने दरकार नहीं की। उल्टा उसी दिन करीब ३:३० या ४:३० बजे हिंदी डेस्क के लैंडलाइन पर जनरल मैनेजर​ प्रसनजीत राय का फोन आता है और हमारे मुवक्किल को अमर्यादित शब्द सुनाएं, और कहा कि नहीं कर सकते हो घर चले जाओ। उनके इस व्यवहार से मेरे मुवक्किल कि मानहानि हुई और मानसिक प्रताड़ित​ करनेेे के कारण वे गहरेेे मानसिक अवसाद में चले गए हैं। जबकि मेरे मुवक्किल का कोई दोष नहीं था।

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५. इससे पहले भी मेरे मुवक्किल के साथ कई बार प्रसनजीत रोय और अज़ीज़ अहमद खान बेअदबी कि है, लेकिन उन्होंने उस समय नजरअंदाज कीया। उस समय से ही मेरे मुवक्किल कि मानसिक स्थिति खराब हो न लगी। जिससे उसका पूरा परिवार तनाव में है। आप किसी को काम करने के लिए नियुक्त करते हैं या ज़लील करने के लिए रखते हैं?

६.मेरे मुवक्किल को काम नहीं करने दिया जा रहा। उनका CMS भी षड्यंत्र कर बंद कर दिया गया जिसका स्क्रीन शॉट उनके मेल पर उपलब्ध है

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७. आपने मेरे मुवक्किल कि मानहानि क्यों​ की?

८. इस पूरे घटनाक्रम​ के बाद मेरे मुवक्किल मानसिक रुप से गहरे सदमे में है। और सोच रहे हैं कि मेरा कोई दोष नहीं होने के कारण ऐसा क्यों हुआ? सदर इस बाबत मेरे मुवक्किल​ मानसिक रुप से टूट चुके हैं। इस कारण उन्होंने एग्जीक्यूटिव एचआर और ग्रुप एडिटर को लिखित में सूचित किया और सुझाव मांगा कि मेरा​ क्या दोष है। मेरे साथ इस तरह का बर्ताव क्यों किया जा रहा है। तो एचआर ने मुझे नौकरी से निकाल दिया। हमारे मुवक्किल ने कहा कि मेरी कोई गलती है तो इस संबंध में मुझे कुछ कहने का मौका दीजिए। लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हुआ और हमारे मुवक्किल का आईकार्ड जबरन ले लिया गया और इस्तीफा देने के लिए मानसिक दबाव देने लगे।

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९. इस संबंध में मेरे मुवक्किल ने चेयरमेन, मैनेजिंग डायरेक्टर, एचआर वाइस प्रेसिडेंट तक को चिट्ठी लिखी हैं। लेकिन किसी ने अब तक उनके वाजिब सवालोंं का प्रत्युत्तर देने की​ जहमत नहींं उठाई हैं। पूरा मैनेजमेंट एकतरफा होकर काम कर रहा है।

१०. मानहानि, काम न करने देना, जनरल मैनेजर डेस्क इंचार्ज, एचआर का तानाशाही भरा रवैया इस संस्थान के लोगों कि विशेषता है!

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११. इसके अलावा भी मुझे एक दो तरह से डेस्क इंचार्ज के साथ-साथ मैनेजमेंट द्वारा प्रताड़ित कीया गया। जिस संबंध में मैं आने वाले समय में उचित अथॉरिटी से संपर्क करने जा रहा हूं।

१२. इस घटना के कारण मेरे मुवक्किल मानसिक रुप से खूब पीड़ित, तनाव में हैं। मेरे मुवक्किल को आपने अपनी कंपनी में रखा लेकिन किसी के गलतफहमी के कारण आपने उनको निकाल दिया। परंतु हकीकत में मेरे मुवक्किल का कोई दोष नहीं है। आपने समस्या का निवारण किए बिना ही यह कदम उठा लिया है। जिस कारण हमारे मुवक्किल मानसिक रूप से अस्वस्थ है।
 

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१३. आपने हमारे​ मुवक्किल को जब नौकरी से निलंबित किया तब आपके द्वारा लिखित मैं कोई जाानकारी​ नहीं दी गई। और न ही नियम के तहत कार्रवाई हुई। जब आपने काम पर रखा तो कंपनी द्वारा उनको एक कंफर्मेशन लेटर देकर नौकरी में रखा। आज दिन तक उनको टर्मिनेशन लेटर नहीं दिया है। जिसका मतलब है कि हमारे मुवक्किल को षड्यंत्र से आपकी कंपनी से निलंबित कर दिया है। उनका अपराध क्या है? और न ही ऐसा कोई कारण कि आप उसे निकाल दें। यह एक मात्र हमारे मुवक्किल के प्रति आपका और अपने कर्मचारियों का पूर्वाग्रह और षड्यंत्र है​। मेरे मुवक्किल का आप मानसिक शोषण करना चाहते हैं।

१४. मेरे मुवक्किल से आईकार्ड ले लेने के लिए इन लोगों ने दूर-दूर से गार्ड को भी बुलवा लिया था अगर वे आईकार्ड नहीं देते तो यह लोग उनके​ साथ मारपीट भी कर सकते थे। डर के मारे मुवक्किल ने आईकार्ड दे दिया और मुश्किल से वहां से भाग निकले। क्योंकि अगर वे ऐसा नहीं करते तो यह लोग उनके साथ कुछ भी कर सकते थे।

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१५. १०/५/१७ को ये लोग मेरे मुवक्किल को बार-बार खोज रहे थे। चूंकि ऑफिस शहर से दूर ऐसी जगह लोकेटेड है कि वे पुलिस को भी इन्फॉर्म भी नहीं कर सकते थे। आप किसी को काम करने के लिए रखते हैं या बंधक बनाने?

