Krishna Kant : भारतीय सवर्ण मर्द के पास महिला की बात का जवाब नहीं होता तो तुरंत चरित्र हनन पर उतर आता है. यह पाखंडी समाज है इसलिए किसी का भी चरित्र हनन बहुत कारगर हथियार है. प्राय: पति जब पत्नी से हारता है तो लांछन लगा देता है. कोई किसी से हारता है तो उसके चरित्र पर कीचड़ उचाल देता है. सोशल मीडिया पर महिलाओं को गालियां देने वाले कौन लोग हैं?
श्रुति सेठ, कविता कृष्णन, शर्मिला टैगोर, शोभा डे… आदि को लेकर चारित्रिक अभियान चलाने वाले कौन लोग हैं? ये ऐसे गिरे हुए गलीज संस्कारी हैं कि यदि सुषमा स्वराज भी मोदी या संघ पर उंगली उठा दें तो ये लोग उन जैसी भद्र महिला के साथ भी यही करेंगे. सोनिया गांधी को लेकर अश्लील चुटकुले पिछले कुछ सालों में खूब मजे लेकर शेयर किए गए. गांधी और नेहरू की फोटोशाप्ड पिक्चर पर इन सिपाहियों ने बड़ी मेहनत की है.
इनकी खासियत देखिए कि ये माताओं बहनों की इज्जत के लिए ही जीते हैं. स्वनामधन्य संस्कारवान होते हैं. ईश्वर में जान देने की हद तक भरोसा है. गोमूत्र तक का अपमान नहीं सह सकते. उस संगठन के समर्थक हैं जो 90 साल तक मेहनत करके इनका चरित्र निर्माण कर पाया है. ये भारत मां की अस्मिता के रखवाले हैं. देवी की पूजा करते हैं. गाय माता के लिए सर काटने और कटाने के लिए तैयार हैं.
दलितों, महिलाओं, मुसलमानों से घृणा करने वाले लोगों में एक खास समानता है कि वे सवर्ण हिंदू हैं और आरएसएस समर्थक हैं. ये खास लोगों की खास प्रवृत्ति है जिसके मूल में वर्णव्यवस्था है. वह वर्णव्यवस्था जहां दलित और महिलाएं अछूत हैं, कमतर हैं. मुसलमान म्लेच्छ है. जहां भी स्त्रियों की असहमति का सामना हो, उन्हें रंडी बता देते हैं. कुछ नमूने उपर और नीचे दिए गए हैं, देखें.
युवा पत्रकार कृष्णकांत के फेसबुक वॉल से.
prashant
October 23, 2015 at 1:21 am
Lagta hai writers ne Shobha De aur Kavita Krishnan ki tweets nahi padhi.
Ye khud hee bolti hai ki inhone kai mardo se sambandh banaye. Shadi se pehle aur shadi ke baad bhi.
Jo log gali de rahe hai wo to obviously galat hai. But wo kya galat bol rahe hai, ispe debate ho sakta hai.
Rahi shruti seth ki baat, to aapne comedy circus nam ka show agar dekha ho jaha ye waha anchoring karti thi. In par waha in par bhadde bhadde jokes padte hai. Yha tak ki bol diya jata tha .. ki ye producer ke sath soti hai. Ye sirf tange dikhane aati hai. phir bhi waha ye un par hasti rehti thi.
Ye to hypocrisy hai in logo ki. Jitna kaho kam hai.
ajyavir
October 24, 2015 at 7:57 pm
sahi likha hai inke lye.
Raghu
May 1, 2019 at 9:03 pm
Meramitro..mere pyare deshbakt ..me apni ma ko chod k baag gaya…apni patni ko char Mardi k samne range phailane ko majboor ja gaya…me Muslim mahilao ko haq dilaunga..Jano me koun napunsak hu…???