यशवंत सिंह-
सीएम योगी आदित्यनाथ से ऐसी उम्मीद न थी. एक योगी नामधारी शख्स से ऐसी भाषा की तो कतई उम्मीद न थी. वह भी तब जब यह योगी इतने बड़े प्रदेश की सीएम की कुर्सी पर बैठा हो. सीएम आदित्यनाथ योगी ने वीडियो न्यूज एजेंसी एएनआई के कैमरामैन को ‘चूतिया’ बोल दिया. उनका यह गुस्सा, यह अभद्र वचन लाइव टेलीकास्ट हो गया. इसके कारण हर ओर सीएम योगी की किरकिरी हो रही है.
सीएम योगी के भक्त गण, आईटी सेल और नौकरशाही डैमेज कंट्रोल में जुट गई है. हर तरफ झूठ फैलाया जा रहा है कि सीएम योगी द्वारा गाली दिए जाने वाला वीडियो फर्जी है, एडिटेड है. साथ ही वीडियो शेयर करने वालों को मुकदमा झेलने की धमकी दी जा रही है. पर सच्चाई ये है कि सीएम योगी द्वारा गाली दिए जाने वाला वीडियो बिलकुल सही है. इस वीडियो का लाइव टेलीकास्ट भी दो भक्त चैनलों पर हो चुका है.
कोविड वैक्सीन लगवाने के बाद जब सीएम योगी से एएनआई का रिपोर्टर बाइट ले रहा था तो योगी के मुखारबिंदु से निकलने वाले शब्दों को तत्काल दो भक्त चैनलों ने लाइव प्रसारित करना शुरू कर दिया. इसी दौरान एएनआई की रिकार्डिंग में कुछ डिस्टर्बेंस होने से सीएम योगी का धैर्य चुक गया और कैमरामैन को चूतिया बोल बैठे. तब तक इस सदवचन का दो दो भक्त चैनलों पर प्रसारण भी हो चुका था.
सीएम योगी द्वारा देश की जानी मानी वीडियो न्यूज एजेंसी एएनआई के कैमरामैन को गाली दिए जाने के मुद्दे पर पूरा मीडिया जगत खामोश है. निन्नायनबे फीसदी से ज्यादा चैनल तो भक्त चैनल में तब्दील हो चुके हैं. जो कुछ एक भक्त चैनल नहीं हैं वे भी डैमेज कंट्रोल की कवायद में फंस चुके हैं. अगर यही गाली अरविंद केजरीवाल या राहुल गांधी के मुंह से निकली होती तो भारतीय मीडिया अब तक आसमान सिर पर उठा चुका होता और पूरे देश की जनता को बता चुका होता कि ये नेता कितने गंदे हैं. पर ये कांड बीजेपी के एक सीएम द्वारा किया गया है इसलिए उनका हर खून माफ.
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सुरेशचंद्र रोहरा
April 5, 2021 at 8:17 pm
अभिनंदन आपका,आपके विजन, दृष्टि के लिए… सच्चे अर्थों में गणेश शंकर विद्यार्थी की परंपरा को आप बढ़ा रहे हैं
हरिप्रकाश शुक्ला
April 6, 2021 at 8:58 am
चूतिया उत्तर प्रदेश की आम भाषा है, जो पत्रकारों पर सटीक बैठती है, इसमें कैमरामैन भी चपेटे में आ जाते हैं…पश्चिमी यूपी के खिलाड़ियों को भी पता है. कभी उत्तराखंडियों, पंजाबियों को चूतिया कहते सुना है…अगर नहीं तो चूतिया संपादकों से उन्हें चूतिया पुकारते जरूर सुनिये…चूतिया के भी लिंग भेद बताएंगे..ये भी बताएंगे सभी चूतिये किसी ना किसी के मीडिया सलाहकार बने हुए हैं…कोई भाजपा के, कोई कांग्रेस के, कोई वामपंथियों के, कोई सरकार के तो कोई विपक्षियों के… योगी अगर अपने मीडियाकर्मी सलाहकार को चूतिया कहें, तो इसमें कोई नई बात नहीं है…भड़ास के संपादक को भी किसी मीडिया गुरु ने कभी चूतिया तो जरूर कहा होगा…
– अथ श्री चूतियाश्री कथा
रामभुवनसिंह कुशवाह
August 15, 2021 at 5:28 am
यशवंत सिंह जी !आप अपनी भड़ास अवश्य निकाल लीजिए। यह आपका कर्म और धर्म है।पर “चुटिया”शब्द बहुत बड़ी गाली नहीं है बल्कि अपनत्व भारी एक झिड़की है।सामान्यतः मित्र लोग,कार्यलयों में कार्यरत संगी साथी अक्सर ऐसा कहते रहते है।पत्रकारों को तो नित्य ऐसे संबोधन उसके कार्य सुधार के लिए मिलते रहते हैं।जब चुतियापा होता है तभी चूतिया कहा जाता है।