Syedain Zaidi : मैं कई साल AMU में रहा कई बार यूनियन के कार्यक्रम में शामिल हुआ… यूनियन हाल में जाने के सैंकड़ों मौक़े आए… मैंने कभी नहीं ध्यान दिया की वहां जिन्ना की तस्वीर भी लगी है… दर्जनों पुराने नेताओं की तस्वीरें हैं… जिन्ना की भी लगी होगी… मेरे लिए जिन्ना भूत काल के भूतों में से था… जिसमें अकेले जिन्ना नहीं सावरकर और तमाम लोग शामिल थे.. बहरहाल आगे बढ़ते हुए शैक्षणिक जीवन में मेरे लिए ये लोग बेमानी हो चुके थे…
मैं पिछले दिनों अलीगढ़ में था…. कुछ फैक्ट्स आपके सामने रख रहा हूं…कि कैसे इस मुद्दे को हवा मिली अलीगढ़ में लोकल स्ट्रींगर्स का एक ठेकेदार ग्रुप है जो तीन चार बड़े चैनलों के लिए स्टोरीज़ निकालता है…आजतक, IBN, India Tv जैसे चैनलों को ये फीड मुहईय्या कराते हैं. ये सारा तमाशा उसी ग्रुप का खड़ा किया हुआ है…. ये लोग AMU से कंट्रोवर्शियल स्टोरीज़ की ताक में रहते हैं… और जब भी दिल्ली मीडिया से नरेटिव बिल्ड करने के लिए ख़ुराक की मांग होती है तो …इस तरह के समूह एक्टिव हो जाते हैं
पुराना एक क़िस्सा सुनाता हूं अलीगढ़ में स्ट्रींगर्स के चौधरी इस समूह की कारकरदगी समझ में आएगी…. बात शायद 2004 की है….मै इंडिया टीवी में आऊपुट यानी डेस्क का शिफ़्ट इंचार्ज था…अलीगढ़ से एक स्टोरी हमें असाईमेंट से फारवर्ड हूई जिसमें अलीगढ़ पुलिस ने किसी साईबर कैफे पर दबिश दी और वहां मौजूद लड़के लड़कियों से काफी बदसलूकी की…
मैंने जब फुटेज देखा तो स्टोरी का बिलकुल अलग एंगल नजर आया. अलीगढ की पुलिस लड़कियों को बाल पकड़ पकड़ के खींच कर निकाल रही थी…ये अशोभनीय था क्योकि पुलिस के दस्ते में कोई महिला पुलिस नहीं थी…स्टोरी जो आई थी वो ये थी कि कैसे अलीगढ़ में नौजवान कैफे में DATING करते हैं…और पढ़ाई लिखाई के वक्त यह सब डेटिंग वगैरह करते हैं…वगैरह वगैरह…
बतौर मीडियाकर्मी मैने फुटेज को तर्जी दी और स्टोरी पलट गई… दो दिन तक इंडिया टीवी पर छात्राओं के साथ पुलिस के अनप्रोवोक्ड दुरव्यहार की खबर खूब चली…तत्कालीन एसपी महोदय के हाथ पैर फूल गए…मेरे ज़ाती जानने वाले स्ट्रिंगर ने मुझे फोन पर एसपी और उसी ठेकेदार स्ट्रिंगर की बात चीत सुनाई…वो स्ट्रिंगर ठेकेदार मुझे जबरदस्त गालियां दे रहा था….”सर ये जैदी का किया धरा है…उसको तो मैं देख लूंगा…आने दीजए अलीगढ़ वो तो आता रहता है…”
मामले ने तूल पकड़ लिया …विधानसभा में सवाल उठ गए…डीजीपी महोदय को बयान देना पड़ा …एसपी महोदय का ट्रांसफर हुआ.. ये तो हुआ इनका बैकग्राऊंड…
अब सुनिये जिन्ना की कहानी कैसे बनाई गई….मैंने यूनियन हाल में पहली बार 1988 में जिन्ना की तस्वीर देखी था..और भी तस्वीरें थी…जाहिर है दशकों से लगी है…. मुझे मिली जानकारी के अनुसार उसी स्ट्रिंगर ठेकेदार ने फोटो को शूट किया अलीगढ़ के MP सतीश गौतम को वो फोटो दिखाई गई औऱ कहा गया….बड़ा मुद्दा बनेगा…आप पत्र लिखिए वीसी को….सतीश गौतम ने पत्र लिख कर हटाने की मांग कर डाली स्टोरी तैयार……. हालांकि बाद में मामले को तूल पकड़ता देख कर सतीश गौतम ने पलटी मारी….और बोला कि मैने तो ये लिखा था की देखिए की लगी है कि नहीं औऱ जांच की जाए इत्यादि…
स्टोरी आईबीएन यानी मौजूदा TV 18 न्यूज को दी गई और फिर आगे सब इतिहास है… मैंने इन स्ट्रींगर बंधुओं के साथ अपना तजुर्बा लिखा है…जो लोग उस समय मेरे साथ इडिया टीवी में थे वो इसका सत्यापन कर सकते हैं…. यानी आप समझे कैसे चैनलों द्वारा नरेटिव तैयार किए जाते हैं… कैसे स्ट्रींगर्स नंबर बढाने के लिए या अपनी आईडियोलाजी को पोषित करने के लिए ये काम करते हैं… लगभग अस्सी सालों से लगी तस्वीर की अब खबर ली गई…भारत में कई और जगह जिन्ना की तस्वीर मौजूग है लेकिन… जिन्ना के जिन को AMU से ही निकालना था ना बात तो तभी बनती एजेंडा तभी रंग लाता….सियासत जो ना कराए
वरिष्ठ पत्रकार सैयदेन जैदी की एफबी वॉल से.
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