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सुख-दुख

एक औघड़ की आह से तबाह होना ही था अखिलेश राज को!

यूपी में रक्तहीन क्रांति पर भड़ास एडिटर यशवंत की त्वरित प्रतिक्रिया- ‘मीडियाकर्मियों का अंतहीन उत्पीड़न करने वाले अखिलेश राज का खात्मा स्वागत योग्य’

Yashwant Singh : यूपी में हुए बदलाव का स्वागत कीजिए. सपा और बसपा नामक दो लुटेरे गिरोहों से त्रस्त जनता ने तीसरे पर दाव लगाया है. यूपी में न आम आदमी पार्टी है और न कम्युनिस्ट हैं. सपा और बसपा ने बारी बारी शासन किया, लगातार. इनके शासन में एक बात कामन रही. जमकर लूट, जमकर झूठ, जमकर जंगलराज और जमकर मुस्लिम तुष्टीकरण. इससे नाराज जनता ने तीसरी और एकमात्र बची पार्टी बीजेपी को जमकर वोट दिया ताकि सपा-बसपा को सबक सिखाया जा सके.

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यूपी में रक्तहीन क्रांति पर भड़ास एडिटर यशवंत की त्वरित प्रतिक्रिया- ‘मीडियाकर्मियों का अंतहीन उत्पीड़न करने वाले अखिलेश राज का खात्मा स्वागत योग्य’

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Yashwant Singh : यूपी में हुए बदलाव का स्वागत कीजिए. सपा और बसपा नामक दो लुटेरे गिरोहों से त्रस्त जनता ने तीसरे पर दाव लगाया है. यूपी में न आम आदमी पार्टी है और न कम्युनिस्ट हैं. सपा और बसपा ने बारी बारी शासन किया, लगातार. इनके शासन में एक बात कामन रही. जमकर लूट, जमकर झूठ, जमकर जंगलराज और जमकर मुस्लिम तुष्टीकरण. इससे नाराज जनता ने तीसरी और एकमात्र बची पार्टी बीजेपी को जमकर वोट दिया ताकि सपा-बसपा को सबक सिखाया जा सके.

प्रचंड बहुमत से यूपी में सत्ता पाने वाली भाजपा ने अगर अगले दो साल में शासन करने का ढर्रा नहीं बदला, सपा-बसपा वाली लूट मार शैली से इतर एक नया सकारात्मक कल्चर नहीं डेवलप किया तो 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी यूपी में थउंस जाएगी यानि ढेर हो जाएगी. मैंने निजी तौर पर अखिलेश यादव और उनकी समाजवादी पार्टी को हराने के लिए अपील किया था क्योंकि इन महोदय के राज में एक पत्रकार जिंदा जला दिया गया, पत्रकार ने मरने से पहले जलाने वाले मंत्री का नाम भी लिया लेकिन उस मंत्री को सत्ता से बेदखल नहीं किया गया. आपको यह भी याद होगा कि अखिलेश यादव ने यूपी में सरकार बनाते हुए मुझे कुछ भ्रष्ट पतित संपादकों और मीडिया हाउसों के इशारे पर उठवा कर अवैध तरीके से 68 दिनों तक जेल में बंद करवाया था.

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मेरे बाद भड़ास के तत्कालीन संपादक अनिल सिंह को भी जेल में डलवाया गया. बाद में आफिस और घरों पर छापे डलवाए गए. खैर, हम लोग तो जेल से जश्न मनाते हुए निकले और ‘जानेमन जेल’ नामक किताब लिख डाला. पर फकीर का श्राप आह तो पड़ता ही है. एक औघड़ की आह से तबाह होना ही था अखिलेश राज को! मैंने सपा को वोट न देकर किसी को भी वोट देने की अपील की थी. ढेर सारे लखनवी चारण पत्रकारों और ढेर सारे मीडिया हाउसों के ‘अखिलेश जिंदाबाद’ वाली पेड न्यूज पत्रकारिता के बावजूद अखिलेश यादव को जनता ने दक्खिन लगा दिया.

बीजेपी वाले जश्न बिलकुल मनाएं, लेकिन ध्यान रखें कि जनता ने बहुत बड़ी जिम्मेदारी दे दी है. अब शासन का नया ढर्रा विकसित करना होगा और जंगलराज-लूटराज से यूपी को मुक्ति दिलानी होगी. हम सबकी नजर यूपी की नई भाजपा सरकार पर रहेगी. फिलहाल मोदी और शाह की करिश्माई जोड़ी को बधाई… ये लोग सच में इस लोकतंत्र में वोटों की राजनीति-गणित के शहंशाह साबित हो रहे हैं. जैजै

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भड़ास एडिटर यशवंत की एफबी वॉल से. उपरोक्ट स्टेटस पर आए कमेंट्स पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें : YASHWANT FB POST

ये है वो खबर जिसे भड़ास की तरफ से यूपी चुनाव से ठीक पहले एक अपील के रूप में जारी किया गया था…

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0 Comments

  1. अशोक कुमार शर्मा

    March 11, 2017 at 11:30 am

    पिछले 10 साल से ज्यादा समय से मैं देख रहा हूं कि यशवंत बेबाक लिखते हैं। सटीक लिखते हैं। जनहित में लिखते हैं। सबसे बड़ी बात ये बिना किसी लालच और बिना किसी डर के लिखते हैं। मैं उनको व्यक्तिगत जानता हूं। वह मुझे मानते हैं। इसी वजह से बहुत कुछ नहीं कह रहा हूं। लेकिन दिल से उनको दुआ देता हूं। खुश रहें। स्वस्थ रहें। यूं ही बने रहे। यूं ही बढ़ते रहे।

  2. देवानन्द यादव

    March 14, 2017 at 5:40 am

    जेल में एक अच्छा आदमी चला जाता हैं तो वह सारे गुड़ से परिपक्व हो जाता हैं । एक पत्रकार लिखने पर आजिज हो जाये सारा विभाग उसके पीछे पड़ जाता हैं । अक्सर थानाध्यक्ष किसी पहुंचे को फंसाने के बाद अपने छुट्टी पर चला जाता हैं । ये अच्छा हुआ कि परिवार और लूटेरों का सामाज्य इस चुनाव में डूब गया ।सारे बड़े पद मुलायं सिंह के परिवार वाले ही एक्टिव थे ।

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