१६. मेरे​ मुवक्किल को इस बात का खेद है कि ईनाडु भी बाकी संस्थानों की तरह उस रास्ते चल पड़ा है।

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१७. ऑफिस में किस तरीके की तानाशाही फैली है इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जाता है कि आप फोन पर बात नहीं कर सकते, डेस्क पर किसी मिल नहीं सकते, वॉटररूम में नहीं जा सकते, नाश्ता करके १० मिनट में लौटना शामिल है।

१८. बार-बार मेरे मुवक्किल को एक्सट्रा रुकने के लिए धमकाया जाता था। प्रताड़ना के ५०० तरीके​ होते हैं। इनमें से ये भी उनका तरीका है।

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१९. किसी भी कर्मचारी को कैसे प्रताड़ित करना है ? ये सीखना है तो कोई ईनाडु से सीख सकता है!

२०. लगातार कई लोगों के साथ इनका व्यवहार ऐसा ही रहा है। जिसमें सीनियर से लेकर जूनियर तक शामिल है। मेरे मुवक्किल तो आत्म सम्मान के साथ जीने वाले हैं, जिस कारण वह गहरे मानसिक अवसाद में चले गए हैं।

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२१. आपको आगाह किया जाता है कि क्यों ना आपको खिलाफ कानूनी कार्रवाई करूं?

२२. कर्मचारियों की शिफ्ट भी इस तरीके से लगाई जाती है जिससे वे बीमार पड़े। इसके चलते एक कर्मी की मौत भी हो चुकी है।

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२३. एचआर के लोग कातिलाना तरीके से मुझसे आईकार्ड मांगते हैं। इसके दो दिन बाद एचआर अनुराग कौशिक मेरे मुवक्किल को रिजाइन न देने की बात करते हैं। मेरे मुवक्किल से मुरलीधर​ बंदारु ने रिजाइन मांगा। बताइए आखिर किस तरह का षड्यंत्र किया जा रहा है। इस संबंध में जरूरी चीजें मैं आपके सामने रख सकता हूं।

२४.मुवक्किल ने बताया कि ये लोग मानसिक दबाव देकर उनके पर्सनल ईमेल और पर्सनल facebook का भी ऑफिसियल​ इस्तेमाल करवाते हैं। बता दें कि कायदे से हर संस्थान में हर व्यक्ति का ऑफिसियल मेल बनता है।

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२५. बार-बार डेस्क इंचार्ज किसी की पर्सनल लाइफ में हस्तक्षेप करने की कोशिश क्यों कर रहे हैं! उनको यह अधिकार किसने दिया?

२६. डेस्क इंचार्ज पीठ पीछे सिनीयर-जूनियरों को अपशब्द बोलते हैं।

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२७. भारत लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष देश है, लेकिन यहां कुछ ऐसी भी चीजें हैं जिससे मुझे प्रताड़ित किया गया है। मैं संबंध  में पता कर रहा हूं कि क्या वाकई आपके ऑफिस में ऐसा माहौल व्याप्त हैं?

२८. यह बात सच है कि md ऑफिस में कम आते हैं। लेकिन यह सारे काम करवाने की जिम्मेदारी इन 2-4 लोगों​ की ही है जिसका ये गलत फायदा उठाते है।

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२९. कुल मिलाकर आपकी ऑफिस में काम करना का माहोल नहीं है। लोगों​ को बेइज्जत करते हैं, अपशब्द बोलते हैं, ज़लील करते हैं। जबकि गलती आपकी होती है। मैं अपना मानसिक संतुलन खो रहा हूं।

३०. उक्त तमाम बाबत को लेकर मेरे मुवक्किल गहरे​ मानसिक अवसाद में हैं। उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है, उनके ऊपर घर की तमाम जिम्मेदारियां होने के कारण आप उन्हें बिना कारण निलंबित​ कर देंगे तो मेरे मुवक्किल कोई गलत कदम उठा लेते हैैं, तो उसकी तमाम जिम्मेदारियां आपके सिरे रहेंगी। मेरे मुवक्किल​ को आपने​ बिना कारण अपनी कंपनी में से निलंबित कर दिया है, जिससे मुवक्किल का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है और बीमार है। अगर उसको कुछ भी हुआ तो तमाम तरह की जवाबदेही आपकी रहेगी। मेरे मुवक्किल को पहले की तरह बाइज्जत मान मरतबा लौटा कर गहरे अवसाद में से निकाल स्वस्थ करें। अगर आप ऐसे न करने में कसूरवार पाए गए तो सारी जवाबदेही आपकी रहेगी।

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आपको आखिरी नोटिस देकर चेतावनी दि जा रही है कि नोटिस मिलने के तीस दिन में आप हमारे मुवक्किल को आप उनके समाधान हेतुु न्यायसंगत एवं न्यायोचित कारवाई करें। और आज दिन तक का हर्जाना सुपरत करें। अगर ऐसा न करने में कसूरवार पाए गए और आप को दि गई मुद्दत गुजर जाने के बाद मेरे मुवक्किल आपके विरुद्ध फौजदारी​ एवं दीवानी कोर्ट में क्रिमिनल केस दायर करनेे की कार्रवाई हाथ धरेंगे। अगर ऐसा होगा तो उसका तमाम खर्च और परिणाम कि जिम्मेदारी आपके सिरे रहेगी, जिससे इस नोटिस को गंभीरता से लें।

यह नोटिस आपके कसूर के कारण देनी पड़ी है। नोटिस का खर्च आपके सिरे रहेगा।

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सावरकुंडला
दिनांक

मेरे मुवक्किल की सूचना और माहिती के आधार पर

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एमपी गोंडलिया
(अधिवक्ता)

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