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मध्य प्रदेश

‘मध्य प्रदेश जनसंदेश, सतना’ के साथ जुड़ाव का एक वर्ष पूरा हो गया

Yogesh Gupta : स्नेही मित्रों …. मध्य प्रदेश जनसंदेश, सतना के साथ जुड़ाव का एक वर्ष पूरा हो गया. संपादक राजेश श्रीनेत जी के बुलावे पर पिछले वर्ष नवरात्र के चौथे दिन आठ अक्टूबर को भरे मन से बनारस छोड़कर आया था. मन में शंका थी कि पचासे की लपेट में पहुँच चुकी उम्र अनजान शहर में कैसे गुजरेगी. लेकिन माँ शारदा की कृपा देखिये कि अब तक सब कुशल मंगल है.

<p>Yogesh Gupta : स्नेही मित्रों .... मध्य प्रदेश जनसंदेश, सतना के साथ जुड़ाव का एक वर्ष पूरा हो गया. संपादक राजेश श्रीनेत जी के बुलावे पर पिछले वर्ष नवरात्र के चौथे दिन आठ अक्टूबर को भरे मन से बनारस छोड़कर आया था. मन में शंका थी कि पचासे की लपेट में पहुँच चुकी उम्र अनजान शहर में कैसे गुजरेगी. लेकिन माँ शारदा की कृपा देखिये कि अब तक सब कुशल मंगल है.</p>

Yogesh Gupta : स्नेही मित्रों …. मध्य प्रदेश जनसंदेश, सतना के साथ जुड़ाव का एक वर्ष पूरा हो गया. संपादक राजेश श्रीनेत जी के बुलावे पर पिछले वर्ष नवरात्र के चौथे दिन आठ अक्टूबर को भरे मन से बनारस छोड़कर आया था. मन में शंका थी कि पचासे की लपेट में पहुँच चुकी उम्र अनजान शहर में कैसे गुजरेगी. लेकिन माँ शारदा की कृपा देखिये कि अब तक सब कुशल मंगल है.

अखबार के मालिकान, जी एम बिशेन जी, संपादक जी और समस्त सहयोगी कर्मचारियों का यह स्नेह ही था कि पता ही नहीं चला और साल गुजर गया. इसी खुशी में मैंने अखबार के सभी सहयोगियों के साथ बुधवार की शाम पेटीज और केक का स्वाद लिया. उम्मीद है कि धीरे-धीरे प्रगति के पथ पर अग्रसर इस संस्थान का साथ आगे भी बना रहेगा.

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‘मध्य प्रदेश जनसंदेश’ अखबार के सतना संस्करण से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार योगेश गुप्त पप्पू के फेसबुक वॉल से.

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0 Comments

  1. vishvtara

    October 11, 2014 at 8:47 am

    बिसेन इसकी बरसी निकाल कर ही दम लेंगे
    किसी तरह एक साल पूरे कर लिये जन सदेष ने। बिसेन इस अखबार में अजगर की तरह बैठे हुए हैं। अखबार मालिक को उम्मीद थी कि अखबार का प्रसार तीस चालीस हजार हो जाएगा। लेकिन बिसेन ऐसा नहीं कर पाए। नित्य अखबार मालिक को बरगलाते रहते हैं। झूठे सब्जबाग दिखा कर। बिसेन की पूरी कोशिश रहती है कि कोई भी अच्छा और जानकार आदमी अखबार में न घुस पाए। यदि मालिक ने किसी को लाया भी तो उसके बारे में गलत जानकारी देकर उसकी इंट्री बंद करा देते हैं। यही वजह है कि अखबार दस हजार से आगे नही बढ़ा सका साल भर में भी। जबकि प़ित्रका बाद में आया, आज उसकी सारकुलेशन विध्यं में सबसे अधिक हो गया है। लोग सच ही कहते हैं कि अखबार जगत में अखबार वाले ही अच्छे लोगों को उठने नहीं देते। वही पहले उनकी टांग खींचते है। अमर उजाला में प्रसार देखने वाले बिसेन आज प्रबंध संपादक हो गए। दैनिक जागरण रीवा में जिस तरह निकाले गए थे ठीक उसी तरह उनके दिन अब आने लगे हैं। बेचार बिसेन

  2. a.k mishra allahabad

    October 20, 2014 at 9:03 am

    ajay bisyen ko lagata hai abhi samajh nahi pay ho.

    jaab samajh javo gey to boolana band kar doge.

  3. vishwatara doosare

    December 7, 2014 at 8:55 pm

    Dhyanarth admin:
    Kisi ne farzi id banakar mere naam ka istemal kar ajay bisen ji k bare me galat shabdo ka upyog kiya h.
    Dhanyabaad

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