अभिव्यक्ति की आजादी का झूठा ढिंढोरा पीटता है दैनिक जागरण… मीडिया वालों की खबर देने वाले पोर्टल भड़ास4मीडिया पर लगा रखा है प्रतिबंध… बड़े-बड़े लेखों और मंचों के जरिए दैनिक जागरण के संपादक-मालिक लोग हमेशा से आवाज उठाते रहते हैं कि अभिव्यक्ति की आजादी पर कोई पाबंदी नहीं होनी चाहिए. ये लोग अपने मीडिया कर्मचारियों को भी नसीहत देते हैं कि तथ्य के साथ बातों को रखा जाए, लोकतंत्र में हर खंभे को सम्मान दिया जाए. लेकिन वास्तविकता कुछ और भी है. आज उस समय बहुत बुरा फील हुआ जब पत्रकारिता जगत की खबर देने वाले पोर्टल भड़ास4मीडिया के बारे में पता चला कि इस पर दैनिक जागरण के राष्ट्रीय ऑफिस में पूर्णत प्रतिबंधित लगाया हुआ है.
पत्रकारों के सुख-दुख की खबरों को देने वाले और मीडियाकर्मियों के हित की आवाज उठाने वाले भड़ास4मीडिया की आवाज को कुचलने का प्रयास अखबार मालिक हमेशा से करते आये हैं मगर अखबार मालिक ये क्यों नही जानते कि सभी पत्रकारों के पास आज कल टच स्क्रीन वाला मल्टी मीडिया फोन है, स्मार्ट फोन है, घर में लैपटाप है. आपने ऑफिस में भले ही भड़ास पर पाबंदी लगा दी है लेकिन पढ़ने वाला तो अपने मोबाइल में भी पढ़ लेगा.
लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ से जुड़े सभी लोगों को हर पहलू पर अपनी बात कहने का अधिकार होता है. स्वस्थ वातावरण का निर्माण तभी सम्भव है जब सबकी बात सुनी जाए. अगर बात संवैधानिक रूप से रखी जा रही है तो उसे सबको सुनना चाहिए. मगर यह पूर्णत: गलत है कि आप समाज में नारा तो लगाओ कि सभी को अपनी बात रखने का पूरा अधिकार है लेकिन सामने वाले की आवाज को चुपचाप कुचल दो.. शायद इसे ही बोलते हैं मुंह में राम बगल में छूरी…. भड़ास4मीडिया पर से दैनिक जागरण प्रबंधन को पाबंदी हटानी चाहिए और उसे कोशिश करनी चाहिए कि वह अपने मीडियाकर्मियों को सभी कानूनी लाभ दे.
लेखक नवीन द्विवेदी गाजियाबाद के अखबार शिप्रा दर्पण के संपादक हैं. उनसे संपर्क 9910091121 या [email protected] के जरिए किया जा सकता है.