नई दिल्ली: सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने वेबसाइटों पर विज्ञापन के लिए एजेंसियों को सूचीबद्ध करने एवं दर तय करने की खातिर दिशानिर्देश और मानदंड तैयार किए हैं ताकि सरकार की ऑनलाइन पहुंच को कारगर बनाया जा सके। एक बयान में यहां कहा गया कि दिशानिर्देशों का उद्देश्य सरकारी विज्ञापनों को रणनीतिक रूप से हर महीने सर्वाधिक विशिष्ट उपयोगकर्ताओं वाले वेबसाइटों पर डालकर उनकी दृश्यता बढ़ाना है। नियमों के अनुसार, विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) सूचीबद्ध करने के लिए भारत में निगमित कंपनियों के स्वामित्व एवं संचालन वाले वेबसाइटों के नाम पर विचार करेगा।
हालांकि विदेशी कंपनियों के स्वामित्व वाली वेबसाइट को इस स्थिति में सूचीबद्ध किया जाएगा कि उन कंपनियों का शाखा कार्यालय भारत में कम से कम एक साल से पंजीकृत हो एवं संचालन कर रहा हो। नीति के तहत डीएवीपी के पास सूचीबद्ध होने के लिए वेबसाइटों के लिए तय नियमों में हर महीने उनके विशिष्ट उपयोगकर्ताओं की जानकारी देना शामिल है, जिसकी गहराई से जांच की जाएगी और भारत में वेबसाइट ट्रैफिक की निगरानी करने वाले किसी अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त तीसरे पक्ष से सत्यापित कराया जाएगा।
नीति के तहत वेबसाइट डीएवीपी द्वारा ऑनलाइन बिलिंग से संबंधित महत्वपूर्ण रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए काम पर रखे गए किसी तीसरे पक्ष एड सर्वर (3-पीएएस) के जरिए सरकारी विज्ञापन दिखाएगा। इस तरह के हर वेबसाइट के विशिष्ट उपयोगकर्ताओं के आंकड़े की हर साल अप्रैल के पहले महीने में समीक्षा की जाएगी।
Mo Rizwan
June 2, 2018 at 9:47 am
अपनी वेबसाइट विज्ञापन चाहिए