कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली रायबरेली में सोनिया गांधी के अस्वस्थ होने के चलते उनकी बेटी प्रियंका ने कमान संभाल रखी है। प्रियंका और उनका परिवार हमेशा से कट्टरपंथी ताकतों के निशाने पर रहा है। ऐसे में पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिजनों को मिलने वाली एसपीजी सुरक्षा उन्हें भी प्राप्त है। प्रियंका गांधी इस समय लोगों के बीच जाकर वोट मांग रही हैं। प्रियंका की पार्टी से एमएलसी रहे दिनेश प्रताप सिंह ने भाजपा का दामन थाम कर उन्हें चुनौती दे दी है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार प्रियंका गांधी और उनके समर्थक वोट मांगते हुए जा रहे थे। रास्ते में कई जगह खड़ा जनसमूह उनका स्वागत कर रहा था। जैसे ही काफिला रायबरेली के महराजगंज क्षेत्र में पहुंचा, आरोप है कि वहां पहले से मौजूद न्यूज वन इंडिया के एक पत्रकार संदीप विश्वकर्मा काले झंडे दिखाने के लिए भीड़ को उकसाने लगे ताकि फुटेज बनाई जा सके।
बताया जाता है कि पत्रकार महोदय यह सब एमएलसी (भाजपा प्रत्याशी) के पक्ष में कर रहे थे। जब काले झंडे दिखाने के लिए किसी ने साथ नहीं दिया तो वे खुद मोदी के पक्ष में नारेबाजी करने लगे. इससे वहां मौजूद लोगों से उनकी झड़प हो गई। फिर क्या था। संदीप ने अपने बॉस को फोन मिलाने की कोशिश की। तब लोगों ने रोक दिया। तब तक प्रियंका का काफिला वहां आ गया। फ्लीट के आगे चल रहे जवानों ने पत्रकार को समझाने की कोशिश की। लेकिन पत्रकार महोदय उनसे भी उलझ गए।
सुरक्षाबलों ने कहा कि आप रास्ते से हट कर बगल में आएं फिर बात करें। वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने पत्रकार का नाम नाम पूछा और जिला सूचना कार्यालय से सम्पर्क किया तो पता चला कि इस नाम का कोई बन्दा है ही नहीं। तब तक पत्रकार संदीप रास्ते में ही प्रियंका की गाड़ी के आगे लेट चुका था और उसने अपने मोबाइल भी तोड़ डाले। एसपीजी वालों ने उसे टांग कर सड़क के किनारे डाल दिया।
उधर, एसपीजी के अधिकारियों का कहना है कि गांधी परिवार और अन्य वरिष्ठ नेताओं पर मीडिया की आड़ लेकर पत्रकार के छद्म नाम से हमला होने की आशंका का एलर्ट मिला है, इसलिए हम ऐसे किसी भी व्यक्ति को अलाऊ नहीं कर सकते जिसके पास पहचान पत्र न हो। देखें संबंधित वीडियो-